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सोमवार, 12 अगस्त 2013

Harsiddhi Temple सम्राट विक्रमादित्य की आराध्य देवी मन्दिर

UJJAIN-JABALPUR-AMARKANTAK-PURI-CHILKA-05                              SANDEEP PANWAR
सम्राट वीर विक्रमादित्य के नवरत्न दरबार के एकदम नजदीक ही सीधे हाथ पर हरसिद्धी देवी का मन्दिर है। इस देवी मन्दिर को राजा विक्रम की आराध्य कुल देवी भी कहा जाता है। यह मन्दिर देखने में भी काफ़ी शानदार है लेकिन पहली नजर में यह मन्दिर बहुत पुराना नहीं लगता है हो सकता है कि इस मन्दिर का पुननिर्माण कराया गया हो। मन्दिर के बाहर लगे एक शिला पट से पता चलता है कि यह मन्दिर सन 1447 में मराठों ने बनवाया था। मन्दिर के अन्दर बने दीप स्तम्भ भी मराठा शैली के बारे में ही इंगित कर रहे है। तांत्रिक परम्परा में इस हरसिद्धी मन्दिर का विशेष महत्व बताया गया है। हो सकता है कि इसी मन्दिर के योगी ने राजा विक्रम को अपने तंत्रजाल में फ़ँसाकर भूत बेताल को पकड़ लाने का आदेश दिया हो। खैर इतिहास कुछ भी रहा हो, आप यहाँ की यात्रा फ़ोटो के जरिये करते रहिये।


Vikram and Betal (ghost)-Vikram Tekri विक्रम और बेताल भूत वाले राजा विक्रम का दरबार स्थल-विक्रम टेकरी

UJJAIN-JABALPUR-AMARKANTAK-PURI-CHILKA-04                              SANDEEP PANWAR
राजा विक्रम का दरबार स्थल विक्रम टेकरी पहुँचने के बाद कुछ देर आराम किया। इसके बाद वहाँ काफ़ी देर तक अच्छी तरह राजा विक्रम का नवरत्न दरबार स्थल देखते रहे। यहाँ लिखे गये बोर्ड़ से यह जाना कि राजा विक्रम भारत के महान राजा क्यों माने गये है। यह वही राजा जिनके नाम पर भारत का अपना तिथि कैलेन्ड़र चलाया गया था। विक्रम संवत के नाम से जाने जाने वाला कैलेन्ड़र दुनिया का सबसे पहला कैलेन्ड़र है। आज वर्तमान दौर में हम जिस अंग्रेजी कैलेन्ड़र के बारे में जानते है उसका आगमन तो इन राजा के कैलेन्ड़र के बहुत सालों बाद हुआ था। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है आज विक्रम संवत का  2070 वर्ष चल रहा है। जबकि अंग्रेजी कैलेन्ड़र में अभी सन 2013 ही चल रहा है।


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