रविवार, 7 जुलाई 2013

Mumbai-Hanging Garden/ Firoz Shah Mehta Garden मुम्बई का हैंगिंग गार्ड़न/ फ़िरोज शाह मेहता गार्ड़न

EAST COAST TO WEST COAST-30                                                                   SANDEEP PANWAR
बाबुलनाथ मन्दिर देखने के बाद हम वापिस सड़क पर आये यहाँ पर विशाल ने मुम्बई की मालाबार पहाड़ी पर बने शानदार हैंगिंग गार्ड़न जिसे फ़िरोज शाह मेहता पार्क भी कहते है, में जाने का मार्ग पता किया। हमें बताया गया कि यदि आप लोग पैदल चलने की हिम्मत रखते हो यहाँ से आधा किमी पैदल मार्ग से उस पार्क में पहुँच सकते हो। यदि पैदल नहीं चल सकते हो तो बस से पूरी मालाबार हिल को कई किमी घूम कर आना होगा। हमने पैदल वाले शार्टकट से उस पार्क तक पहुँचने की योजना पर अमल करना शुरु कर दिया। जैसे हमें बताया गया था हम वैसे ही पहाड़ी पर ऊपर जाती हुई पक्की सीढियाँ चढ़ते हुए ऊपर चलते गये। कुछ देर बाद यह सीढियाँ जहाँ समाप्त हुई वहाँ पर हमें वह पार्क दिखायी देने लगा जिसे देखने हम बस से आने वाले थे।




इस पार्क तक पहुँचने के लिये हमें काफ़ी ऊचाँई तय करनी पड़ी। पीने के पानी की बोतल हमारे पास नहीं थी इसलिये पार्क में पहुँचते ही सबसे पहले पीने का पानी तलाश किया। पेट भर पानी पीने व हाथ-मुँह धोने के उपराँत ही हम पार्क में घूमने निकल सके। वैसे तो पार्क ने पहली नजर में ही हमारा मन खुशियों से भर दिया था लेकिन सबसे अच्छा तो पार्क में टहलते हुए लग रहा था। पार्क में टहलने के लिये बनायी गयी गलियाँ, लाल रंग से बदरपुर जैसी मिट्टी ड़ाल कर बढ़िया बनायी गयी थी।

पार्क का असली क्षेत्रफ़ल कितना मैंने यह पता लगाने की कोशिश नहीं कि क्योंकि पार्क अपने आप में ही इतना विशाल है इसे पूरा घूमने के लिये घन्टे भर से ज्यादा पैदल चलना पड़ेगा। घन्टे भर पैदल चलकर कोई भी बन्दा किसी पेड़ की छाँव में बहुत देर बैठकर विश्राम भी करेगा। हम दोनों कुछ अलग खोपड़ी के प्राणी थे सुबह से लेकर अब तक कई घन्टे होने जा रहे थे लेकिन हम कही भी पल भर को बैठे भी नहीं थे।

इस पार्क को हमने जी भर कर देखा, सुबह कोई 9-10 का समय तो रहा होगा, जिस कारण पार्क में आने वालों की भीड़ तो क्या मुश्किल से ही गिने-चुने लोग वहाँ दिखायी दे रहे थे। पार्क में फ़ूलों की विभिन्न प्रकार की कई प्रजातियाँ थी। उनमें से हमने कई के फ़ोटो भी लिये है। बहुत सारे फ़ूलों के फ़ोटों अधिक संख्या होने के कारण रह गये है। फ़ूलों को पीछे छोड़कर हम पार्क के अन्य हिस्से को देखते हुए दूसरे मार्ग से बाहर निकलने की कोशिश करने लगे।

जिस मार्ग से हमने यहाँ प्रवेश किया था यदि उसी मार्ग से बाहर आते तो हमें एक किमी के करीब दूरी तय कर वही आना पड़ता जहां पर दूसरा दरवाजा बनाया गया। दूसरे दरवाजे के ठीक बाहर से लोकल बसे मिलती है बस स्थानक के साथ लगता हुआ कमला नेहरु पार्क बना हुआ है। जब यहाँ तक आये है तो कमला नेहरु पार्क को ही क्यों छोड़ना था। पार्क से बाहर निकलने वाले मार्ग के पास बेल और पौधों की हरी-भरी गली बनायी गयी थी। गर्मी से परेशान होकर जब हम उस हरी-भरी गली से होकर निकल रहे थे तो ऐसा लगता था जैसे किसी ठन्ड़ी गली से कही जा रहे हो।


दरवाजे से बाहर निकलते ही सड़क पर काफ़ी बड़ा खुला हुआ स्थान दिखायी देता है यही पर बेस्ट की बसे आकर समाप्त होती है जिससे जाहिर है कि यही से कई स्थानों के लिये बस आरम्भ भी होती है हमें यही से बस पकड़ कर गिरगाँव चौपाटी की ओर जाना था लेकिन बस में बैठने से पहले कमला नेहरु पार्क को भी घन्टा भर का समय देना जरुरी था। चलो पहले कमला नेहरु पार्क देखते है फ़िर चौपाटी भी देखते हुए आगे बढ़ चलेंगे। (क्रमश:)
विशाखापटनम-श्रीशैल-नान्देड़-बोम्बे-माथेरान यात्रा के आंध्रप्रदेश इलाके की यात्रा के क्रमवार लिंक नीचे दिये गये है।
15. महाराष्ट्र के एक गाँव में शादी की तैयारियाँ।
16. महाराष्ट्र की ग्रामीण शादी का आँखों देखा वर्णन।
17. महाराष्ट्र के एक गाँव के खेत-खलिहान की यात्रा।
18. महाराष्ट्र के गाँव में संतरे के बाग की यात्रा।
19. नान्देड़ का श्रीसचखन्ड़ गुरुद्धारा
20. नान्देड़ से बोम्बे/नेरल तक की रेल यात्रा।
21. नेरल से माथेरान तक छोटी रेल (जिसे टॉय ट्रेन भी कहते है) की यात्रा।
22. माथेरान का खन्ड़ाला व एलेक्जेन्ड़र पॉइन्ट।
23. माथेरान की खतरनाक वन ट्री हिल पहाड़ी पर चढ़ने का रोमांच।
24. माथेरान का पिसरनाथ मन्दिर व सेरलेक झील।
25. माथेरान का इको पॉइन्ट व वापसी यात्रा।
26. माथेरान से बोम्बे वाया वसई रोड़ मुम्बई लोकल की भीड़भरी यात्रा।
विशाखापटनम-श्रीशैल-नान्देड़-बोम्बे-माथेरान यात्रा के बोम्बे शहर की यात्रा के क्रमवार लिंक नीचे दिये गये है।
27. सिद्धी विनायक मन्दिर व हाजी अली की कब्र/दरगाह
28. महालक्ष्मी मन्दिर व धकलेश्वर मन्दिर, पाताली हनुमान।
29. मुम्बई का बाबुलनाथ मन्दिर
30. मुम्बई का सुन्दरतम हैंगिग गार्ड़न जिसे फ़िरोजशाह पार्क भी कहते है।
31. कमला नेहरु पार्क व बोम्बे की बस सेवा बेस्ट की सवारी
32. गिरगाँव चौपाटी, मरीन ड्राइव व नरीमन पॉइन्ट बीच
33. बोम्बे का महल जैसा रेलवे का छत्रपति शिवाजी टर्मिनल
34. बोम्बे का गेटवे ऑफ़ इन्डिया व ताज होटल।
35. मुम्बई लोकल ट्रेन की पूरी जानकारी सहित यात्रा।
36. बोम्बे से दिल्ली तक की यात्रा का वर्णन
























3 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

मुम्बई में इतना खुला और हराभरा स्थान, विश्वास ही नहीं होता।

Ritesh Gupta ने कहा…

aapki nazaro se hanging garden dekhkar accha laga...

Vidhan Chandra ने कहा…

shaandar photography!!

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