खजियार के मैदान से बाहर आते ही सड़क पर एक बोर्ड़ लगा हुआ है जिस पर चम्बा की दूरी मात्र 24 किमी व भरमौर (मणिमहेश का बेस कैम्प) की दूरी 90 किमी दर्शायी हुई है। अभी दोपहर बाद 3 साढ़े तीन का समय हुआ था। हमें भरमौर तक पहुँचने में मुश्किल से दो घन्टे लगने वाले थे। खजियार से बाहर आने के बाद कुछ दूर चलते ही उल्टे हाथ भोले नाथ की एक विशाल मूर्ति दिखायी दे रही थी। हम तो वैसे भी भोलेनाथ के असली निवास पाँच कैलाश में से एक मणिमहेश कैलाश पर ही जा रहे थे इसलिये इस मानव निर्मित मूर्ति को देखने के लिये गाड़ी से नीचे नहीं उतरे। गाड़ी में बैठे-बैठे ही उस विशाल मूर्ति के फ़ोटो लिये और वहाँ से आगे चम्बा की ओर बढ़ लिये। यहाँ से चम्बा तक लगातार हल्की सी उतराई का मार्ग था। चम्बा तक बिना रुके लगातार चलते रहे। जब हम चम्बा पहुँचे तो शाम के 5 बजने वाले थे। चम्बा में हमें रात में रुकना नहीं था इसलिये यहाँ से भरमौर के लिये बढ़ते रहे। यहाँ मनु ने एक मेड़िकल स्टोर से अपनी पैदल यात्रा के लिये काम आने वाली जरुरी वस्तुएँ दवाई आदि खरीद ली थी। चम्बा में प्रवेश करते ही हमने एक नदी का पुल पार कर उसके दूसरे किनारे पर आगे की यात्रा जारी रखी थी।
खजियार को राम राम |