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बुधवार, 5 फ़रवरी 2014

Pahalgam-A beautiful valley पहलगाम की सुन्दर घाटी

श्रीनगर सपरिवार यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये गये है।
01- दिल्ली से श्रीनगर तक की हवाई यात्रा का वर्णन।
02- श्रीनगर की ड़ल झील में हाऊस बोट में विश्राम किया गया।
03- श्रीनगर के पर्वत पर शंकराचार्य मन्दिर (तख्त ए सुलेमान) 
04- श्रीनगर का चश्माशाही जल धारा बगीचा
05- श्रीनगर का मुगल गार्ड़न-निशात बाग
06- श्रीनगर का मुगल गार्ड़न-शालीमार बाग
07- श्रीनगर हजरतबल दरगाह (पैगम्बर मोहम्मद का एक बाल सुरक्षित है।)
08- श्रीनगर की ड़ल झील में शिकारा राइड़ /सैर
09- अवन्तीपोरा स्थित अवन्ती स्वामी मन्दिर के अवशेष
10- मट्टन- मार्तण्ड़ सूर्य मन्दिर  व ग्रीन टनल
11- पहलगाम की सुन्दर घाटी
12- कश्मीर घाटी में बर्फ़ीली वादियों में चलने वाली ट्रेन की यात्रा, (11 किमी लम्बी सुरंग)
13- श्रीनगर से दिल्ली हवाई यात्रा के साथ यह यात्रा समाप्त

SRINGAR FAMILY TOUR- 11
दिनांक 03-01-2014, आज के दिन सबसे पहले अवन्तीपोरा मन्दिर के खण्ड़हर देखे, उसके बाद मटटन का मार्तण्ड़ सूर्य मन्दिर देखा। अन्त में पहलगाम पहुँच ही गये। पहलगाम के टैक्सी स्टैन्ड़ से पहले ही बर्फ़ के कारण वाहनों की लाईन लगी थी, जिस कारण हम भी कार से उतर गये। चालक से कह दिया कि तुम कार खड़ी करने लायक जगह देखकर रुक जाओ। हम तीन दिन से बर्फ़ ही बर्फ़ देखते घूम रहे थे। इतनी बर्फ़ देख ली थी कि बर्फ़ से मन भरने लगा था। आगे बढने की बजाय हमने लिददर नदी पार कर, वहाँ के नजारे देखने का निर्णय लिया। सड़क छोड़ते ही थोड़ा ढलान पर उतरना होता है जिस कारण आधी-अधूरी बनी सड़क पर पड़ी बर्फ़ पर फ़िसलने के ड़र से थोड़ा सम्भल कर उतर रहे थे। ढलान अभी समाप्त हुई भी नहीं थी कि पीठ पीछे से एक जीप आ गयी। जीप वाला बार-बार होर्न देने लगा। उस मार्ग पर इतनी भी जगह नहीं बची थी कि पैदल यात्री उस गाड़ी से बच सके। गाड़ी को आगे निकलने के लिये हमें बर्फ़ में घुसना पड़ा। 


सोमवार, 3 फ़रवरी 2014

Mattan- Martand Sun Temple मट्टन- मार्तण्ड़ सूर्य मन्दिर

श्रीनगर सपरिवार यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये गये है।
01- दिल्ली से श्रीनगर तक की हवाई यात्रा का वर्णन।
02- श्रीनगर की ड़ल झील में हाऊस बोट में विश्राम किया गया।
03- श्रीनगर के पर्वत पर शंकराचार्य मन्दिर (तख्त ए सुलेमान) 
04- श्रीनगर का चश्माशाही जल धारा बगीचा
05- श्रीनगर का मुगल गार्ड़न-निशात बाग
06- श्रीनगर का मुगल गार्ड़न-शालीमार बाग
07- श्रीनगर हजरतबल दरगाह (पैगम्बर मोहम्मद का एक बाल सुरक्षित है।)
08- श्रीनगर की ड़ल झील में शिकारा राइड़ /सैर
09- अवन्तीपोरा स्थित अवन्ती स्वामी मन्दिर के अवशेष
10- मट्टन- मार्तण्ड़ सूर्य मन्दिर  व ग्रीन टनल
11- पहलगाम की सुन्दर घाटी
12- कश्मीर घाटी में बर्फ़ीली वादियों में चलने वाली ट्रेन की यात्रा, (11 किमी लम्बी सुरंग)
13- श्रीनगर से दिल्ली हवाई यात्रा के साथ यह यात्रा समाप्त

SRINGAR FAMILY TOUR- 10
दिनांक 03-01-2014 की घुमक्कड़ी की चर्चा हो रही है। आज सबसे पहले अवन्तीपोरा मन्दिर के अवशेष देखे। इसके बाद फ़िर से अपनी कार में बैठकर आज की मंजिल पहलगाम की ओर चल दिये। अवन्तीपोरा से कुछ आगे जाते ही सड़के के दोनों किनारे पर पेड़ ही पेड़ दिखाई देने लगे। सड़क के किनारे ग्रीन टनल का बोर्ड़ भी लगा देखा। ठन्ड़ के मौसम में चारों और बर्फ़ ही बर्फ़ दिखाई दे रही थी। हरियाली कही नहीं मिली। पेडों पर एक भी पत्ता नहीं बचा था। पेडों के बीच से निकलती सड़क से गुजरते हुए ऐसा अहसास हो रहा था जैसे हम किसी सुरंग से निकल रहे हो। इसका पेडों की सुरंग का नाम ट्री टनल होना चाहिए था क्योंकि इसका नाम “ग्रीन टनल” पूरे वर्ष अपने नाम के अनुसार जम नहीं पाता है। 


गुरुवार, 21 मार्च 2013

Pahal gaon to Sheshnag lake पहलगाँव, चन्दनवाड़ी से शेषनाग झील होकर अमरनाथ गुफ़ा की ओर

अमृतसर-अमरनाथ-श्रीनगर-वैष्णों देवी यात्रा-03                                                    SANDEEP PANWAR

जब एक फ़ौजी ने हमारी बस को रोका तो हमें लगा कि रात में कोई आतंकवादी वारदात हुई है जिस कारण सेना के जवान वाहन चैंकिग कर रहे है। हमारी बस सड़क के एक तरफ़ लगा दी गयी थी। एक फ़ौजी ने हमारी बस के चालक से कहा कि आपने आगे वाले शीशे पर जो  पेपर चस्पा किया हुआ है। वह केवल अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले वाहनों पर ही लगाया जाता है। बस चालक ने बताया कि हमारी बस पिछले सप्ताह अमरनाथ यात्रा पर होकर आयी थी। इसलिये हमारी बस पर यह स्टीकर लगा हुआ है। सेना के जवान ने हमारी बस से वह स्टीकर उतरवा दिया। जम्मू से अमरनाथ यात्रा के दिनों में सेना की छत्रछाया में प्रतिदिन सुबह वाहनों का काफ़िला पहलगाँव व बालटाल के लिये चलता है। सेना प्रतिदिन वाहनों के शीशे पर पहचान का एक पेपर लगाती है ताकि कोई अवांछित वाहन अमरनाथ यात्रा के समूह में मिल कोई आतंकवादी गतिविधि ना दोहरा जाये। इसके बाद हमारी बस अपनी मंजिल पहलगाँव की ओर बढ़ चली। हमारे मार्ग में पत्नीटॉप नामक सुन्दर व शानदार जगह भी आयी। चूंकि हमारे ग्रुप की यह पहली अमरनाथ यात्रा थी इस कारण सभी बन्धु मार्ग में आने वाले प्रत्येक नजारे का लुत्फ़ उठाते जा रहे थे। मार्ग में बहुत सारे शानदार लुभावने नजारे थे, मैं उनका ज्यादा जिक्र नहीं कर रहा हूँ नहीं तो यात्रा ज्यादा लम्बी हो जायेगी। मैं आपको सीधे अमरनाथ यात्रा पर लिये चलता हूँ। 
यही तालाब/झील शेषनाग कहलाती है।

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