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बुधवार, 22 जनवरी 2014

Mugal Garden- Nishat श्रीनगर का मुगल गार्ड़न- निशात बाग

श्रीनगर सपरिवार यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये गये है।
01- दिल्ली से श्रीनगर तक की हवाई यात्रा का वर्णन।
02- श्रीनगर की ड़ल झील में हाऊस बोट में विश्राम किया गया।
03- श्रीनगर के पर्वत पर शंकराचार्य मन्दिर (तख्त ए सुलेमान) 
04- श्रीनगर का चश्माशाही जल धारा बगीचा
05- श्रीनगर का मुगल गार्ड़न-निशात बाग
06- श्रीनगर का मुगल गार्ड़न-शालीमार बाग
07- श्रीनगर हजरतबल दरगाह (पैगम्बर मोहम्मद का एक बाल सुरक्षित है।)
08- श्रीनगर की ड़ल झील में शिकारा राइड़ /सैर
09- अवन्तीपोरा स्थित अवन्ती स्वामी मन्दिर के अवशेष
10- मट्टन- मार्तण्ड़ सूर्य मन्दिर  व ग्रीन टनल
11- पहलगाम की सुन्दर घाटी
12- कश्मीर घाटी में बर्फ़ीली वादियों में चलने वाली ट्रेन की यात्रा, (11 किमी लम्बी सुरंग)
13- श्रीनगर से दिल्ली हवाई यात्रा के साथ यह यात्रा समाप्त

SRINGAR FAMILY TOUR- 05
श्रीनगर के तीन मुख्य बगीचे देखने के क्रम में सबसे पहला बाग चश्माशाही बाग देखने के बाद कार चालक हमें लेकर अगले शाही बगीचे निशांत की ओर चल दिया। चश्माशाही ड़ल झील से लगभग एक किमी पहाड़ की तलहटी में अन्दर जाने पर आया था। हमारी कार एक बार फ़िर डल लेक की ओर वापिस आने लगी। जिस सड़क से होकर हम चश्माशाही गये थे वापसी में चश्मेशाही के ठीक सामने एक नहर के किनारे बनाई गयी सड़क से होते हुए डल झील पहुँच गये। अबकी बार हमारी गाड़ी डल झील किनारे बनी सड़क पर सीधे हाथ मुड़ गयी। इसी सड़क पर निशांत बाग बना है। लेकिन यह सड़क से 10-12 फ़ुट यानि एक मंजिल ऊपर है ड़ल झील के एकदम सामने ही बना है। इस बाग व डल झील के बीच केवल सड़क है। लेह से डल झील किनारे आओगे तो इसके सामने से होकर ही निकलना होता है।



रविवार, 24 मार्च 2013

Kashmir- Dal Lake, Shalimar Bagh, Nishat Bagh कश्मीर- ड़लझील, शालीमार बाग व निशात बाग की सैर

अमृतसर-अमरनाथ-श्रीनगर-वैष्णों देवी यात्रा-05                                                   SANDEEP PANWAR


सूमो वाले ने हमें श्रीनगर ड़लझील के सामने नत्थू मिठाई वाले के नाम से मशहूर दुकान के सामने उतार दिया था। मेरे साथ दिल्ली के चार लोग और भी थे। रात में रुकने के लिये सभी की यही राय थी कि रात तो ड़लझील के किसी हाउस बोट में ही बितायी जायेगी। झील में हाउस बोट सड़क से काफ़ी हटकर पानी ने बीचोबीच बनाये गये है। इसलिये हाउस बोट तक पहुँचने के लिये पहले तो एक शिकारे की आवश्यकता थी। सड़क किनारे को छोड़कर जब हम झील की ओर आये तो देखा कि वहाँ पर झील में आने-जाने के लिये बहुत सारे शिकारे तैयार खड़े है। हमने शिकारे वाले से कहा कि हमें रात में ठहरने के लिये एक हाउस बोट पर रुकना है इसलिये तुम हमें चार-पाँच हाउसबोट पर ले चलो। शिकारे वाला हमें अपनी नाव पर लाधकर झील में अन्दर चल पड़ा। यह ड़लझील में मेरी पहली सैर थी। कुछ ही देर में शिकारे वाला हमें बहुत सारे हाउस बोटों के बीच से होता हुआ एक खाली सी जगह पर खड़े हुए हाउस बोट तक पहुँचा कर बोला कि इनमें से जिसमें आपका मन करे उस हाउस बोट में रात ठहरने की कीमत तय कर लीजिए। यहाँ काफ़ी सौदेबाजी के बाद भी हाउसबोट Houseboat वाला हम 5 बन्दों के 1500 रुपये से कम पर नहीं मान रहा था। हमने उसे 1250 कह कर वापिस शिकारे में बैठकर चलने लगे तो हाउसबोट मालिक के हमें आवाज देकर कहा ठीक है आ जाओ, 1250 रुपये ही दे देना। हमारे शिकारे वाले ने हमें फ़िर से उस हाउसबोट पर उतार दिया। हमने शिकारे वाले से कहा कि हमें ड़लझील में घूमना है इसलिये एक घन्टा रात में आ जाना और एक घन्टा सुबह के समय ड़लझील में घुमा देना।

संदीप आर्य श्रीनगर की ड़लझील में शिकारे की सैर करते हुए।

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