SPITI RIVER लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
SPITI RIVER लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

सोमवार, 23 दिसंबर 2013

key gompa monastery & kibber village की गोम्पा व किब्बर गाँव

किन्नौर व लाहौल-स्पीति की बाइक यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये है।
11- सतलुज व स्पीति के संगम (काजिंग) से नाको गाँव की झील तल
12- नाको गाँव की झील देखकर खतरनाक मलिंग नाला पार कर खरदांगपो तक
13- खरदांगपो से सुमडो (कौरिक बार्ड़र) के पास ममी वाले गियु गाँव तक (चीन की सीमा सिर्फ़ दो किमी) 
14- गियु में लामा की 500 वर्ष पुरानी ममी देखकर टाबो की मोनेस्ट्री तक
15- ताबो मोनेस्ट्री जो 1000 वर्ष पहले बनायी गयी थी।
16- ताबो से धनकर मोनेस्ट्री पहुँचने में कुदरत के एक से एक नजारे
17- धनकर गोम्पा (मठ) से काजा
18- की गोम्पा (मठ) व सड़क से जुड़ा दुनिया का सबसे ऊँचा किब्बर गाँव (अब नहीं रहा)
20- कुन्जुम दर्रे के पास (12 km) स्थित चन्द्रताल की बाइक व ट्रेकिंग यात्रा
21- चन्द्रताल मोड बातल से ग्रामफ़ू होकर रोहतांग दर्रे तक
22- रोहतांग दर्रे पर वेद व्यास कुन्ड़ जहां से व्यास नदी का आरम्भ होता है।
23- मनाली का वशिष्ट मन्दिर व गर्म पानी का स्रोत

KINNAUR, LAHUL SPITI, BIKE TRIP-18                                       SANDEEP PANWAR

हिमाचल के दुर्गम पहाडों के बीच काजा स्थित है। दुर्गम पहाडों के हिसाब से काजा एक अच्छा खासा शहर है। हर तरह की सुख सुविधाएँ यहाँ उपलब्ध है। काजा समुन्द्रतल से 3650 मीटर अर्थात 11980 से 12500 फ़ुट की ऊँचाई पर बसा हुआ है। हमने काजा में घुसते ही पैट्रोल पम्प के बारे में जानकारी ली। शिमला की तरफ़ से आते हुए पैट्रोल पम्प उल्टे हाथ मिलता है। बाइक में सांगला से टैंक फ़ुल कराकर चले थे। सांगला से यहाँ तक कोई पैट्रोल पम्प दिखाई नहीं दिया। हो सकता है कि बीच में आने वाले कस्बे पूह में कही रहा हो, लेकिन हमें दिखाई नहीं दिया। 


शनिवार, 21 दिसंबर 2013

Dhankar Monastery To Kaja धनकर गोम्पा (मठ) से काजा

किन्नौर व लाहौल-स्पीति की बाइक यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये है।
11- सतलुज व स्पीति के संगम (काजिंग) से नाको गाँव की झील तल
12- नाको गाँव की झील देखकर खतरनाक मलिंग नाला पार कर खरदांगपो तक
13- खरदांगपो से सुमडो (कौरिक बार्ड़र) के पास ममी वाले गियु गाँव तक (चीन की सीमा सिर्फ़ दो किमी) 
14- गियु में लामा की 500 वर्ष पुरानी ममी देखकर टाबो की मोनेस्ट्री तक
15- ताबो मोनेस्ट्री जो 1000 वर्ष पहले बनायी गयी थी।
16- ताबो से धनकर मोनेस्ट्री पहुँचने में कुदरत के एक से एक नजारे
17- धनकर गोम्पा (मठ) से काजा
18- की गोम्पा (मठ) व सड़क से जुड़ा दुनिया का सबसे ऊँचा किब्बर गाँव (अब नहीं रहा)
20- कुन्जुम दर्रे के पास (12 km) स्थित चन्द्रताल की बाइक व ट्रेकिंग यात्रा
21- चन्द्रताल मोड बातल से ग्रामफ़ू होकर रोहतांग दर्रे तक
22- रोहतांग दर्रे पर वेद व्यास कुन्ड़ जहां से व्यास नदी का आरम्भ होता है।
23- मनाली का वशिष्ट मन्दिर व गर्म पानी का स्रोत

KINNAUR, LAHUL SPITI, BIKE TRIP-17                                       SANDEEP PANWAR

धनकर गोम्पा समुन्द्र तल से 3894 मीटर ऊँचा है। गोम्पा तक पहुँचने के लिये मिट्टी की मिसाइल जैसी चट्टानों से बचते हुए निकलना पड़ता है। धनकर मठ से सिर्फ़ आठ-दस मीटर पहले तक हमारी बाइक पहुँच गयी थी जिससे पैदल चलने की नौबत नहीं आयी। बाइक से उतरते ही मठ के आसपास के फ़ोटो लेने शुरु कर दिये। इस मठ से थोड़ा हटकर एक किला भी बताया गया था। वहाँ खड़े एक बन्दे से किले के बारे में पूछा तो जवाब मिला कि किले में मरम्मत कार्य चल रहा है। किला काफ़ी जर्जर हो चुका है। मनु ऊपर की ओर चला गया जबकि राकेश और मैं मोनेस्ट्री देखने चल दिये।

शुक्रवार, 20 दिसंबर 2013

Tabo to Dhankar Monastery, Spiti ताबो से धनकर मोनेस्ट्री

किन्नौर व लाहौल-स्पीति की बाइक यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये है।
11- सतलुज व स्पीति के संगम (काजिंग) से नाको गाँव की झील तल
12- नाको गाँव की झील देखकर खतरनाक मलिंग नाला पार कर खरदांगपो तक
13- खरदांगपो से सुमडो (कौरिक बार्ड़र) के पास ममी वाले गियु गाँव तक (चीन की सीमा सिर्फ़ दो किमी) 
14- गियु में लामा की 500 वर्ष पुरानी ममी देखकर टाबो की मोनेस्ट्री तक
15- ताबो मोनेस्ट्री जो 1000 वर्ष पहले बनायी गयी थी।
16- ताबो से धनकर मोनेस्ट्री पहुँचने में कुदरत के एक से एक नजारे
17- धनकर गोम्पा (मठ) से काजा
18- की गोम्पा (मठ) व सड़क से जुड़ा दुनिया का सबसे ऊँचा किब्बर गाँव (अब नहीं रहा)
20- कुन्जुम दर्रे के पास (12 km) स्थित चन्द्रताल की बाइक व ट्रेकिंग यात्रा
21- चन्द्रताल मोड बातल से ग्रामफ़ू होकर रोहतांग दर्रे तक
22- रोहतांग दर्रे पर वेद व्यास कुन्ड़ जहां से व्यास नदी का आरम्भ होता है।
23- मनाली का वशिष्ट मन्दिर व गर्म पानी का स्रोत

KINNAUR, LAHUL SPITI, BIKE TRIP-16                                       SANDEEP PANWAR

ताबो मोनेस्ट्री सुबह के समय देखी जा सकती थी लेकिन चित्रकारी वाले कमरों में फ़ोटो लेनी पर रोक होने के कारण, हमारी रुचि ताबो मोनेस्ट्री स्थित चित्रकारी वाले कमरों को देखने में नहीं रह गयी थी। मोनेस्ट्री में चित्रकारी वाले कमरे सुबह 9 बजे के बाद बाहरी लोगों के लिये खोले जाते है। इस प्रकार ताबो से चित्रकारी देखने के बाद चलने में ही 10 बज जायेंगे। मैंने कह दिया, मुझे नहीं जाना मोनेस्ट्री देखने? स्पीति में आगे और बहुत सारी मोनेस्ट्री आयेंगी, उन्हे देख लेंगे। सामने वाले पहाड़ पर हिमालय की अजंता ऐलौरा वाली गुफ़ाएँ बतायी गयी थी। अब उन्हे भी छोड़ दिया गया। अगले साल एक बार फ़िर इस मार्ग पर अपनी यात्रा की सम्भावना है बचे कुचे स्थल उस यात्रा के लिये भी रहने चाहिए ना। यदि सब कुछ एक बार में ही देख लिया तो उसके बाद यहाँ घन्टा बजाने के लिये नहीं बचेगा। सामने वाले पहाड़ पर ऊपर की ओर तिब्बती भाषा में कुछ लिखा था, हमारे पल्ले नहीं पड़ा कि क्या लिखा था।

मंगलवार, 17 दिसंबर 2013

Khurdangpo- Sumdo (kaurik Border)- Gue Village खरदांगपो से सुमडो (कौरिक बार्ड़र) होकर गियु ममी वाले गाँव तक

किन्नौर व लाहौल-स्पीति की बाइक यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये है।
11- सतलुज व स्पीति के संगम (काजिंग) से नाको गाँव की झील तल
12- नाको गाँव की झील देखकर खतरनाक मलिंग नाला पार कर खरदांगपो तक
13- खरदांगपो से सुमडो (कौरिक बार्ड़र) के पास ममी वाले गियु गाँव तक (चीन की सीमा सिर्फ़ दो किमी) 
14- गियु में लामा की 500 वर्ष पुरानी ममी देखकर टाबो की मोनेस्ट्री तक
15- ताबो मोनेस्ट्री जो 1000 वर्ष पहले बनायी गयी थी।
16- ताबो से धनकर मोनेस्ट्री पहुँचने में कुदरत के एक से एक नजारे
17- धनकर गोम्पा (मठ) से काजा
18- की गोम्पा (मठ) व सड़क से जुड़ा दुनिया का सबसे ऊँचा किब्बर गाँव (अब नहीं रहा)
20- कुन्जुम दर्रे के पास (12 km) स्थित चन्द्रताल की बाइक व ट्रेकिंग यात्रा
21- चन्द्रताल मोड बातल से ग्रामफ़ू होकर रोहतांग दर्रे तक
22- रोहतांग दर्रे पर वेद व्यास कुन्ड़ जहां से व्यास नदी का आरम्भ होता है।
23- मनाली का वशिष्ट मन्दिर व गर्म पानी का स्रोत

KINNAUR, LAHUL SPITI, BIKE TRIP-13                                 SANDEEP PANWAR

मलिंग नाले पर ड़रावनी जगह पार करने के बाद जो उतराई आती है। वह कई किमी लम्बी चली। इस उतराई में आगे जाने पर काजिंग जैसे लूप वाली उतराई भी आयी। मनु हमारे पीछे आ रहा था। मनु का इरादा यहाँ के पहाड़ में हुई कटिंग को नजदीक से देखने का था। सुनहरे व भूरे रंग के पहाड़ की कटिंग देखकर लेह वाली यात्रा से इसकी तुलना होने लगी। कटिंग वाला पहाड़ देखने में ऐसा लगता था जैसे पहाड़ को बारिश के पानी ने घिस कर डिजाइन बनाया हो। कटिंग वाले पहाड़ के ऊपर पहुँच चुके थे। जिस पहाड़ पर हम खड़े थे उसके सामने वाली पहाडी पर भी कुदरत का नायाब नमूना दिखायी दे रहा था। अब तक मनु हमारे पास आ चुका था। मनु ने आते ही हम दोनों को जमकर सुनायी कि सामने वाले पहाड़ पर इस डिजाइन के बीच खड़े होकर फ़ोटो खिचवा सकते थे। तुम्हे तो भागने की मची रहती है। अब 1 किमी आगे निकल आये चलो। अच्छा वापिस चलते है। वापिस जाने को कोई तैयार नहीं हुआ।


Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...