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बुधवार, 17 अप्रैल 2013

Paragliding experience at Khajjiar खजियार में पैराग्लाईड़िंग का अनुभव

हिमाचल की स्कार्पियो वाली यात्रा-10                                                                        SANDEEP PANWAR

हमने आधे मैदान का चक्कर होने के बाद कुछ देर धमाल-चौकड़ी की, उसके बाद वहाँ से आगे चलना आरम्भ किया। आगे चलते हुए हम सड़क किनारे जा पहुँचे। यहाँ हमने सड़क किनारे गाडियों की लम्बी लाईन देख कर सोचा था कि लगता है कि खजियार तक ही सड़क का आखिरी छोर है इसके बाद चम्बा जाने के लिये हमें पार्किंग के पास से ही किसी अन्य दिशा वाले मार्ग पर जाना पड़ेगा। लेकिन यहाँ लगे एक बोर्ड को देखकर माथा ठनक गया उस पर लिखा था। चम्बा और भरमौर जाने की दूरी लिखी हुई थी। सड़क के बोर्ड़ तो गलत हो नहीं सकते थे अत: हमने अपनी जिज्ञासा शान्त करने के लिये एक वाहन चालक से मालूम कर लिया कि यही मार्ग सीधा चम्बा होते हुए आगे चला जायेगा। हमें वहाँ घूमते हुए काफ़ी देर हो गयी थी हमारा जयपुर वाला साथी भी अब तक ऊपर पहाड पर पहुँच गया होगा। किसी भी पल उनके आने की सूचना आ सकती थी इसलिये हमने उनके आने व लेंड़िग करते हुए देखने के लिये मैदान में लौटना उचित समझा।

खजियार बर्फ़बारी के बाद, यह फ़ोटो उधार का है।

खजियार हरियाली के बाद

Khajjiar-Switzerland of India खजियार भारत का स्विटजरलैंड़

हिमाचल की स्कार्पियो वाली यात्रा-09                                                                        SANDEEP PANWAR

हमारी स्कारपियो खजियार की हरी भरी वादियों की ओर बढ़ चली। पहाड़ के ऊपर 12 किमी की दूरी से देखने में खजियार बहुत छोटा सा दिखायी दे रहा था। हम थोड़ी ही देर में खजियार के विशाल मैदान के पास आ पहुँचे। सबसे पहले गाड़ी को पार्किंग में लगाया उसके बाद हम खजियार के मैदान की ओर चल दिये। पार्किंग मैदान के एकदम आरम्भ में ही थी जिस कारण हमें ज्यादा पैदल नहीं चलना था। जैसे ही हम मैदान के एक छोर पर पहुँचे तो इतना सुन्दर हरा-भरा विशाल मैदान देखकर हम अचम्भित खड़े रह गये। मैंने इससे पहले बहुत बड़े-बड़े बुग्याल देखे है। (बुग्याल पहाड़ों के शीर्ष पर बने हुए मैदानों को कहा जाता है।) यहाँ की हरी-भरी घास देखकर तो यह भी एक बुग्याल जैसा ही दिखायी दे रहा था। इसमें और बुग्यालों में सबसे बड़ा अन्तर यही था कि इसके चारों ओर विशाल पेड़ थे जबकि बुग्याल के चारों ओर पर्वतों की गहरी खाई ही दिखायी देती है। थोड़ी देर तक तो हम खम्बे जैसे खड़े होकर इस मैदान को निहारते रहे।

आज देखिये खजियार
भारते के स्विटजरलैंड़ से असली वाले की दूरी।

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