UJJAIN-JABALPUR-AMARKANTAK-PURI-CHILKA-15 SANDEEP PANWAR
भेड़ाघाट
के रेस्ट हाऊस की ओर चलते हुए सडक पर 64 योगिनी नामक मन्दिर का बोर्ड दिखायी देता है।
सड़क से देखने पर पहली नजर में मन्दिर तो मन्दिर मन्दिर का कोई अंश भी दिखायी नहीं
देता। मन्दिर ऊपर कही पहाड़ी पर बना होगा। जहाँ तक पहुँचाने के लिये पत्थर की बनी
हुई पक्की सीढियाँ दिखायी दे रही थी। मैंने उन सीढियों से ऊपर पहाड़ी पर चढ़ना
शुरु कर दिया। जैसे-जैसे ऊपर की ओर जाता जा रहा था शरीर कहने लगता कि रुक जा जरा
साँस तो ले ले, ऐसी क्या जल्दी है जो दे दना-दना भागे जा रहा है। साँस
फ़ूलने की समस्या तो चढ़ाई पर आती ही है अब चढ़ाई चाहे श्रीखन्ड़ की हो या मणिमहेश
की या 64 योगिनी मन्दिर की ही क्यों ना रही हो। मुझे साँस सामान्य
करने के लिये बीच में एक बार रुकना पड़ा।