शुक्रवार, 28 मार्च 2014

नीमराणा-रानी की बावली-Stepwell of Neemrana, Rani ki Baoli

भानगढ-सरिस्का-पान्डुपोल-यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये गये है।
01- दिल्ली से अजबगढ होते हुए भानगढ तक की यात्रा।
02- भानगढ में भूतों के किले की रहस्मयी दुनिया का सचित्र विवरण
03- राजस्थान का लघु खजुराहो-सरिस्का का नीलकंठ महादेव मन्दिर
04- सरिस्का वन्य जीव अभ्यारण में जंगली जानवरों के मध्य की गयी यात्रा।
05- सरिस्का नेशनल पार्क में हनुमान व भीम की मिलन स्थली पाण्डु पोल
06- राजा भृतहरि समाधी मन्दिर व गुफ़ा राजा की पूरी कहानी विवरण सहित
07- नटनी का बारा, उलाहेडी गाँव के खण्डहर व पहाडी की चढाई
08- नीमराणा की 12 मंजिल गहरी ऐतिहासिक बावली दर्शन के साथ यात्रा समाप्त

BHANGARH-SARISKA-PANDUPOL-NEEMRANA-08                           SANDEEP PANWAR

चलो भोजन तैयार है। पहले भोजन करते है। पूरी सब्जी व खीर की महक घर से बाहर भी आ रही है। भोजन के बाद गाँव के पास वाली पहाडी पर आरोहण करने के साथ यहाँ से प्रस्थान कर दिया जायेगा। आज अशोक भाई के यहाँ से विदाई होनी है इसलिये आज तो और भी लजीज भोजन बनाया गया है। भोजन में पूरी सब्जी के साथ खीर देखकर जीभ ललचाने लगी। भोजन करने से पहले भोजन स्थल का एक फ़ोटो लिया। मेरे बैठने का आसन उस जगह था। जहाँ से रसोई सामने ही दिख रही थी। परिवार के तीन सदस्य रसोई में लगे हुए थे। अशोक भाई ने भोजन परोसने में सहयोग दिया।


बुधवार, 26 मार्च 2014

Natni ka bara and Ulha heri Villege नटनी का बारा व उलाहेडी गाँव

भानगढ-सरिस्का-पान्डुपोल-यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये गये है।
01- दिल्ली से अजबगढ होते हुए भानगढ तक की यात्रा।
02- भानगढ में भूतों के किले की रहस्मयी दुनिया का सचित्र विवरण
03- राजस्थान का लघु खजुराहो-सरिस्का का नीलकंठ महादेव मन्दिर
04- सरिस्का वन्य जीव अभ्यारण में जंगली जानवरों के मध्य की गयी यात्रा।
05- सरिस्का नेशनल पार्क में हनुमान व भीम की मिलन स्थली पाण्डु पोल
06- राजा भृतहरि समाधी मन्दिर व गुफ़ा राजा की पूरी कहानी विवरण सहित
07- नटनी का बारा, उलाहेडी गाँव के खण्डहर व पहाडी की चढाई
08- नीमराणा की 12 मंजिल गहरी ऐतिहासिक बावली दर्शन के साथ यात्रा समाप्त

BHANGARH-SARISKA-PANDUPOL-NEEMRANA-07                           SANDEEP PANWAR

केक खाने के बाद एक बार फ़िर गाडी में सवार हो गये। अब हमें नटनी का बारा नाम से मशहूर हुई जगह देखनी थी। यह जगह सरिस्का से अलवर जाने वाली सडक के किनारे ही है। बताते है कि काफ़ी पहले सडक के साथ बहने वाली नदी को पार करने के लिये एक नटनी नदी किनारे के दोनों पहाडों पर रस्सी बाँध कर आर-पार जाया करती थी। नटनी दोनों पर्वतों के बीच की खाई को प्रतिदिन दो बार पार कर इस ओर से उस ओर आया-जाया करती थी। एक दिन उस नटनी की मौत उसी रस्सी से गिरने से हो गयी। कहते है नटनी को नीचे अपना बच्चा दिखायी दे गया। जिस कारण वह ममता के मोह में फ़ंसने होने से अपना संतुलन सम्भाल नहीं सकी। लगभग अस्सी फ़ुट की ऊँचाई से गिरते के कारण नटनी तत्काल मौत की नीन्द सो गयी। घुडसवार की गिरता है मैदाने जंग में।


सोमवार, 24 मार्च 2014

Bhartari cave and Samadhi temple राजा भृतहरि गुफ़ा व समाधी मन्दिर

भानगढ-सरिस्का-पान्डुपोल-यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये गये है।
01- दिल्ली से अजबगढ होते हुए भानगढ तक की यात्रा।
02- भानगढ में भूतों के किले की रहस्मयी दुनिया का सचित्र विवरण
03- राजस्थान का लघु खजुराहो-सरिस्का का नीलकंठ महादेव मन्दिर
04- सरिस्का वन्य जीव अभ्यारण में जंगली जानवरों के मध्य की गयी यात्रा।
05- सरिस्का नेशनल पार्क में हनुमान व भीम की मिलन स्थली पाण्डु पोल
06- राजा भृतहरि समाधी मन्दिर व गुफ़ा राजा की पूरी कहानी विवरण सहित
07- नटनी का बारा, उलाहेडी गाँव के खण्डहर व पहाडी की चढाई
08- नीमराणा की 12 मंजिल गहरी ऐतिहासिक बावली दर्शन के साथ यात्रा समाप्त

BHANGARH-SARISKA-PANDUPOL-NEEMRANA-06                           SANDEEP PANWAR

भानगढ-सरिस्का-पाण्डुपोल देखने के बाद अब महाराजा वीर विक्रमादित्य के बडे भाई राजा भृतहरि उर्फ़ भरथरी की तपस्या स्थली के दर्शन करने चलते है। विक्रम ने ही विक्रम संवत का शुभारभ कराया था। जहाँ अंग्रेजी नव वर्ष 1 जनवरी को शुरु होता है तो वही विक्रम संवत बोले तो हिन्दू नव वर्ष चैत्र मास के नवरात्र के साथ आरम्भ होता है। मैंने उज्जैन में इन्ही राजा की एक तपस्या स्थली देखी थी। आज अलवर जिले में स्थित इनकी दूसरी तपस्या स्थली की बात हो रही है।



गुरुवार, 20 मार्च 2014

Padu Pole-A big hole in a mountain हनुमान व भीम मिलन स्थल- पाण्डु पोल

भानगढ-सरिस्का-पान्डुपोल-यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये गये है।
01- दिल्ली से अजबगढ होते हुए भानगढ तक की यात्रा।
02- भानगढ में भूतों के किले की रहस्मयी दुनिया का सचित्र विवरण
03- राजस्थान का लघु खजुराहो-सरिस्का का नीलकंठ महादेव मन्दिर
04- सरिस्का वन्य जीव अभ्यारण में जंगली जानवरों के मध्य की गयी यात्रा।
05- सरिस्का नेशनल पार्क में हनुमान व भीम की मिलन स्थली पाण्डु पोल
06- राजा भृतहरि समाधी मन्दिर व गुफ़ा राजा की पूरी कहानी विवरण सहित
07- नटनी का बारा, उलाहेडी गाँव के खण्डहर व पहाडी की चढाई
08- नीमराणा की 12 मंजिल गहरी ऐतिहासिक बावली दर्शन के साथ यात्रा समाप्त

BHANGARH-SARISKA-PANDUPOL-NEEMRANA-05                           SANDEEP PANWAR

हमारी गाडी पान्डु पोल मन्दिर के सामने जा पहुँची। यह वही मन्दिर बताया गया है जहाँ महाबली भीम के मार्ग में श्रीराम भक्त हनुमान जी की पूँछ आ गयी थी। गाडी से उतर कर मन्दिर की ओर बढने लगे। मन्दिर की सीढियों के सामने से होते हुए मन्दिर से आगे निकल गये। कुछ साथी मन्दिर के अन्दर जाने लगे तो अशोक भाई ने उन्हे वापिस बुलाया। अशोक भाई के साथ मेरी बात पहले ही हो चुकी थी। तय हुआ था कि मन्दिर जाने से पहले पाण्डु पोल झरना वाला स्थान देखने जायेंगे। अशोक जी यहाँ कई बार आ चुके है जिसमें एक बार उन्हे पाण्डु पोल तक जाने की अनुमति नहीं मिली थी। जैसे ही हम मन्दिर के आगे से घूमते हुए मन्दिर के पीछे पहुँचे तो देखा कि सामने से कुछ लोग चले आ रहे है।


मंगलवार, 18 मार्च 2014

Sariska wild life sanctuary/National Park सरिस्का अभयारण्य/उद्यान/नेशनल पार्क

भानगढ-सरिस्का-पान्डुपोल-यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये गये है।
01- दिल्ली से अजबगढ होते हुए भानगढ तक की यात्रा।
02- भानगढ में भूतों के किले की रहस्मयी दुनिया का सचित्र विवरण
03- राजस्थान का लघु खजुराहो-सरिस्का का नीलकंठ महादेव मन्दिर
04- सरिस्का वन्य जीव अभ्यारण में जंगली जानवरों के मध्य की गयी यात्रा।
05- सरिस्का नेशनल पार्क में हनुमान व भीम की मिलन स्थली पाण्डु पोल
06- राजा भृतहरि समाधी मन्दिर व गुफ़ा राजा की पूरी कहानी विवरण सहित
07- नटनी का बारा, उलाहेडी गाँव के खण्डहर व पहाडी की चढाई
08- नीमराणा की 12 मंजिल गहरी ऐतिहासिक बावली दर्शन के साथ यात्रा समाप्त

BHANGARH-SARISKA-PANDUPOL-NEEMRANA-04                           SANDEEP PANWAR

हमारी स्कारपियो अजबगढ-भानगढ-नीलकंठ के बाद सरिस्का के प्रवेश दरवाजे पर पहुँच गयी। अशोक जी गाडी से उतरकर टिकट खिडकी पर जा पहुँचे। मैंने गाडी से बाहर निकल कर आसपास के फ़ोटो ले लिये। यहाँ गेट के बाहर ही सरिस्का नेशनल पार्क में प्रवेश करने के बारे में कुछ जरुरी बाते लिखी हुई थी। जिसमें सबसे जरुरी बात बाइक सहित फ़्री में दो दिन सरिस्का वन में जाने वाली लगी। मंगलवार व शनिवार को बिना टिकट प्रवेश करने की सुविधा दी गयी है। अशोक जी को इस बात की पहले से जानकारी थी इसलिये उन्होंने आज का दिन सरिस्का के लिये विशेष तौर पर चुना है।


शुक्रवार, 14 मार्च 2014

Sariska- Neelkanth Mahadev Temple सरिस्का-नीलकंठ महादेव मन्दिर

भानगढ-सरिस्का-पान्डुपोल-यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये गये है।
01- दिल्ली से अजबगढ होते हुए भानगढ तक की यात्रा।
02- भानगढ में भूतों के किले की रहस्मयी दुनिया का सचित्र विवरण
03- राजस्थान का लघु खजुराहो-सरिस्का का नीलकंठ महादेव मन्दिर
04- सरिस्का वन्य जीव अभ्यारण में जंगली जानवरों के मध्य की गयी यात्रा।
05- सरिस्का नेशनल पार्क में हनुमान व भीम की मिलन स्थली पाण्डु पोल
06- राजा भृतहरि समाधी मन्दिर व गुफ़ा राजा की पूरी कहानी विवरण सहित
07- नटनी का बारा, उलाहेडी गाँव के खण्डहर व पहाडी की चढाई
08- नीमराणा की 12 मंजिल गहरी ऐतिहासिक बावली दर्शन के साथ यात्रा समाप्त

BHANGARH-SARISKA-PANDUPOL-NEEMRANA-03                           SANDEEP PANWAR

भानगढ से गाड़ी चलते ही दो साथी भूख लगने की बात कहने लगे तो अशोक भाई बोले, चलो सरिस्का पहुँचकर खाना खायेंगे। भानगढ से सरिस्का में प्रवेश दरवाजे की दूरी 30 किमी है। जबकि हमें उससे पहले नीलकंठ महादेव मन्दिर देखने भी जाना है जिसमें कम से कम दो घन्टे का समय लग जाना है। इसलिये तय हुआ कि हाइवे पर पहुँचते ही बैठने लायक जगह देखकर रुक जायेंगे। हाईवे पर आते ही टहला की ओर मुड़ते ही दो दुकाने बनी है इसलिये गाड़ी किनारे लगा कर भोजन की तैयारी होने लगी। अशोक भाई घर से 30 पराँठे व 6 लीटर छाय लेकर आये थे। गाड़ी से खाना निकाल कर सब लोगों के एक साथ बैठने के लिये बैंच व तख्त एक जगह मिला दिये।



बुधवार, 12 मार्च 2014

Bhangarh-India's most haunted place भानगढ-भारत का सबसे बदनाम भूतहा किला

भानगढ-सरिस्का-पान्डुपोल-यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये गये है।
01- दिल्ली से अजबगढ होते हुए भानगढ तक की यात्रा।
02- भानगढ में भूतों के किले की रहस्मयी दुनिया का सचित्र विवरण
03- राजस्थान का लघु खजुराहो-सरिस्का का नीलकंठ महादेव मन्दिर
04- सरिस्का वन्य जीव अभ्यारण में जंगली जानवरों के मध्य की गयी यात्रा।
05- सरिस्का नेशनल पार्क में हनुमान व भीम की मिलन स्थली पाण्डु पोल
06- राजा भृतहरि समाधी मन्दिर व गुफ़ा राजा की पूरी कहानी विवरण सहित
07- नटनी का बारा, उलाहेडी गाँव के खण्डहर व पहाडी की चढाई
08- नीमराणा की 12 मंजिल गहरी ऐतिहासिक बावली दर्शन के साथ यात्रा समाप्त

BHANGARH-SARISKA-PANDUPOL-NEEMRANA-02                           SANDEEP PANWAR

हमारी गाड़ी घाटा व थाना गाजी नामक जगह की ओर से आयी थी। उसके बाद हम अजबगढ के खण्ड़हरों से होते हुए भानगढ तक पहुँचे। आज आपको भानगढ के भूतों वाले किले में घूमाया व इसके बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। जयपुर से सरिस्का/ अलवर जाने वाले मुख्य मार्ग से भानगढ किले की दूरी लगभग 3 किमी हटकर है। इस मोड़ से कोई एक किमी पहले सरिस्का की ओर सारा माता मन्दिर आता है। यहाँ रात ठहरने के ठिकाना मिल जाता है। यह मन्दिर भानगढ से वापिस आते समय सीधे हाथ पड़ता है।


सोमवार, 10 मार्च 2014

Let's go to Bhangarh आओ अजबगढ होकर भानगढ चले

भानगढ-सरिस्का-पान्डुपोल-यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये गये है।
01- दिल्ली से अजबगढ होते हुए भानगढ तक की यात्रा।
02- भानगढ में भूतों के किले की रहस्मयी दुनिया का सचित्र विवरण
03- राजस्थान का लघु खजुराहो-सरिस्का का नीलकंठ महादेव मन्दिर
04- सरिस्का वन्य जीव अभ्यारण में जंगली जानवरों के मध्य की गयी यात्रा।
05- सरिस्का नेशनल पार्क में हनुमान व भीम की मिलन स्थली पाण्डु पोल
06- राजा भृतहरि समाधी मन्दिर व गुफ़ा राजा की पूरी कहानी विवरण सहित
07- नटनी का बारा, उलाहेडी गाँव के खण्डहर व पहाडी की चढाई
08- नीमराणा की 12 मंजिल गहरी ऐतिहासिक बावली दर्शन के साथ यात्रा समाप्त

BHANGARH-SARISKA-PANDUPOL-NEEMRANA-01                           SANDEEP PANWAR
आज एक नई यात्रा की शुरुआत करते है। 28-02-2014 को इस यात्रा की विधिवत शुरुआत हुई थी लेकिन इसकी तैयारी महीने भर पहले से ही शुरु हो चुकी थी। कोई महीना भर 26 जनवरी के आसपास पहले मेरे मोबाइल पर अनसेव नम्बर से एक कॉल आयी। फ़ोन करने वाले ने कहा कि संदीप पवाँर जी मैं नीमराणा, अलवर जिला, राजस्थान से अशोक शर्मा बोल रहा हूँ। अशोक शर्मा नीमराणा कुछ जाना-पहचाना सा नाम लगा। अशोक जी ने बात आगे बढाते हुए कहा। संदीप जी आपको शायद याद होगा कि मैंने पहले भी आपसे बात की है। हाँ, अशोक जी याद तो आ रहा है। लेकिन आपका नम्बर सेव नहीं है इसलिये थोड़ा असंमजस हो गया था। 

अशोक जी बोले, आपसे एक बात कहनी है। मैंने कहा, कहिए। संदीप जी बात ऐसी है कि फ़रवरी के आखिरी सप्ताह में मैं अपने कुछ दोस्तों के साथ भानगढ व सरिस्का जाना चाह रहा हूँ। मैंने आपके ब्लॉग के सब लेख पढे हुए है। जिससे मुझे पता है कि अभी तक आप भानगढ नहीं गये है। हाँ जी, आप सही कह रहे है मैं अभी तक भानगढ नहीं गया हूँ। आप हमारे साथ भानगढ जाना चाहोगे? जरुर जाना चाहूँगा। मैं घूमने का न्यौता कैसे नकार सकता था।


शनिवार, 1 मार्च 2014

Sandeep Panwar's Life book Feb 2014 संदीप पवाँर की जीवनी-फ़रवरी २०१४

मार्च माह में आने वाले मुख्य त्यौहार व अवकाश निम्न है।

1O LATMAR HOLI BARSANA

11 LATMAR HOLI NANDGAIN
 
17 होली

18 रंगों की होली (दुल्हेन्ड़ी)

31 हिन्दी व तमिल नव वर्ष

मेरे साथ FEBRUARY 2014 में घटित होने वाला मुख्य घटनाक्रम फ़ोटो के नीचे है।


Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...