EAST COAST TO WEST COAST-29 SANDEEP PANWAR
बोम्बे के कई प्रसिद्ध मन्दिर देखने के उपराँत, यहाँ का मशहूर मन्दिर बाबुलनाथ देखने की बारी भी आ गयी थी। महालक्ष्मी मन्दिर से यहाँ पहुँचने के हमने एक टैक्सी से इनके बीच का फ़ासला तय किया। मन्दिर सड़क से काफ़ी हटकर व अन्दर जाकर है जबकि टैक्सी ने हमें सड़क पर ही उतार दिया था। सड़क किनारे पर ही बाबुलनाथ मन्दिर चौक के नाम से एक बोर्ड़ भी लगा हुआ है। मैंने सोचा कि मन्दिर यही-कही सामने ही है लेकिन जब आसपास कही भी मन्दिर दिखायी नहीं दिया तो मैंने विशाल से कहा, क्यों महाराज बाबुलनाथ को बाबुल ने कहाँ छुपाया हुआ है? विशाल बोला थोड़ा सब्र रखो, सामने वाली गली में ऊपर चढ़ने पर मन्दिर आ जायेगा।
बोम्बे के कई प्रसिद्ध मन्दिर देखने के उपराँत, यहाँ का मशहूर मन्दिर बाबुलनाथ देखने की बारी भी आ गयी थी। महालक्ष्मी मन्दिर से यहाँ पहुँचने के हमने एक टैक्सी से इनके बीच का फ़ासला तय किया। मन्दिर सड़क से काफ़ी हटकर व अन्दर जाकर है जबकि टैक्सी ने हमें सड़क पर ही उतार दिया था। सड़क किनारे पर ही बाबुलनाथ मन्दिर चौक के नाम से एक बोर्ड़ भी लगा हुआ है। मैंने सोचा कि मन्दिर यही-कही सामने ही है लेकिन जब आसपास कही भी मन्दिर दिखायी नहीं दिया तो मैंने विशाल से कहा, क्यों महाराज बाबुलनाथ को बाबुल ने कहाँ छुपाया हुआ है? विशाल बोला थोड़ा सब्र रखो, सामने वाली गली में ऊपर चढ़ने पर मन्दिर आ जायेगा।