बद्रीनाथ-फ़ूलों की घाटी-हेमकुन्ठ साहिब-केदारनाथ यात्रा-03
गोविन्द घाट से घांघरिया तक कुल 13-14 तेरह/चौदह किमी की दूरी है। वैसे तो यह दूरी कोई ज्यादा लम्बी नहीं है लेकिन इसमें लगातार चढ़ाई चढ़ते जाने के कारण इतनी कठिन लगने लगती है कि नानी याद आने लगती है। अगर कोई बन्दा बिना तैयारी के यहाँ आ जाये तो उसकी हालत पतली होनी तय है। घांघरिया यहाँ मुख्य आधार कैम्प का कार्य करता है क्योंकि फ़ूलों की घाटी व हेमकुंठ साहिब के साथ ही तिप्राम्बक नामक ग्लेशियर में रुकने का कोई प्रबन्ध ना होने के कारण रात को आकर यही ठहरना पड़ता है। हमें यह दूरी पार पाने में 5 घन्टे का समय लग गया था। चढ़ाई पर विजय पाने का अपना हमेशा से एक जूनून जैसा रहा है। इसलिये मैं अपनी फ़िटनेस बनाये रखने के लिये लोकल में बाइक का प्रयोग 30-40 किमी तक की दूरी के लिये कभी नहीं करता हूँ। गोविन्दघाट से घांघरिया तक का मार्ग एक नदी के किनारे-किनारे बनाया गया है। नदी का जल देखने में ऐसा लगता है जैसे यह पानी नहीं, दूध की धारा हो। चूंकि हम दोपहर के एक बजे घांघरिया पहुँच गये थे इसलिये हमने हेमकुन्ठ साहिब जाने के लिये चलना शुरु कर दिया था। घांघरिया पार करने के करीब एक किमी आगे जाने के बाद हमें पता लगा कि इस समय हेमकुन्ठ साहिब नहीं जाया जा सकता है।
फ़ूलों की घाटी में घुसते ही यह फ़ोटो लिया गया था। |