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राधा नगर बीच, हैवलाक द्वीप का सबसे सुन्दर बीच है। |
उत्तरी अंडमान के अंतिम छोर डिगलीपुर में यहाँ की सबसे
ऊँची चोटी सैडल पीक तक पहुँचकर वापिस
पोर्टब्लेयर लौट आये। इससे पहले वाले लेख में आपने सेल्यूलर जेल की सैर की थी। अब
अंडमान के एक सुन्दर से टापू हैवलाक द्वीप का अति मनमोहक राधा नगर बीच व हाथियों बीच
देखने के लिये जंगल में पैदल यात्रा पर पर चलते है। यदि आप अंडमान की इस यात्रा को
शुरु से पढना चाहते हो तो यहाँ माऊस से चटका लगाये
और
पूरे यात्रा वृतांत का आनन्द ले। इस लेख की यात्रा दिनांक 26-06-2014 को की गयी थी।
अंडमान निकोबार द्वीप
समूह TREKKING TO ELEPHANT BEACH & BEAUTIFUL RADHA NAGAR
BEACH, HAVELOCK ISLAND, PORT BLAIR, ANDAMAN & NIKOBAR ISLANDS
हाथी बीच ट्रैक व
अन्नानास के खेत
बस की जगह किराये की बाइक से हैवलाक द्वीप पर घूमने
में आनन्द ही आ गया। राधा नगर बीच जाते समय सीधे हाथ एक बोर्ड देखकर बाइक रोकनी
पडी। यहाँ हाथी बीच की ट्रेकिंग के बारे में लिखा था। बाइक सडक से हटाकर किनारे पर
एक झोपडी के सामने खडी कर दी। हम तीनों मैं संदीप पवाँर (जाट देवता), मनु प्रकाश
त्यागी व राजेश सहरावत जी हाथी बीच की ओर चल दिये। अभी थोडी दूर ही गये थे कि
पगडंडी किनारे एक खेत में एक अनानाश देखकर रुक गये। ध्यान से देखा तो वहाँ तो
अनानास से पूरा खेत ही भरा पडा था। खेत पर कोई नहीं था। हम चाहते तो वहाँ से
एक-दो अनानास तोड भी सकते थे लेकिन मुझे फ़्री का माल लेने की आदत नहीं है।
अनानास देखकर अनानास खाने का मन भी कर आया था। जब यहाँ अनानास की खेती बडे
पैमाने पर होती है तो यहाँ के स्थानीय बाजार में अनानास ज्यादा महँगा नहीं
मिलेगा। राधा नगर बीच पर या जेट्टी पर अनानास अवश्य मिल जाना चाहिए।
हाथी बीच पर करीब एक किमी जाने के बाद, खेत
समाप्त हो गये। यहाँ लकडी का एक छोटा सा पुल मिला। इस पुल पर फोटो लेकर आगे बढने
लगे तो राजेश जी बोले, आप दोनों हाथी बीच देख आओ, मैं वापिस बाइक के पास जा रहा
हूँ। राजेश जी मेरे साथ कई जगह जा चुके है। लगभग सभी जगह मैंने देखा है कि राजेश
से पैदल चलने से बहुत बचते रहे है। पैदल चलना सेहत के लिये अच्छी बात है लेकिन
राजेश जी को यह बात सही नहीं लगती है कि पैदल चलने से सेहत ठीक रहती है। खैर यह
उनका अपना मत है। मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं है कि मैं पैदल चलना बन्द कर दूँ। लकडी
के पुल से आगे खेत नहीं थे। अब जंगल के बडे-बडॆ पेड आरम्भ हो गये थे। लगभग आधा
किमी चलने के बाद एक जगह पहुँचकर मामला गम्भीर हो गया।
अरे-अरे, खतरा नहीं था। जिस पगडंडी पर हम चले
जा रहे थे वह दो भागों में विभाजित हो गयी। अब दो मार्ग सामने थे दोनों में से
किसी पर भी किसी के पैरों के निशान दिखाई नहीं दे रहे थे। आखिर में फैसला हुआ कि
सीधे हाथ की दिशा में चलते है। उल्टे हाथ की ओर चलने पर तो हम सडक के नजदीक पहुँच
जायेंगे। लगभग आधा किमी जाने के बाद समुन्द्र किनारे की दलदल आ गयी। दलदल समतल थी।
उस पर पैद रखकर चलने की कोशिश की तो उसमें पैर धँसने लगा। पैर धँसना यानि खतरे की
आहट। हम दलदल में आगे नहीं बढे। वही से वापिस लौट आये। जाते समय हमें ढेर सारी तितलियाँ
इस पगडंडी पर उडती हुई दिख रही थी। वापसी आते समय जहाँ भी मौका लगता, हम दोनों
तितलियों का फोटो लेने की कोशिश करने लग जाते। दो-तीन तितली तो हमारे आगे-आगे उडती
चली जा रही थी। जैसे ही वो किसी पौधे पर बैठती। हम तुरन्त वहाँ उसके पास पहुँच
जाते। हमें नजदीक आते देख व फटाक से आगे उड जाती। ये आँखमिचौली लगभग सौ मीटर तक
चलती रही।
राधा नगर का सुन्दर बीच
तितलियों का इलाका छोड सडक किनारे वापिस लौट आये।
राजेश सहरावत जी हमारी प्रतीक्षा में दुबले हुए जा रहे थे। एक बार फिर अपनी-अपनी
बाइकों पर सवार हो गये। अभी राधा नगर बीच एक किमी की दूरी पर होगा। सडक किनारे
उल्टे हाथ सौर ऊर्जा से बिजली बनाने वाला एक संयत्र देखा। यहाँ ढेर सारी बैट्री
रखी हुई थी। उन बैट्री में बिजली एकत्र कर रात्रि के समय हैवलाक द्वीप में उजाले
के लिये सप्लाई करते होंगे। इस सौर ऊर्जा वाले बिजलीघर को वही छोड आगे बढ चले।
राधा नगर बीच सामने दिखाई देने लगा।
राधा नगर बीच पहुँचते ही, एक खीरे वाला दिखाई
दिया। सुबह से सिर्फ नारियल
पानी व नारियल गिरी के भरोसे काम चल रहा था। सबसे पहले तीनों ने एक-एक खीरे का काम
तमाम किया। खीर को चट कर एक अनानास भी निपटा दिया। खीरे का दाम दस रुपया था जबकि
अन्नानास के लिये 50 रु से कम पर नहीं माना।
राधा नगर पर्यटक स्थल है यह इसी बात का फायदा उठा रहा है। बाजार में 20 रु कम मिल जायेगा। मन अब कर रहा है तो 50 रु का अन्नानास ले कर खाया गया। अनानास
निपटा कर राधा नगर बीच पहुँचे। बाइक पहले ही पार्किंग में लगा दी गयी थी।
राधा नगर बीच की सुन्दरता देख मन खुश हो गया। यह
यहाँ का इकलौता बीच है, जहाँ इतना लम्बा किनारा है। अगर पूरे किनारे की लम्बाई को
देखा जाये तो यह आधे किमी से भी ज्यादा लम्बाई लिये हुए है। राजेश जी तो होटल से
ही कुर्ता-पाजामा धारी नेता बनकर आये थे। उन्होंने समुन्द्र में नहाने से पहले ही
मना कर दिया था। इसलिये मैं और मनु भाई, अपना सामान राजेश के हवाले कर समुन्द्र
में जा कूदे। हमारे पास समय की कोई कमी नहीं थी। हम दो घंटे से ज्यादा समय तक
समुन्द्र में धमाल करते रहे। नहाते समय किनारे की ओर आती लहरों के साथ अठखेलियाँ
करने में बचपन याद आ गया। समुन्द्र में लौटती लहरों के साथ उसके पीछे भागते, तट की
ओर लौटती लहरे हमें वापिस किनारे पर ला पटकती थी। लहरों के आगागमन में समय कब
बीतता गया, पता ही न लगा।
वहाँ हमारे अलावा बहुत से लोग समुन्द्र स्नान
करने में लगे पडे थे। कुछ लोग सपरिवार आये हुए थे। क्या बच्चे, क्या बूढे और क्या
जवान, सभी समुन्द्र के पानी में जी जान से जुटे पडे थे। कुछ लोग घुटने तक पानी में
घुसकर फोटो लेने में लगे हुए थे। एक बन्दे का कैमरा एक बडी लहर आने के कारण पानी
में भीग गया। उस बात पर उसकी घरवाली ने नौटंकी खडी कर दी। खैर उनकी लडाई देखकर मजा
आया। उन बेवकूफों को पानी में घुसने से पहले लहरों के खतरे से सावधान रहना चाहिए था।
हम दो घंटे बाद पानी से बाहर निकले। समुन्द्र के नमकीन खारे पानी से नहाने के बाद,
साफ पानी से स्नान करना भी आवश्यक था। किनारे के पास, पार्किंग के पीछे साफ पानी
से नहाने का प्रबंध भी किया गया है। प्रति बन्दा मात्र 10 रु शुल्क में समुन्द्र के खारे पानी का स्वाद,
तन से हटा दिया गया। मीठे पानी से नहाकर शरीर तरोताजा हो गया।
राधा नगर बीच का शिव
मंदिर
राधा नगर बीच पर स्नान के बाद कुछ देर पेड की
छाँव में बैठे रहे। तभी किसी ने बताया कि यहाँ कुछ दूरी पर एक शिव मन्दिर भी है।
हम तीनों शिव मन्दिर घूमने चल दिये। शिव मन्दिर जाने के लिये एक छोटी सी नदी पार
करनी पडी। मन्दिर समुन्द्र किनारे से थोडा सा हटकर जंगल के अन्दर बनाया गया है।
मन्दिर पर लिखा था श्री श्री शिव मन्दिर। राधा नगर बीच पर राधा कृष्ण मन्दिर होना चाहिए था। लेकिन चलो राधा कृष्ण मन्दिर ना सही, भोलेनाथ का मन्दिर सही, शिव मन्दिर देखकर अपनी बाइक के पास आये।
यहाँ कुछ ढाबे नुमा रेस्टोरेंट भी बनाये हुए
है। एक ढाबे पर बैठकर पेट पूजा की गयी। पेट पूजा के बाद बाइक पर सवार होकर हैवलाक
जेट्टी की ओर चल दिये। हैवलाक जेट्टी पहुँचकर कल के लिये पानी के जहाज / फैरी का
नील द्वीप तक का टिकट बुक किया। यहाँ पता लगा कि पोर्टब्लेयर से हैवलाक द्वीप तक
सीजन में हवाई सेवा भी उपलब्ध है। पानी में उतरने वाले हवाई जहाज यहाँ आते है।
हवाई जहाज का पोर्टब्लेयर तक 57 किमी का टिकट शायद चार
हजार रुपये का था। टिकट बुक करने के बाद कुछ देर हैवलाक जेट्टी पर घूमते रहे। यहाँ अनानास बेचता एक बुजुर्ग दिखाई दिया। हमें देख वो अनानास लेने के लिये कहने
लगा। उसने एक अनानास का दाम केवल 30 रु बताया। जेट्टी पर बहुत सारे लोग अनानास बेचने में लगे
थे। एक अनानास यहाँ जेट्टी पर भी खाया। जेट्टी वाले बुजुर्ग से तीन अनानास ले
लिये गये। कल दोपहर तीन बजे तक हम यहाँ हैवलाक में रहेंगे। इन्हे तब तक निपटा भी
डालेंगे। अन्नानास काटने के लिये एक चाकू भी खरीदना पडा। वह चाकू आज भी मेरे पास
है।
शाम होने वाली थी, अब वापिस अपने होटल चलते है।
होटल के बाहर ही बाइक वाले की दुकान है। होटल पहुँचकर बाइक वाले को उसकी बाइक सौप
दी। अपने कमरे पर जाकर अपना बैग रख, एक बार फिर होटल के पीछे वाले डाल्फिन रिजार्ट
बीच जा पहुँचे। कमरे में हमें करना ही क्या था? सोना ही तो है, जब नीन्द आयेगी तो
सोने चले जायेंगे। अरे हाँ, भोजन वाले को भोजन का आर्डर पहले ही बताना पडता है।
बिन बताये भोजन करने जाओगे तो भूखे लौटना पडॆगा। लगे हाथ ये काम भी करते आये। लगभग
तीन घंटे बीच पर बैठे रहे। रात के भोजन का समय हुआ तो कमरे पर आये। हाथ-मुँह धोकर
भोजन करने चले गये। भोजन करने के उपरांत, एक बार फिर डाल्फिन बीच किनारे रात को
बिजली की रोशनी में कुछ देर टहलते रहे। नीन्द आने लगी तो कमरे पर आकर सो गये।
एक बार फिर राधा नगर बीच
की यात्रा
अगले दिन हमारे पास दोपहर तक का समय था। हमने
हैवलाक में सब-कुछ कल बाइक यात्रा में देख ही लिया था। राधा नगर बीच से मन नहीं
भरा था। आज सुबह आठ बजे होटल छोड दिया। अपना-अपना बैग लेकर राधा नगर बीच पहुँच
गये। आज हमारा इरादा आराम से बैठकर राधा नगर बीच जी भर निहारने का था। हम राधा नगर
बीच पर पेडों की छांव में लगातार चार घंटे बैठकर तसल्ली से राधा नगर बीच को
निहारते रहे। भूख लगी तो आज भी उसी ढाबे पर भूख मिटायी, जहाँ कल आये थे। दोपहर ठीक
बारह बजे राधा नगर बीच से एक बस हैवलाक जेट्टी जाती है। हम उसी बस में बैठ हैवलाक
जेट्टी पहुँचे।
हैवलाक द्वीप से नील
द्वीप आगमन
हैवलाक जेट्टी पर
पोर्टब्लेयर से एक जहाज आया हम उसमें सवार होकर नील द्वीप की ओर चल दिये। हैवलाक
से चलते समय हमारा जहाज डाल्फिन रिजार्ट के पीछे (पूर्व की ओर) वाले समुन्द्र में
आगे बढने लगा। यहाँ डाल्फिन रिजार्ट के नजदीक समुन्द्र आधा किमी तक गहरा नहीं है
इस कारण जहाज समुन्द्र तट से करीब एक किमी दूरी बनाते हुए आगे बढ रहा था। हैवलाक
द्वीप के पूर्वी छोर के समांतर चलता हुआ जहाज नील द्वीप के नजदीक पहुँच गया। नील
द्वीप व हैवलाक दीव की आपस में ज्यादा दूरी नहीं है। यदि दोनों की भूमि की नजदीकी
देखी जाये तो यह मुश्किल से 5-7 किमी ही होगी। लेकिन
हैवलाक जेट्टी व नील जेट्टी की दूरी कम से कम 20-15 किमी तो होगी ही। चलो दोस्तों नील द्वीप आ गया है अब इस
जहाज को यही छोडते है। एक वैन कार गाडी वाले को हमने अपने आने के बारे में पहले ही
बता दिया है वो हमें लेने आया होगा। (क्रमश:) (Continue)
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हाथी बीच जाने का मार्ग यहाँ से अलग होता है। |
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वो खडी हमारी बाइके |
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जड से जुडा pineapple |
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लकडी के पुल के जरिये आगे बढते हुए |
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पहली तितली |
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हाथी बीच का दलदल |
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हमारे साथ आँखमिचौली करने वाली तितली |
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राजेश जी प्रतीक्षारत |
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राधानगर बीच से हैवलाक जेट्टी की ओर जाती बस |
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राधा नगर बीच |
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राधा नगर बीच |
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आओ नहा लो, नेताजी |
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राधा नगर बीच के सुन्दर पेड |
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पेडों पर बने मचान से दिखता राधा नगर बीच |
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बीच किनारे बैठे पर्यटक |
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जाट देवता अपनी प्रसिद्ध ध्यान मुद्रा में, trademark pose of jatdevta |
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राधा नगर बीच की पार्किंग |
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भोजन की दुकाने |
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शिव मन्दिर जाने के लिये इस नदी को पार करना पडता है। |
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राधा नगर बीच की सैर करता एक परिवार |
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कुर्ता धारी लकडधारी के रोल में |
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शिव मन्दिर, राधा नगर बीच |
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सन्यासियों का एक झुंड |
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हैवलाक जेट्टी |
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पोर्ट ब्लेयर से हैवलाक पहुँचता एक ship |
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dry Dolphin beach |
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घास में लेट कर एक फोटो |
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ज्वार भाटा गायब तो डाल्फिन बीच सूखा |
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डाल्फिन रिजोर्ट के हमारे जैसे कमरे |
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रात में रिजार्ट में रोशनी |
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डाल्फिन रिजार्ट में सूर्योदय |
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शाम को यह बीच एकदम सूखा था सुबह पानी से लबालब भरा हुआ। |
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लो जी एक बार फिर राधा नगर बीच दर्शन कर लो |
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