ये है चकराता।
ये हमारी यात्रा श्रीखण्ड महादेव भाग 11 से वापसी में यहाँ चकराता तक आ पहुँची है। इस यात्रा को शुरु से पढने के लिये यहाँ क्लिक करना होगा फ़िर लीजिए इस यात्रा का पूरा आनन्द। सहिया नामक जगह पर हम लोग रात में रुके थे। यह ठीक-ठाक कस्बा है, जहाँ हर तरह की सुविधा उचित कीमत पर मिल जाती है, ये जगह चकराता से सिर्फ़ 22 किलोमीटर दूरी पर है। सुबह ठीक 8 बजे नहा धो कर चकराता का विश्व प्रसिद्ध झरना, जो कि टाइगर-फ़ॉल के नाम से जाना जाता है को देखने के लिये चल दिये थे, वापसी भी इसी मार्ग से आना था, अत: अपने बैग व लठ भी यहीं पर छोड दिये थे, जब वापसी इसी मार्ग से है तो बेवजह 80 किलोमीटर सामान को क्यों ढोया जाए? जब यहाँ से चले तो मौसम के हालात कुछ ठीक नहीं लग रहे थे, अत: अपने-अपने रैन-कोट पहन लिये थे, यहाँ सडक बहुत ही अच्छी थी जिससे सफ़र का पता ही नहीं चला।
ये है चकराता की साफ़ व शान्त सडक।