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शुक्रवार, 27 दिसंबर 2013

Maharishi Ved Vyas temple, Rohtang Pass रोहतांग दर्रा (महर्षि व्यास गुफ़ा) से मनाली

किन्नौर व लाहौल-स्पीति की बाइक यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये है।
11- सतलुज व स्पीति के संगम (काजिंग) से नाको गाँव की झील तल
12- नाको गाँव की झील देखकर खतरनाक मलिंग नाला पार कर खरदांगपो तक
13- खरदांगपो से सुमडो (कौरिक बार्ड़र) के पास ममी वाले गियु गाँव तक (चीन की सीमा सिर्फ़ दो किमी) 
14- गियु में लामा की 500 वर्ष पुरानी ममी देखकर टाबो की मोनेस्ट्री तक
15- ताबो मोनेस्ट्री जो 1000 वर्ष पहले बनायी गयी थी।
16- ताबो से धनकर मोनेस्ट्री पहुँचने में कुदरत के एक से एक नजारे
17- धनकर गोम्पा (मठ) से काजा
18- की गोम्पा (मठ) व सड़क से जुड़ा दुनिया का सबसे ऊँचा किब्बर गाँव (अब नहीं रहा)
20- कुन्जुम दर्रे के पास (12 km) स्थित चन्द्रताल की बाइक व ट्रेकिंग यात्रा
21- चन्द्रताल मोड बातल से ग्रामफ़ू होकर रोहतांग दर्रे तक
22- रोहतांग दर्रे पर वेद व्यास कुन्ड़ जहां से व्यास नदी का आरम्भ होता है।
23- मनाली का वशिष्ट मन्दिर व गर्म पानी का स्रोत


KINNAUR, LAHUL SPITI, BIKE TRIP-22                                       SANDEEP PANWAR

अब अपनी यात्रा पर चलते है। रोहतांग दर्रा आ गया था। लेकिन मेरे साथ ऐसा पहली बार हो रहा था कि रोहतांग में जरा सी भी बर्फ़ नहीं मिली। मैं इससे पहले भी कई बार रोहतांग तक, बल्कि इससे भी आगे लेह तक गया हूँ। मुझे हर बार रोहतांग में बर्फ़ मिलती रही है। अबकी बार सितम्बर माह के आखिरी सप्ताह में यहाँ आया था हो सकता है कि इसी कारण यहाँ बर्फ़ ना मिली हो। रोहतांग की समुन्द्रतल से ऊँचाई 3978 मीटर/ 13051 फ़ुट है। यहाँ से मनाली 51 किमी दूर है। इतनी ऊँचाई पर पेड़-पौधे तक नहीं पनप पाते है। मनाली की ओर मढी व कैलांग की ओर ग्रामफ़ू जाने पर ही पेड़-पौधे दिखायी दे पाते है। आने वाले कुछ वर्षों में रोहतांग तक सिर्फ़ पर्यटक ही आया करेंगे, क्योंकि रोहतांग से उस पार लाहौल-स्पीति जाने के लिये 8.5 किमी लम्बी सुरंग बनाने का कार्य युद्द स्तर पर चल रहा है। रोहताग सुरंग बनने के बाद कैलोंग की दूरी 45 किमी कम हो जायेगी। जिस प्रकार जवाहर सुरंग बनने से कश्मीर घाटी पहुँचना आसान हो गया था उसी प्रकार यह सुरंग बनते ही लाहौल घाटी वर्ष भर जाया जा सकेगा।

व्यास मन्दिर

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