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शनिवार, 3 जून 2017

Complete Itinerary of Andaman & Nicobar Islands

TRAVEL PLANNER----- HOW TO PLAN ANDAMAN ISLANDS TOUR अंडमान निकोबार द्वीप समूह की यात्रा का कार्यक्रम कैसे बनायें?

Complete Itinerary of my Andaman & Nicobar Islands journey.

Visited: Port Blair, Baratang, Rangat, Diglipur, Havelock islands, Neil Island, Ross Island.

Complete Itinerary is here. (Total 11 days)

बुधवार, 1 मार्च 2017

Travel to new Wandoor Beach, Port Blair वंडूर बीच, पोर्ट ब्लेयर



अंडमान व निकोबार की इस यात्रा में आपने अभी तक पोर्टब्लेयर का Chidiya Tapu, डिगलीपुर में अंडमान की सबसे ऊँची चोटी Saddle Peak, अंग्रेजों की क्रूरता की निशानी Cellular Jail, Haw lock island के सुन्दर तट और खूबसूरत Neil island, अंग्रेजों का मुख्यालय Ross island, Samudrika संग्रहालय, Mount harriet National Park देखा। इस यात्रा को शुरु से पढना हो तो यहाँ माऊस से चटका लगाकर  सम्पूर्ण यात्रा वृतांत का आनन्द ले। इस लेख की यात्रा दिनांक 29-06-2014 को की गयी थी
NEW WANDOOR BEACH & ORGANIC HORTICULTURE FARM, PORT BLAIR वंडूर बीच व जैविक बागवानी फार्म की यात्रा

सोमवार, 27 फ़रवरी 2017

Mount harriet National park माऊँट हैरिएट नेशनल पार्क

आज चलते है माऊँट हैरिएट की सैर पर


अंडमान व निकोबार द्वीप समूह की इस यात्रा में आपने अभी तक पोर्टब्लेयर का चिडिया टापू, डिगलीपुर में अंडमान की सबसे ऊँची चोटी सैडल पीक, अंग्रेजों की क्रूरता की निशानी सेल्यूलर जेल, हैवलाक द्वीप के सुन्दर तट और खूबसूरत नील द्वीप, अंग्रेजों का मुख्यालय रॉस द्वीप, समुद्रिका संग्रहालय देखा। आज चलते है माऊँट हैरिएट की चोटी के ओर। इस यात्रा को शुरु से पढना हो तो यहाँ माऊस से चटका लगाकर  सम्पूर्ण यात्रा वृतांत का आनन्द ले। इस लेख की यात्रा दिनांक 29-06-2014 को की गयी थी
MOUNT HARRIET NATIONAL PARK TREKKING, PORT BLAIR हैरियट पर्वत के वन्य जीव अभ्यारण की यात्रा

शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2017

SAMUDRIKA, NAVAL MARINE MUSEUM, PORT BLAIR



अंडमान व निकोबार की इस यात्रा में आपने अभी तक पोर्टब्लेयर का चिडिया टापू, डिगलीपुर में अंडमान की सबसे ऊँची चोटी सैडल पीक, अंग्रेजों की क्रूरता की निशानी सेल्यूलर जेल, हैवलाक द्वीप के सुन्दर तट और खूबसूरत नील द्वीप, अंग्रेजों का मुख्यालय रॉस द्वीप देखा। इस यात्रा को शुरु से पढना हो तो यहाँ माऊस से चटका लगाकर  सम्पूर्ण यात्रा वृतांत का आनन्द ले। इस लेख की यात्रा दिनांक 28-06-2014 को की गयी थी
समुद्रिका नौसैना संग्रहालय, पोर्ट ब्लेयर SAMUDRIKA, NAVAL MARINE MUSEUM, PORT BLAIR, ANDAMAN,
समुद्रिका नवल मरीन म्यूजियम व अंडमान टील हाउस कैसे पहुँचे?

शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2017

Ross island, Port Blair रास / रॉस द्वीप पोर्ट ब्लेयर की यात्रा



अंडमान व निकोबार की इस यात्रा में अभी तक आपने पोर्टब्लेयर का चिडिया टापू, डिगलीपुर में अंडमान की सबसे ऊँची चोटी सैडल पीक, अंग्रेजों की क्रूरता की निशानी सेल्यूलर जेल, हैवलाक द्वीप के सुन्दर तट और खूबसूरत नील द्वीप भी देखा। इस यात्रा को शुरु से पढना हो तो यहाँ माऊस से चटका लगाकर  सम्पूर्ण यात्रा वृतांत का आनन्द ले। इस लेख की यात्रा दिनांक 28-06-2014 को की गयी थी
रोस द्वीप, पोर्ट ब्लेयर ROSS ISLAND, PORT BLAIR,
रोस द्वीप कैसे पहुँचे
नील द्वीप से पोर्टब्लेयर आने वाला समुन्द्री जहाज हमें लेकर पोर्टब्लेयर की उसी फोनिक्स जेट्टी (Phonix Bay) पर पहुँचा। जहाँ से हम हैवलाक जाने के लिये फैरी में बैठे थे। रास द्वीप जाने के लिये सेलूलर जेल के आगे से होकर जाना पडता है। रास द्वीप सेलुलर जेल के ठीक सामने है। एक आटो वाले से अबरडीन जेट्टी की बात की। आटो वाला हमें अबरडीन जेट्टी छोड आया। अबरडीन जेट्टी से रास द्वीप तक 800 मी की समुन्द्र यात्रा नाव द्वारा की जाती है। यहाँ अबरडीन जेट्टी से जो नाव रास जेट्टी जाती है। उन पर यात्रा करने के लिये सभी यात्रियों को एक फार्म में अपनी जानकारी भरनी होती है। जेट्टी पर निजी व सरकारी दो तरह की नाव चलती है। जिस दिन हम रास द्वीप गये थे। उस दिन सरकारी बोट नहीं चल रही थी। एक-एक घंटे के अंतराल पर नाव चलती है। दो घंटे रास द्वीप में घूमने के लिये समय दिया जाता है। वापसी में उसी नाव से अबरडीन जेट्टी आना होता है।

सोमवार, 13 फ़रवरी 2017

Travel to Neil Island, Natural bridge, Laxmanpur sunset beach नील द्वीप की शान कुदरती पुल व लक्ष्मणपुर बीच पर सूर्यास्त

नील द्वीप का कुदरती पुल, इसे स्थानीय लोग हावडा पुल कहते है।



अंडमान व निकोबार की इस यात्रा में अभी तक आपने मेरे साथ बहुत कुछ देखा, जैसे पोर्टब्लेयर का चिडिया टापू, डिगलीपुर में यहाँ की सबसे ऊँची चोटी सैडल पीक, सेल्यूलर जेल, हैवलाक द्वीप का राधा नगर बीच आदि। अब हैवलाक द्वीप के बाद एक अन्य सुन्दर से द्वीप नील पर कदम रख रहे है। इस यात्रा को पहले लेख से पढना हो तो यहाँ माऊस से चटका लगाकर  सम्पूर्ण यात्रा वृतांत का आनन्द ले। इस लेख की यात्रा दिनांक 27-06-2014 को की गयी थी।
नील द्वीप का कुदरती पुल (हावडा पुल)  व लक्ष्मणपुर का सूर्यास्त बीच NATURAL BRIDGE (HAWRAH NATURAL BRIDGE) & LAXMANPUR SUNSET BEACH, NEEL (NEILL) ISLAND, PORT BLAIR
हैवलाक से नील पहुँचने में घंटा भर से ज्यादा का समय लग गया। देखने में भले ही नील द्वीप सामने दिखाई दे रहा हो। नील द्वीप की जेट्टी किनारे से लगभग आधा किमी दूर समुन्द्र के अन्दर बनाई गयी है। पानी में इतने अन्दर जेट्टी बनाने का रहस्य बाद में पता लगा। यहाँ के किनारों पर कोरल रीफ बहुतायत में पाया जाता है जिस कारण किनारों पर गहराई भी बहुत ही कम है। कोरल रीफ को कम से कम नुकसान हो व पानी के बडे जहाज आसानी से आवागमन कर सके। इसके लिये नील जेट्टी पानी के आधा किमी अन्दर जाकर बनाई गयी है। जेट्टी तक पहुँचने के लिये सीमेंटिड पुल बनाया गया है। इस पुल से होकर यात्रियों को जहाज तक पहुँचना होता है। नील द्वीप के नीले समुन्द्र में शानदार फोटोग्राफी वातावरण बनाने में इस आधा किमी लम्बे सीमेंटिड पुल का महत्वपूर्ण योगदान है।
यहाँ आने से पहले ही हैवलाक से ही, हमने एक वैन बुक कर ली थी। हैवलाक में एक बन्दा हमें मिल गया था उसने सलाह दी थी कि आप नील जेट्टी पहुँचकर वहाँ गाडी या आटो के लिये जितनी देर लगाओगे। उतने में आप अंधेरा होने से पहले एक स्थान भी देख आओगे। पहले गाडी बुक करने का लाभ यह हुआ कि हम पहले होटल में सामान रखने के चक्कर में नहीं पडे। हमारा होटल वैसे भी जेट्टी के पास में ही था जिसका नाम हवा बील नेस्ट (hawa beel nest)। हम चाहते तो अपना सामान पहले होटल में रख भी सकते थे लेकिन होटल में रजिस्टर में नाम आदि लिखने व कमरे में सामान आदि रखने तक आधा घंटा खराब होना तय था। शाम होने में केवल 2 घंटे बचे थे। यह समय हमारे लिये बहुत कीमती था। अपना सामान वैन में डाला और कुदरती पुल देखने निकल पडे।

सोमवार, 6 फ़रवरी 2017

Havelock island, Dolphin resort beach & Kala Pathar beach हैवलाक द्वीप, डाल्फिन रिजार्ट व काला पत्थर बीच

हैवलाक द्वीप के सुन्दर से तट पर अठखेलियाँ करते जाट देवता


उत्तरी अंडमान के अंतिम छोर डिगलीपुर में अंडमान की सबसे ऊँची चोटी सैडल पीक की सफल यात्रा के बाद वापिस पोर्टब्लेयर लौट आये। इससे पहले वाले लेख में आपने सेल्यूलर जेल की सैर की थी। अब अंडमान के एक सुन्दर से टापू हैवलाक द्वीप पर चलते है। यदि आप अंडमान की इस यात्रा को शुरु से पढना चाहते हो तो यहाँ माऊस से चटका लगाये और पूरे यात्रा वृतांत का आनन्द ले। इस लेख की यात्रा दिनांक 25-06-2014 को की गयी थी।
अंडमान निकोबार द्वीप समूह DOLPHIN RESORT & KALA PATHAR BEACH, RADHA NAGAR BEACH, HAVELOCK ISLAND, PORT BLAIR, ANDAMAN & NIKOBAR ISLANDS
हैवलाक कब किस मौसम में व कैसे पहुँचा जाये? How to reach Havelock
सेल्लुलर जेल में अंग्रेजों का वहसीपन देखने के बाद होटल लौटने से पहले हैवलाक द्वीप पहुँचने का जुगाड भी करना था। हैवलाक द्वीप सडक मार्ग से नहीं जुडा है। यह द्वीप अंडमान की मुख्य भूमि से 67 किमी दूरी पर है। पूरा का पूरा समुन्द्री मार्ग ही है। यहाँ पहुँचने के दो ही साधन है। एक हवाई जहाज का व दूसरा समुन्द्री जहाज वाला। हवाई जहाज वाला थोडा महँगा पडता है। इसलिये हमने दूसरा वाला, समुन्द्री जहाज से यात्रा करने का तय किया। सबसे पहले हमने फीनिक्स जेट्टी पहुँचकर टिकट बुक किये। हम अंडमान जून के महीने में गये थे। जून में यहाँ बारिश का सीजन आरम्भ हो होता है इसलिये इन दिनों यहाँ पर्यटकों के लिये आफ-सीजन रहता है। यहाँ आने का सबसे बढिया सीजन ठन्ड का होता है। दीवाली से लेकर होली के बीच यहाँ आने का बेस्ट सीजन होता है। इसके बाद अप्रैल में गर्मी होने से ज्यादा मुश्किल होने लगती है।

बुधवार, 1 फ़रवरी 2017

TRAVEL TO CELLULAR JAIL सेल्युलर जेल (कारागार)-काले पानी की कठोर सजा

सेल्यूलर जेल में वीर सावरकर की कोठरी की सलाखों से दिखता नजारा


उत्तरी अंडमान के अंतिम छोर डिगलीपुर में यहाँ की सबसे ऊँची चोटी सैडल पीक तक पहुँचकर वापिस पोर्टब्लेयर लौट आये। सुबह सबसे पहले कार्बनकोव बीच व गाँधी पार्क की यात्रा में आप मेरे साथ रहे। अब इस यात्रा वृतांत पर आगे सेल्यूलर जेल की ओर बढ चलते है। यदि आप अंडमान की इस यात्रा को शुरु से पढना चाहते हो तो यहाँ माऊस से चटका लगाये और पूरे यात्रा वृतांत का आनन्द ले। इस लेख की यात्रा दिनांक 25-06-2014 को की गयी थी।
 
अंडमान निकोबार की सेल्युलर जेल, CELLULAR JAIL, PORT BLAIR
चाथम टापू पर, लकडी काटने वाला एशिया का सबसे बडा आरा मिल देखने के बाद, एक बार फिर एक तिपहिया में सवार होकर सेल्युलर जेल देखने पहुँच गये। जेल के ठीक सामने एक सुन्दर सा पार्क बना हुआ है पार्क का नाम वीर सावरकर पार्क है। यह जेल अंग्रेजों के निर्दयी अत्याचार का जीता जागता सबूत है। अंग्रेजी साम्राज्य के बारे में एक कहावत तो आपने सुनी ही होगी कि अंग्रेजी राज्य में कभी सूरज नहीं डूबता था। इस कहावत को  कहने वाले अंग्रेज का नाम अर्नेस्ट जोंस था। यहाँ इस जेल में आने वाले कैदी के बारे में कहा जाता था कि यहाँ आना वाला जीवित लौट कर नहीं जाता था। जेल में प्रवेश करने के लिये टिकट लेना पडता है। हमने भी लिया। टिकट की कीमत केवल 10 रु थी। हमारे पास कैमरे भी थे। कैमरे के साथ 25 रु का शुल्क अलग से देना पडा। इस जेल के लिये यदि हमें एक हजार रुपये भी देने पडते तो भी मैं दे देता। देश के लिये मर मिटने वाले शहीदों की यादगार देखने के मुकाबले 25 रु की क्या बिसात? वीडियो कैमरे के लिये 100 रु शुल्क लिया जा रहा था। हमारे कैमरे से वीडियो बनायी जा सकती है लेकिन यह वीडियो कैमरे की श्रेणी मे नहीं आता है।

सोमवार, 23 जनवरी 2017

Chatham saw mill, Biggest saw mill of Asia चाथम- एशिया की सबसे बडी आरा मिल





उत्तरी अंडमान के अंतिम छोर डिगलीपुर में यहाँ की सबसे ऊँची चोटी सैडल पीक फतह कर बस यात्रा करते हुए पोर्टब्लेयर वापिस लौट आये। लौटते ही कार्बनकोव बीच व गाँधी पार्क की यात्रा में आप साथ चलते रहे। अब इस यात्रा वृतांत पर आगे चलते है। यदि आप अंडमान की इस यात्रा को शुरु से पढना चाहते हो तो यहाँ माऊस से चटका लगाये और पूरे यात्रा वृतांत का आनन्द ले। इस लेख की यात्रा दिनांक 25-06-2014 को की गयी थी।
अंडमान निकोबार GOVERNMENT SAW MILL, CHATHAM, PORT BLAIR, ANDAMAN
अब हम अंडमान की सबसे बडी लकडी काटने की आरा मिल देखने चलते है। जो चाथम नामक द्वीप में बनी हुई है। यहाँ तक हम बस से आये थे। यह जगह मुख्य बस अडडे से मात्र 4 किमी दूर है। हम गाँधी पार्क से यहाँ तक सीधी बस में बैठ कर आये थे। चाथम द्वीप तक पहुँचने के लिये समुन्द्र के ऊपर बने सीमेंटिड पुल को जब हमारी बस पार कर रही थी तो मैने सोचा कि इस पुल पर उतर कर आसपास के फोटो लेने चाहिए। पुल के ऊपर से चाथम जेट्टी भी दिखायी दे रही थी। जेट्टी में पानी के बडे वाले समुद्री जहाज खडे हुए थे। पुल पार करते ही उल्टे हाथ मुडकर बस रुक गयी। परिचालक बोला चाथम का लकडी वाला आरा मिल आ गया है। बस अभी और आगे जायेगी। बस से उतर कर देखा वहाँ मिल जैसा कुछ नहीं था। एक स्थानीय बंदे ने बताया कि यह बस स्टैंड है आपको यहाँ से सौ मीटर पीछे जाना पडेगा। सौ मीटर पीछे जाते ही पुल का किनारा भी आ गया। पुल के ठीक सामने चाथम मिल का प्रवेश द्वार बना है।

बुधवार, 18 जनवरी 2017

Travel to Gandhi Park, Port Blair गाँधी पार्क की यात्रा



उत्तरी अंडमान के अंतिम छोर डिगलीपुर में यहाँ की सबसे ऊँची चोटी फतह कर वापिस पोर्टब्लेयर लौट आये। वहाँ से लौटते ही कार्बनकोव बीच की यात्रा में आप मेरे साथ रहे। अब यात्रा वृतांत पर आगे बढ चलते है। यदि आप अंडमान की इस यात्रा को शुरु से पढना चाहते हो तो यहाँ माऊस से चटका लगाये और पूरे यात्रा वृतांत का आनन्द ले। इस लेख की यात्रा दिनांक 25-06-2014 को की गयी थी।
अंडमान निकोबार AMUSEMENT PARK, GANDHI PARK, PORT BLAIR
अण्डमान निकोबार के पोर्ट ब्लेयर में घूमते हुए हम गाँधी पार्क के सामने आ पहुँचे। यह पार्क महात्मा गाँधी उर्फ मोहनदास कर्मचन्द गाँधी को समर्पित है। इसलिये इसका नाम गाँधी पार्क रखा हुआ है। इसके बाद हम पोर्ट ब्लेयर की खूनी व खतरनाक मानी गयी सेलुलर जेल भी जायेंगे। जहाँ पर भारत की आजादी की लडाई के महान सैनानियों को कैद किया जाता था। महात्मा गाँधी जैसे नेता उस जेल की शोभा अपने जीवन में कभी नहीं बढा सके। सेलुलर जेल में अंग्रेज उन्ही सैनानी को लाते थे जिनसे उन्हे खतरा होता था। इससे साबित हो गया कि गांधी जी से अंग्रेजों को कभी खतरा नहीं रहा। गाँधी ने अंग्रेजों के बनाये नियम कई बारे तोडने की असफल कोशिश भी की शायद, जिस कारण अंग्रेज सरकार उन्हे कुछ दिन के पकड कर अन्दर कर देती थी। उसके बाद फिर छोड देती थी कि जाओ बहुत प्रचार हो गया है। एक थे वीर सावरकर, उनसे अंग्रेज इतने डरते थे कि उन्हे पूरे दस साल तक सैलुलर जेल में कैद करके रखा था। 01 DEC 1993 को इस अमूसमैन्ट पार्क बोले तो गाँधी पार्क का उदघाटन हुआ था।

मंगलवार, 17 जनवरी 2017

KORBYN KOVE BEACH, PORT BLAIR कार्बाइन्सज कोव बीच, पोर्टब्लेयर



उत्तरी अंडमान के अंतिम छोर डिगलीपुर पहुँचकर आपने कालीपुर तट पर कछुओं का प्रजनन स्थल देखा इसके बाद यहाँ की सबसे ऊँची चोटी सैडल पीक की ट्रेकिंग भी आपने मेरे साथ ही की है। अब आगे के यात्रा वृतांत की ओर चलते है। यदि आप अंडमान की इस यात्रा को शुरु से पढना चाहते हो तो यहाँ माऊस से चटका लगाये और पूरे यात्रा वृतांत का आनन्द ले। इस लेख की यात्रा दिनांक 24-06-2014 को की गयी थी।
अंडमान निकोबार KORBYN KOVE BEACH, PORT BLAIR, कोरबायन कोव बीच
अंडमान की सबसे ऊँची पर्वत चोटी सैडल पील की सफल ट्रैकिंग के उपरांत हमारा वहाँ कुछ और देखने का मन नहीं था। ऐसा नहीं है इसके अलावा वहाँ और कुछ नहीं था। डिगलीपुर में अभी भी बहुत स्थल देखने बाकि थे जिसे रोमियो-जूलियट टापू व मड वेलकिनो (MUD VERKENO) तो हमें भी देखने थे लेकिन बारिश के मौसम में वहाँ जाने के लिये वाहन नहीं मिल पाया। हम पोर्टब्लेयर वापिस आने के लिये सुबह सवेरे ही होटल छोड निकल पडे। कालीपुर वाले होटल से डिगलीपुर आने  के लिये जो स्थानीय/ लोकल बस चलती है वह भी समय की बडी पाबन्द है। हम 25 किमी दूर से आये है। पोर्टब्लेयर वाली बस के चलने से आधा घंटा पहले डिगलीपुर पहुँच गये थे। सुबह का समय थोडा नाश्ता पानी करना भी आवश्यक था। हमारी बस दिन भर में 325 किमी की यात्रा करेगी। दोपहर में कम से कम एक दो बार कही न कही भोजन के लिये भी रुकेगी। हम होटल से भी बिना खाये पीये ही चले थे। जहाँ हमारी बस खडी थी उसके ठीक सामने कई ढाबे व होटल थे। हल्का-फुल्का नाश्ता कर वापिस अपनी सीट पर विराजमान हो गये।

सोमवार, 16 जनवरी 2017

Trekking to Saddle peak, Highest peak of Andaman Islands अंडमान की सबसे ऊंची सैडल पीक की ट्रेकिंग

ANDAMAN, PORTBLAIR YATRA-09                   SANDEEP PANWAR



उत्तरी अंडमान के अंतिम छोर डिगलीपुर पहुँचकर सबसे पहले कालीपुर तट पर कछुओं का प्रजनन स्थल वाला बीच देखा। इस लेख में आपको अंडमान निकोबार द्वीप समूह की सबसे ऊँची चोटी सैडल पीक की ट्रेकिंग वाली यात्रा करायी जायेगी। यदि आप अंडमान की इस यात्रा को शुरु से पढना चाहते हो तो यहाँ माऊस से चटका लगाये और पूरे यात्रा वृतांत का आनन्द ले। यह यात्रा दिनांक 23-06-2014 को की गयी थी।
अंडमान निकोबार LAMIA BAY, NATURE TRAIL TO SADDLE PEAK NATIONAL PARK, DIGLIPUR
हमारे होटल TURTLE RESORT, KALIPUR के सामने वाली सडक डिगलीपुर से शुरु होकर होटल से 5 किमी आगे तक जाती है। होटल डिगलीपुर से 25 किमी आगे आता है। जहाँ यह सडक समाप्त होती है। वहाँ से आगे अंडमान की सबसे ऊँची चोटी सैडल पीक तक पहुँचने के लिये 8 किमी की ट्रैंकिंग करनी पडती है। आज हम सैडल पीक की ट्रैकिंग करने जा रहे है। अपना सामान तो हमने होटल में छोड रखा है। हमें आज की रात भी इसी होटल में ही रुकना है।

रविवार, 8 जनवरी 2017

Travel to Baratang via Jarawa tribal area पोर्ट ब्लेयर से जरावा आदिमानव क्षेत्र की यात्रा

ऐसी खूबसूरती पूरे अंडमान में बिखरी हुई है।


अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पोर्ट ब्लेयर टापू की दक्षिण दिशा में चिडिया टापू एक सुन्दर स्थान है। जिसे आपने इससे पहले वाले लेख में देखा। आज चलते है नंग धडंग रहने वाले जारवा इंसान की ओर जो आज भी आदिमानव युग की याद दिलाते है। आज की यात्रा जारवा आदिमानव की ओर चलते है। यह आदि मानव युग के आदम और हव्वा की तरह ही अपना जीवन जीते है। इस यात्रा को शुरु से पढना चाहते हो तो यहाँ चटका लगाये और आनन्द ले।
अंडमान निकोबार का JARAWA TRIBAL RESERVE जारवा आदिमानव जनजाति-
आज जो यात्रा होने वाली है वो अन्डमान के सबसे खतरनाक इलाके से होकर जायेगी। अंडमान में एक ऐसी आदिमानव प्रजाति रहती है जो आज भी नंग-धडंग होकर अपना जीवन बिताती है। इस मानव प्रजाति में क्या बच्चा, क्या बडा, क्या लडकी, क्या बुढ्ढी, क्या जवान सबके सब बिन कपडों के रहते है। बिन कपडों के मतलब, तन पर एक भी कपडा धारण नहीं करते है। यहाँ तक की चडडी/निक्कर आदि भी नहीं पहनते है। चलो देखते है, आज इस प्रजाति के दो चार प्राणी हमें दर्शन देंगे या नहीं? इस जनजाति को जारवा (Jarawa) जनजाति के नाम से पुकारा जाता है। ये जिस क्षेत्र में पाये जाते है उसे “JARAWA TRIBAL RESERVE” कहते है। वहाँ बिना अनुमति आम नागरिकों का जाना मना है। हम सरकारी बस से इस इलाके की यात्रा कर रहे है अंडमान की जारवा जनजाति इलाके को पार करने वाली लम्बी दूरी की सरकारी बस के टिकट पहचान पत्र के बिना नहीं दिये जाते है। इसलिये सरकारी बस में यात्रा करने वालों को यह इलाका पार करने के लिये अधिकारियों से पूर्व अनुमति लेनी की आवश्यकता भी नहीं होती है। यदि आप अपने या किराये के वाहन से यहाँ इस चैक पोस्ट से आगे जाओगे तो आपको फार्म पर अपनी पूरी जानकारी भरकर उसके साथ पहचान पत्र की प्रतिलिपि भी साथ लगानी पडेगी। तभी आपको इस इलाके से होकर आगे जाने दिया जा सकता है।

शुक्रवार, 6 जनवरी 2017

Portblair- Chidiya tapu पोर्ट ब्लेयर, चिडिया टापू

चिडिया टापू जाने वाला मार्ग


अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पोर्ट ब्लेयर टापू पर स्थित चिडिया टापू एक सुन्दर स्थान है। चलिये आज उसी ओर चलते है। इस यात्रा को शुरु से यहाँ क्लिक करके ढना आरम्भ करे।

अंडमान निकोबार का चिडिया टापू व उसका सूर्यास्त
आज हमारे पास कई घन्टे का समय खाली है तब तक क्या करे। तीन घन्टे में चिडिया टापू नामक छोटी  लेकिन सुन्दर सी जगह देखी जा सकती है। आज चिडिया टापू का सूर्यास्त देखकर आते है। चिडिया टापू की हमारे होटल से 25 किमी की दूरी थी। जिस ऑटो में हम यहाँ आये थे उससे यह अंदाजा तो हो गया था कि अंडमान में लोकल में घूमना है तो आटो सबसे अच्छा रहेगा। हमने चिडिया टापू तक आने-जाने का आटो 600 रु में तय किया। एक घंटा वहाँ ठहरने का भी शामिल था। हमारा होटल पोर्ट ब्लेयर में था जबकि चिडिया टापू वहाँ से 25 किमी दूर दक्षिण दिशा में समुन्द्र किनारे पर है। हम तीनों आटो में बैठ समुन्द्र किनारे से होते हुए चिडिया टापू चलते है। चिडिया टापू तक पहुँचने वाला मार्ग दिल को खुश कर देता है। सडक ज्यादा चौडी नहीं थी। यदि सामने से एक बस भी आ जाये तो आटो को नीचे उतरना पडेगा। आटो नीचे उतारने की जरुरत ही नहीं पडती होगी। कारण, यहाँ की सडकों पर अपने दिल्ली व अन्य बडे शहरों वाली किच-किच मार धाड नहीं है। नारियल के पेड समुन्द्र किनारे की शोभा तो बढा ही रहे थे। समुन्द्र किनारे मार्ग होने से बम्बई जैसा मरीन ड्राइव जैसा अनुभव हो रहा था। समुन्द्र की लहरे सडक पर ना आये उसे रोकने के लिये एक दीवार भी बनायी गयी थी। जहाँ भी बढिया सा सीन दिखता वही आटो रुकवा दिया जाता। तीनों आटो से बाहर निकल कर कुछ देर टहलते उसके बाद आगे की यात्रा पर चल देते। यदि यहाँ बस में होते तो यह आनन्द उठाने से वंचित रहना पडता। बस अडडे से चिडिया टापू की सीधी बस सेवा है जो प्रत्येक एक घंटे के अंतराल पर चलती है।

गुरुवार, 5 जनवरी 2017

Port Blair- Marina Park, Param Vir Chakra Memorial पोर्ट ब्लेयर- मरीना पार्क-परमवीर चक्र मैमौरियल

समुन्द्र में प्लास्टिक पार्क


अंडमान और निकोबार द्वीप समूह यानि “काला पानी” की धरती पर हम पहुँच चुके है। अब काला पानी में हमने क्या-क्या देखा था उसकी यात्रा करायी जायेगी। इस यात्रा को शुरु से यहाँ क्लिक करके ढना आरम्भ करे।
अंडमान निकोबार में पोर्ट ब्लेयर से यात्रा का आरम्भ (मरीना पार्क का परम वीर चक्र मैमोरियल स्थल)-
पोर्ट ब्लेयर के आसमान से यहाँ की हवाई पटटी देखी, जो ज्यादा बडी नहीं थी। हवाई अडडा समुन्द्र तट के नजदीक ही है। हमारा हवाई जहाज समुन्द्र की ओर से हवाई पटटी पर उतरा। हवाई अडडे से बाहर निकल कर होटल के लिये एक आटो 150 रु में तय किया। हमें यहाँ की ज्यादा जानकारी नहीं थी। हम तीनों ही यहाँ पहली बार आये थे। होटल की ओर जाते समय आटो वाले को, कुछ देर पर्यटक विभाग के कार्यालय रुकने की बात उसको तय करने से पहले ही बोल दी गयी थी। पर्यटक कार्यालय से हमें आगे की डिगलीपुर तक ककई दिन की यात्रा के लिये होटल बुक करने थे। होटल बुक करने के लिये मनु भाई ने 10% की अग्रिम राशि पहले ही online जमा की हुई थी। यदि हमारी यह यात्रा किसी कारणवश नहीं हो पाती तो यह राशि (1500 रु) बेकार चली जाती। होटल के अलावा हमने इस पूरी यात्रा में कोई राशि अग्रिम जमा नहीं की थी। जिस होटल में हम ठहरे थे वो भी मनु भाई ने आनलाइन ही बुक किया था। होटल में कुछ देर आराम करने के बाद अंडमान की सबसे लम्बी बस यात्रा के टिकट बुक करने CENTRAL BUS STAND MOHANPURA पहुँच गये। बस टिकट बुक करने के लिये होटल से 6 किमी दूर जाना पडा। 
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