JULY माह
में आने वाले मुख्य त्यौहार व अवकाश निम्न है।
JUL 07 BADALIYA NAOMI
JUL 16 NAAG PANCHMI
JUL 25 SHIVRATRI
JUL 29 ID UL FITAR
JUL 30 TEEJ
बीते माह JUNE 2014 में
आपबीती का विवरण नीचे दिया है।
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01
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वोडाफ़ोन कम्पनी
को 198 नम्बर पर लगातार शिकायत करते करते रहना पडा।
उन्होंने मेरे नम्बर से यह सुविधा बन्द कर दी। अब इस कम्पनी से पोर्ट कराना ही
बेहतर विकल्प होगा।
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02
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औरंगाबाद से
दिलीप अवस्थी जी का फ़ोन आया। अवस्थी जी संतोष तिडके से उनके गाँव जाकर मुलाकात
कर आये है। अब मुझसे मिलने की इच्छा है। देखते है कब पूरी होती है।
गुजरात के जामनगर
से एक बन्धु का फ़ोन आया। इनका नाम याद नहीं रहता है। इन्होंने पहले भी फ़ोन किया
था। इनसे भी घुमक्कडी के बारे में लम्बी चर्चा हुई।
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03
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बोम्बे से विशाल
राठौर का किन्नौर कैलाश यात्रा के लिये फ़ोन आया।
राजेश जी का
अन्डमान यात्रा के लिये फ़ोन आया।
मनु का नेपाल व
भूटान की बाइक के लिये फ़ोन आया।
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04
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05
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साथी इन्द्रपाल जी को हार्ट अटैक होने के कारण अवकाश लेना पडा जिससे मेरे
ऊपर काम का बोझ बढ गया है। हमदर्द का टानिक सिंकारा तलाश किया लेकिन मिल नहीं
सका।
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06
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आज घर पर बापू
बेटा ही थे मेरी माँ और बेटे की माँ एक रिश्तेदार की तेरहवी में गयी हुई थी।
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आज लोनी तिराहे
पर बुर्के में कैद एक मुल्लन बाइक से गिरने के कारण काफ़ी चोटिल हो गयी। उसके
मियाँ उसको अस्पताल ले जाने के बजाय, लडाई पर उतारु थे।
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09
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संतोष तिडके का फ़ोन आया कि वे जुलाई में बद्रीनाथ की बाइक यात्रा के लिये आ
रहे है। मुझे साथ चलने को कहा लेकिन मेरा इरादा अभी नहीं है।
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10
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11
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आज पहली बार
आशिकी फ़िल्म देखी, कुल मिलाकर अच्छी लगी।
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कोलकत्ता से बप्पा चक्रवर्ती जी का फ़ोन आया। होमकुन्ड यात्रा के बारे में
विचार विमर्श किया गया।
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आज आल दा बेस्ट
फ़िल्म देखी। अच्छी लगी।
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पान सिंह तोमर व
भाग मिलखा भाग फ़िल्म देखी। दोनों फ़िल्में धावकों के जीवन पर बनी है। लेकिन
किस्मत में दोनों धावको के कुछ और लिखा था।
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आज फ़िल्म गैंग आफ़
वासेपुर के दोनों भाग देखे गये। पहले भाग में ज्यादा रोमांच नहीं आया जबकि दूसरा
भाग बहुत अच्छा लगा। अजय भाई ने ये दोनों भाग कई महीने पहले दिये थे देखने का
मौका आज मिला।
नीरज का फ़ोन आया कि भाई इन्दौर से एक घूमने वाला दोस्त आया है आपसे बात करना चाहता है करा भाई। नीरज कल सुबह हिमाचल जा रहा है यह दोस्त उसी यात्रा करने के इरादे से आया है।
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16
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पटियाला से सुशील
जी का फ़ोन आया कि संदीप जी आपके बताये अनुसार कैलाश मानसरोवर यात्रा की तैयारी
जोर से कर रहा हूं। पीठ पर 10 किलो वजन लाद कर
प्रतिदिन 7-8 किमी पैदल चल रहा हूँ।
ठीक है भाई फ़िर मार नहीं खाओगे। शुरु के दिनों में अपने समूह के सबसे ढीले बन्दे
के साथ रहना, उसके बाद सबसे आगे। कैलाश से वापसी के बाद सुशील भाई का ब्लॉग
आरम्भ करवाना है। उसके लिये कैलाश से बेहतर यात्रा कोई दूसरी नहीं हो सकती है।
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17
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आज राजेश जी
कार्यालय पहुँच गये कैसे आना हुआ? बताया कि किसी जानकार से मिलने के लिये आया
हूँ। लगे हाथ आपसे भी मिलना हो गया।
मनु से मोबाइल पर
लम्बी बात हुई। अन्डमान निकोबार में कब कहाँ और कैसे जाना रहना होगा? इसी पर
चर्चा की गयी।
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आज से कार्यालय
की ओर से अवकाश ले लिया गया था लेकिन कर्मचारियों का वेतन बैंक में भिजवाने के
कारण कार्यालय जाना पडा।
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आज रात को हवाई
मार्ग से बोम्बे, चैन्नेई होते हुए अन्डमान निकोबार की यात्रा आरम्भ हुई।
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20
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रात को दो बजे से
चार बजे तक बोम्बे के जुहू चौपाटी बीच पर बोम्बे निवासी विशाल राठौर के साथ
घूमना किया। सुबह दस बजे अण्डमान के पोर्ट ब्लेयर में पहुँच गये।
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आज सरकारी बस में बैठ अन्डमान के उत्तर में स्थित
डिगलीपुर पहुँच गये। इस बस के टिकट कल ही बुक कर दिये गये थे।
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सुबह पोर्ट
ब्लेयर से हैवलॉक व हैवलॉक से नील आइसलैन्ड जाने के लिये पानी के जहाज/बोट के
टिकट बुक किये। डिगलीपुर स्थित अन्डमान की सबसे ऊँची चोटी की ट्रेकिंग में पूरा
दिन बीत गया।
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आज डिगलीपुर से
पोर्ट ब्लेयर वापसी में पूरा दिन बीत गया। पूरे दिन झमाझम बारिश होती रही। शुक्र
रहा कि वातानुकूलित बस में सवार थे।
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सुबह के समय
पोर्ट ब्लेयर में कुछ स्थल देखे। उसके बाद हैवलॉक आइसलैन्ड पानी/समुन्द्र के
मार्ग जाना हुआ।
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हैवलॉक घूमने के
लिये बाइक किराये पर ली, काला पत्थर बीच देखा। उसके बाद हैवलॉक का सबसे सुन्दर
बीच राधा नगर बीच देखा।
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आज एक बार फ़िर
राधा नगर बीच गये। उसके बाद समुन्द्री मार्ग से नील आइसलैन्ड पहुँच गये। नील में
कुदरती पुल देखा। शाम को सूर्यास्त देखा। सूर्यास्त वाला समुन्द्री बीच इस
यात्रा का सबसे सुन्दर बीच निकला।
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सुबह सवेरे
सूर्योदय देखा, उसके बाद शीशे के तल वाली नाव में बैठकर समुन्द्र में नीचे अन्दर
की दुनिया देखने गये। आज समुन्द्री मार्ग से पोर्ट ब्लेयर वापिस आ गये।
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आज रास आइसलैन्ड
देखने गये। यह जगह ब्रिटिश राज्य में मुख्यालय हुआ करती थी। यहाँ पर पीपल के पेड
की जड से जकडी विशाल इमारते देख, आँखे दंग रह गयी।
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आज पोर्ट ब्लेयर
की सबसे ऊँची चोटी की यात्रा जीप से की गयी। इस चोटी पर काला पत्थर नाम से ढाई
किमी की ट्रेकिंग करने लगे तो जौंकों ने हमला बोल दिया।
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30
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आज अन्डमान से
चैन्नई, बोम्बे होते हुए दिल्ली वापसी हुई। कल से नौकरी भी जाना है।
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5 टिप्पणियां:
मजा आ गया जी।
भाई रूद्रनाथ भी तो गए थे उसे कब लिख रहे हो.
ye 25 jul ko kaunsi SHIVRATRI hai???
aage ka kissa kab likhoge ---
jai ho jat devta ki
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