बुधवार, 23 जनवरी 2013

गोवा, दोना-पावला बीच Goa, Dona-Paula beach

गोवा यात्रा-भाग-07
सबका परिचय जानने के बाद हम एक बार आगे की पद यात्रा पर दोना पावला बीच के लिये चलने लगे। कुछ ही देर में हम गोवा के राजपाल निवास राजभवन के सामने पहुँच चुके थे। यहाँ से हमने उल्टे हाथ की ओर चलना शुरु कर दिया था। सीधे हाथ जाने पर राजभवन आ जाता वहाँ हमें अन्दर जाने नहीं दिया जाता। यहाँ से हम सब आगे बढ़ते रहे, कुछ देर बाद ही हम दोना पावला के मुख्य बस स्टॉप पर पहुँच गये थे, जहाँ दोना/डोना पावला/पाउला का बस स्थानक/अड़डा है वहाँ  उस चौराहे पर C I D गोवा पुलिस विभाग का कार्यालय भी बना हुआ है। इसी चौराहे से एक सड़क समुन्द्र की ओर नीचे उतराई पर जाती हुई दिखाई देती है। हम इसी सड़क पर दोना पावला बीच देखने के लिये चल दिये थे।

Dona Paola की पहली झलक


गोवा की गर्मी से बचने के लिये टोपी की खरीदारी हो रही है।


लगभग तीन सौ मीटर चलने के बाद हमें दोना पावला बीच के दर्शन होने शुरु हो गये थे, यहाँ पर पर्यटकों की काफ़ी भीड़भाड़ चहलपहल दिखाई दे रही थी। कपड़ों की काफ़ी दुकाने यहाँ पर लगी हुई थी, अनिल व कमल ने गर्मी से बचने के लिये अपने लिये टोपी ले ली थी। वैसे अनिल ने अपने लिये नीली वाली कपड़े की टोपी ली थी, जबकि अनिल का पहला फ़ोटो जो ऊपर दिया गया है वो काली टोपी में है, जब कमल ने यहाँ से टोपी खरीदी थी तभी मैंने अनिल का एक फ़ोटो ले लियी था, मुझे अनिल का फ़ोटो लेते देख, दुकान वाली औरत मुझे फ़ोटो लेने से मना कर रही थी। मैंने फ़ोटो उसके कहते ही ले लिया था। कमल ने वहाँ से टोपी ली, जबकि अनिल ने आगे किसी और दुकान से अपनी टोपी ली थी। 

अनिल बिना टोपी के
boating
Dona Paola Beach
टोपी टापी खरीद कर हम इस दोना/डोना पोला पावला/पाउला बीच में सीधे हाथ पर एक ऊँची सी दिखायी दे रही जगह पर पहुँच गये थे, हमारे ग्रुप के सभी सदस्य तितर-बितर हो चुके थे, इसलिये किसी का पता नहीं लग रहा था कि कौन कहाँ है? मेरे साथ केवल अनिल था, अनिल ने अपने लिये कपड़े की नीले रंग की टोपी ले ली थी, जब अनिल फ़ैसन वाली टोपी ले रहा था तो मैंने उसे समझाया कि यात्राओं के लिये इस प्रकार की टोपी सम्भाल कर रखने लायक नहीं होती है। कपड़े वाली टोपी को जैसे चाहो मोड़ तरोड़ कर कही भी ठूँस सकते हो, जेब बैग जहाँ मन करे वहाँ घुसेड़ दो, यह बात सुनकर अनिल की समझ में आ गयी थी कि कपड़े वाली टोपी लेनी ही उचित रहेगी। मैं खुद कई साल से ऐसी ही कपड़े वाली टोपी प्रयोग करता आ रहा हूँ। 


Jatdevta sandeep panwar

यह सिंघम फ़िल्म वाला पॉइन्ट है।
दोना/डोना पोला/पाउला/पावला बीच की सबसे ऊँची जगह से आसपास निहारने के बाद हम दोनों नीचे उतर गये , ऊपर हमें अपने ग्रुप के कई चेहरे दिखाई दिये थे। अभी तक अपने ग्रुप के किसी अन्य सदस्य का नाम याद नहीं हुआ था, अत: ज्यादा बातचीत भी नहीं हुई थी। नीचे उतरते ही हमने गोवा की गर्मी से बेहाल होकर वहाँ पर इसी बीच पर कुछ नीम्बू पानी बेचने वालों से एक-एक गिलास सोड़ा पानी लेकर पिया था। उसी नीम्बू पानी वाले से हमने उस स्थान के बारे में पता किया था जहाँ पर फ़िल्म सिंघम की शूटिंग में अभिनय करते समय अभिनेता अजय देवगन ने एक लोहे का पाइप उखाड़ फ़ैंका था। मैंने ध्यान से देखा तो पाया कि यहाँ पाइप काफ़ी मजबूत लगे हुए है, असलियत में इन्हे उखाड़ना इन फ़िल्मी हीरो के बसकी बात नहीं है।

तेज गति वाली नाव।
बीच
अनिल नाव में सवार होकर गया रोमांच महसूस करने।
जब हम वहाँ आये थे तो हमें बताया गया था कि ठीक बारह बजे तक सब लोग बस स्टॉप पर पहुँच जाना, मैंने मोबाइल में समय देखा तो अभी आधा घन्टा बाकि था,  इसी बीच अनिल की इच्छा स्पीड़ वाली बोट पर एक चक्कर लगाने की हो रही थी। बोट वाले के पास गये तो उसने बताया कि एक चक्कर के 200 रुपये टिकट लगता है, टिकट कहाँ मिलता है यह भी उसने बता दिया था। अनिल टिकट लेकर नाव में सवार हो गया था। नाव वाला एक बन्दे को बिठाकर नाव लेकर चला जाता था, अनिल भी इसी तेज गति वाली नाव में सवार होकर एक रोमांचक चक्कर लगा आया था।  
रोमांच के बाद सफ़ल वापसी।

काजू वाली आइसक्रीम का स्वाद लिया जा रहा है।

यहाँ मुझे कुछ शरारत सूझ रही थी।
नाव की सवारी के बाद हम वहाँ से वापिस लौट चले थे, अभी हम कुछ दूर तक ही आये थे कि सड़क किनारे हमें एक आइसक्रीम वाला दिखाई दिया था। हमने उससे कहा कि गोवा की कोई खास आइसक्रीम है तो बताओ, उसने हमें गोवा की काजू वाली आइसक्रीम दिखायी थी, वैसे आइसक्रीम पैकिंग में बन्द थी। जब पैकिंग खोलकर आइसक्रीम देखी तो पहली नजर में दिल्ली व आसपास मिलने वाली आम आइसक्रीम जैसी ही दिखायी दे रही थी। लेकिन हमारा भ्रम जल्दी ही दूर हो गया जब हमने आइसक्रीम का स्वाद चखा तो गजब का स्वाद मिला। हम आइसक्रीम खाते हुए आगे चलने लगे तो हमारे ग्रुप के कर्नाटक वाले दो बन्दे आते दिखायी दिये। उन्होंने हमारे पास आते ही कहा आइसक्रीम कहाँ से ली? हमने उन्हे दिखाया कि वो देखो आइसक्रीम वाला। मैसूर वासी दोनों बन्दों ने आइसक्रीम खायी और तारीफ़ में प्रशंसा के पुल बाँध दिये। थोडी देर बाद हम सब बस में बैठकर कैम्प पहुँच गये थे।

सामने सी आई डी का कार्यालय है।

समुन्द्र विज्ञान संस्थान।
अगले लेख में आपको दिखाया जायेगा कि हम लोगों ने यह कैम्प छोड़कर आगे वाले कैम्प के लिये समुन्द्र किनारे पूरे 27 किमी की ट्रेकिंग एकदम नंगे पैर शुरु कर दी थी।






गोवा यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे क्रमवार दिये गये है। आप अपनी पसन्द वाले लिंक पर जाकर देख सकते है।

भाग-10-Benaulim beach-Colva beach  बेनाउलिम बीच कोलवा बीच पर जमकर धमाल
भाग-13-दूधसागर झरने की ओर जंगलों से होकर ट्रेकिंग।
भाग-14-दूधसागर झरना के आधार के दर्शन।
भाग-15-दूधसागर झरने वाली रेलवे लाईन पर, सुरंगों से होते हुए ट्रेकिंग।
भाग-16-दूधसागर झरने से करनजोल तक जंगलों के मध्य ट्रेकिंग।
भाग-17-करनजोल कैम्प से अन्तिम कैम्प तक की जंगलों के मध्य ट्रेकिंग।
भाग-18-प्राचीन कुआँ स्थल और हाईवे के नजारे।
भाग-19-बारा भूमि का सैकड़ों साल पुराना मन्दिर।
भाग-20-ताम्बड़ी सुरला में भोले नाथ का 13 वी सदी का मन्दिर।  
भाग-21-गोवा का किले जैसा चर्च/गिरजाघर
भाग-22-गोवा का सफ़ेद चर्च और संग्रहालय
भाग-23-गोवा करमाली स्टेशन से दिल्ली तक की ट्रेन यात्रा। .
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7 टिप्‍पणियां:

Steve Finnell ने कहा…

you are invited to follow my blog

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

सुन्दर प्रस्तुति!
वरिष्ठ गणतन्त्रदिवस की अग्रिम शुभकामनाएँ और नेता जी सुभाष को नमन!

डॉ टी एस दराल ने कहा…

वाह वाह गोवा !
आइस क्रीम खाकर पेट बढ़ा लिया है भाई। :)

संजय @ मो सम कौन... ने कहा…

Kamal bhai ne kitni li kaju wali? (ice cream):)

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

वाह, सब याद आ रहा हैै...

Arti ने कहा…

Amazing pictures. The boating looks very nice. Thanks for sharing. Have a lovely day :)

दर्शन कौर धनोय ने कहा…

वाकई गोवा बहुत सुंदर जगह है

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