भानगढ-सरिस्का-पान्डुपोल-यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये गये है।
01- दिल्ली से अजबगढ होते हुए भानगढ तक की यात्रा।
02- भानगढ में भूतों के किले की रहस्मयी दुनिया का सचित्र विवरण
03- राजस्थान का लघु खजुराहो-सरिस्का का नीलकंठ महादेव मन्दिर
04- सरिस्का वन्य जीव अभ्यारण में जंगली जानवरों के मध्य की गयी यात्रा।
05- सरिस्का नेशनल पार्क में हनुमान व भीम की मिलन स्थली पाण्डु पोल
06- राजा भृतहरि समाधी मन्दिर व गुफ़ा राजा की पूरी कहानी विवरण सहित
07- नटनी का बारा, उलाहेडी गाँव के खण्डहर व पहाडी की चढाई
08- नीमराणा की 12 मंजिल गहरी ऐतिहासिक बावली दर्शन के साथ यात्रा समाप्त
BHANGARH-SARISKA-PANDUPOL-NEEMRANA-05 SANDEEP PANWAR
01- दिल्ली से अजबगढ होते हुए भानगढ तक की यात्रा।
02- भानगढ में भूतों के किले की रहस्मयी दुनिया का सचित्र विवरण
03- राजस्थान का लघु खजुराहो-सरिस्का का नीलकंठ महादेव मन्दिर
04- सरिस्का वन्य जीव अभ्यारण में जंगली जानवरों के मध्य की गयी यात्रा।
05- सरिस्का नेशनल पार्क में हनुमान व भीम की मिलन स्थली पाण्डु पोल
06- राजा भृतहरि समाधी मन्दिर व गुफ़ा राजा की पूरी कहानी विवरण सहित
07- नटनी का बारा, उलाहेडी गाँव के खण्डहर व पहाडी की चढाई
08- नीमराणा की 12 मंजिल गहरी ऐतिहासिक बावली दर्शन के साथ यात्रा समाप्त
BHANGARH-SARISKA-PANDUPOL-NEEMRANA-05 SANDEEP PANWAR
हमारी गाडी
पान्डु पोल मन्दिर के सामने जा पहुँची। यह वही मन्दिर बताया गया है जहाँ महाबली
भीम के मार्ग में श्रीराम भक्त हनुमान जी की पूँछ आ गयी थी। गाडी से उतर कर मन्दिर
की ओर बढने लगे। मन्दिर की सीढियों के सामने से होते हुए मन्दिर से आगे निकल गये।
कुछ साथी मन्दिर के अन्दर जाने लगे तो अशोक भाई ने उन्हे वापिस बुलाया। अशोक भाई
के साथ मेरी बात पहले ही हो चुकी थी। तय हुआ था कि मन्दिर जाने से पहले पाण्डु पोल
झरना वाला स्थान देखने जायेंगे। अशोक जी यहाँ कई बार आ चुके है जिसमें एक बार
उन्हे पाण्डु पोल तक जाने की अनुमति नहीं मिली थी। जैसे ही हम मन्दिर के आगे से
घूमते हुए मन्दिर के पीछे पहुँचे तो देखा कि सामने से कुछ लोग चले आ रहे है।