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शुक्रवार, 8 अगस्त 2014

Jhansi to Delhi ( controversial train journey ) झांसी के प्लेटफ़ार्म पर विवाद के बाद ट्रेन यात्रा

KHAJURAHO-ORCHA-JHANSI-13                               SANDEEP PANWAR, Jatdevta
 इस यात्रा के सभी लेख के लिंक यहाँ है।
01-दिल्ली से खजुराहो तक की यात्रा का वर्णन
02-खजुराहो के पश्चिमी समूह के विवादास्पद (sexy) मन्दिर समूह के दर्शन
03-खजुराहो के चतुर्भुज व दूल्हा देव मन्दिर की सैर।
04-खजुराहो के जैन समूह मन्दिर परिसर में पार्श्वनाथ, आदिनाथ मन्दिर के दर्शन।
05-खजुराहो के वामन व ज्वारी मन्दिर
06-खजुराहो से ओरछा तक सवारी रेलगाडी की मजेदार यात्रा।
07-ओरछा-किले में लाईट व साऊंड शो के यादगार पल 
08-ओरछा के प्राचीन दरवाजे व बेतवा का कंचना घाट 
09-ओरछा का चतुर्भुज मन्दिर व राजा राम मन्दिर
10- ओरछा का जहाँगीर महल मुगल व बुन्देल दोस्ती की निशानी
11- ओरछा राय प्रवीण महल व झांसी किले की ओर प्रस्थान
12- झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का झांसी का किला।
13- झांसी से दिल्ली आते समय प्लेटफ़ार्म पर जोरदार विवाद

आज का लेख इस यात्रा का आखिरी लेख है। आज के लेख में दिनांक 28-04-2014 को की गयी यात्रा के बारे में बताया जा रहा है। यदि आपको इस यात्रा श्रृंखला के बारे में शुरु से पढना है तो ऊपर दिये गये लिंक पर क्लिक करे। इस यात्रा में अभी तक आपने खजुराहो, ओरछा, व झांसी किले की शानदार यात्रा के बारे में देखा व जाना। अब उससे आगे। झांसी का किला देखने के बाद, किले से बाहर निकला तो किले की दीवार के पास एक लडका खाने की कोई वस्तु बेच रहा था। मुझे मालूम नहीं था कि उसका नाम क्या है? उसने नाम बताया भी था लेकिन अब याद नहीं आ रहा है। यह वस्तु देखने में पतले-पतले पापड की चूरे जैसे लग रही थी। अरे भाई यह खाने में कैसी लगती है? उसने जवाब दिया, “नमकीन जैसी लगेगी।“ ठीक है दस रुपये की बना दे। उसने दस रु की पापड के चूरे जैसी चीज मुझे दे दी। नमकीन चीज खाता हुआ किले के सामने वाली सडक पर आ गया। यहाँ से झांसी के रेलवे स्टेशन जाने के लिये तिपहिया ऑटो मिल जाते है।

सोमवार, 4 अगस्त 2014

Rani Lakshmi bai's Jhansi Fort रानी लक्ष्मीबाई वाला झांसी का किला

KHAJURAHO-ORCHA-JHANSI-12                               SANDEEP PANWAR, Jatdevta
इस यात्रा के सभी लेख के लिंक यहाँ है।01-दिल्ली से खजुराहो तक की यात्रा का वर्णन
02-खजुराहो के पश्चिमी समूह के विवादास्पद (sexy) मन्दिर समूह के दर्शन
03-खजुराहो के चतुर्भुज व दूल्हा देव मन्दिर की सैर।
04-खजुराहो के जैन समूह मन्दिर परिसर में पार्श्वनाथ, आदिनाथ मन्दिर के दर्शन।
05-खजुराहो के वामन व ज्वारी मन्दिर
06-खजुराहो से ओरछा तक सवारी रेलगाडी की मजेदार यात्रा।
07-ओरछा-किले में लाईट व साऊंड शो के यादगार पल 
08-ओरछा के प्राचीन दरवाजे व बेतवा का कंचना घाट 
09-ओरछा का चतुर्भुज मन्दिर व राजा राम मन्दिर
10- ओरछा का जहाँगीर महल मुगल व बुन्देल दोस्ती की निशानी
11- ओरछा राय प्रवीण महल व झांसी किले की ओर प्रस्थान
12- झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का झांसी का किला।
13- झांसी से दिल्ली आते समय प्लेटफ़ार्म पर जोरदार विवाद

आज के लेख में दिनांक 28-04-2014 को की गयी यात्रा के बारे में बताया जा रहा है। यदि आपको इस यात्रा के बारे में शुरु से पढना है तो ऊपर दिये गये लिंक पर क्लिक करे। इस यात्रा में अभी तक आपने पढा कि मैं खजुराहो, ओरछा भ्रमण करने के बाद झांसी पहुँच गया। झांसी व उसके आसपास कई स्थल देखने लायक है उनमें झांसी का किला सर्वोपरी है। देश को अंग्रेजो से मुक्त कराने की पहली लडाई में बुन्देलखन्ड के वीरों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों से जमकर मुकाबला किया था। सन 1857 के गदर में बुन्देलखन्ड के वीरों ने अंग्रेजों की हालत खराब की थी।
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