कामाक्षा देवी मन्दिर देखने के बाद हमें ममेल गाँव में ममलेश्वर महादेव मन्दिर जाना था। कामाख्या/कामाक्षा मन्दिर के पुजारी ने हमारी बाते सुनकर बताया कि थोड़ी देर में ही बस आने वाली है। यहाँ तक तो हम दोनों पैदल ही आये थे अब आगे की यात्रा बस से करने के कारण हमारे समय व ऊर्जा की बचत होने जा रही थी। हम मन्दिर के आँगन में ही बैठे हुए थे कि बस का होरन सुनाई दिया। बस आते ही हम उसमें सवार होकर ममेल गाँव की ओर चल दिये। बस पीछे किसी गाँव से आ रही थी। यह बस सीधे शिमला जा रही थी। जिस सड़क को हम दूर से देखते हुए आये थे अब उसे बस में बैठकर देखना अच्छा लग रहा था। इस मार्ग की चौड़ाई बहुत ही कम थी। सामने से आ रही एक बस के कारण हमारी बस को आगे बढ़ने से पहले बैक ले जाना पड़ा, जिससे सामने वाली बस के निकलने लायक जगह बन सके। कामाख्या मन्दिर तक शिमला से सीधी बस सेवा उपलब्ध है। यदि किसी को सीधे मन्दिर जाना हो तो सीधी वाली बस से अपनी यात्रा कर सकते है। जैसे ही कंड़क्टर ने टिकट के लिये पैसे माँगे तो हमने पैसे देते हुए कहा हमें ममलेश्वर मन्दिर जाना है।
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बुधवार, 1 मई 2013
Mamleshwar Mahadev Temple ममलेश्वर महादेव मन्दिर, करसोग
हिमाचल की कांगड़ा व करसोग घाटी की यात्रा 09 SANDEEP PANWAR
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