EAST COAST TO WEST COAST 33 SANDEEP PANWAR
नरीमन पॉइन्ट से बोम्बे की बेस्ट वाली बस में सवार होकर हम बोम्बे का मुख्य रेलवे स्टेशन देखने चल दिये। यहाँ हमारी बस लम्बा चक्कर लगाकर जाने वाली थी जब बस परिचालक से हमने टिकट के लिये कहा तो उसने कहा कि यह बस बहुत घूमकर जायेगी। बस कन्ड़क्टर को दो टिकट के पैसे देकर टिकट ले लिये गये। किसी जगह घूमने के लिये वहाँ के कई चक्कर लगाये जाये इससे बेहतर और क्या हो सकता है? हमारी बस बोम्बे हाईकोर्ट के सामने से होकर निकल रही थी तो विशाल ने मुझे बताया कि यह बोम्बे हाईकोर्ट है। अगर विशाल ने मुझे नहीं बताया होता तो मैं तो यही समझता रहता कि यह कोई किला आदि जैसा कुछ इमारत है। देखने में ही हाई कोर्ट किले जैसी ही प्रतीत होती है।
स्टेशन के नजदीक पहुँचते ही हम दोनों बस से उतर गये व सामने दिखायी दे रहे, नगर पालिका भवन व रेलवे स्टेशन की इमारत को देखने लग गये। इमारत को अन्दर देखने से पहले हमने सड़क से ही विशाल इमारत के फ़ोटो शुरु कर दिये। यह इमारत इतनी बड़ी है कि देखने से ही किसी किले जैसा आभास होता है। चूंकि बोम्बे का छ्त्रपति शिवाजी रेलवे स्टेशन मैं फ़िल्मों आदि में पहले ही देखा हुआ था इसलिये इसे पहचानने में जरा सी भी मुश्किल नहीं आयी थी। इस इमारत का पूरा फ़ॊटो लेने के चक्कर में हम दोनों लालबत्ती पर सडक पार कर दूसरे किनारे पर भी जा पहुँचे लेकिन वहाँ से भी पूरी इमारत का फ़ोटो हमारे कैमरे में नहीं आ पाया। पूरी इमारत का सही फ़ोटो सामने वाली किसी अन्य इमारत पर चढ़कर ही आ सकता है। हमें वहाँ कौन चढ़ने देता?
लालबत्ती पार करने के बाद जैसा फ़ोटो हम ले पाये वैसा फ़ोटो आप देख रहे है। यह स्टेशन 100 वर्ष से भी ज्यादा पुराना है इसलिये इसे यूनेस्को की वल्ड़ हेरिटेज साइट (विश्व धरोहर स्थल) में 2004 में शामिल किया जा चुका है। Victoria Terminus is a UNESCO World Heritage Site आजादी से पहले से ही इसका नाम विक्टोरिया टर्मिनल था। ब्रिटिश शैली व उनके राज में निर्मित यह विशाल इमारत देखने योग्य है। इस स्टेशन को CST/VT कहा जाता है। विकीपीडिया अनुसार आंकड़े कहते है कि ताजमहल के बाद भारत की यह दूसरी इमारत है जिसके सबसे ज्यादा फ़ोटो लिये जाते है। महाराष्ट्र की राजनीति पार्टी शिव सेना की माँग पर सन 1996 में इसका नाम बदला गया था।
इस स्टेशन से मुम्बई की उपनगरीय रेल सेवा (लोकल रेल) की अधिकतर सेवा आरम्भ होती है। यहाँ से निकलने वाली दो मुख्य लाइने है पहली सेन्ट्रल लाइन व दूसरी हार्बर लाइन जिसे बन्दगाह भी कहते है। बाहर से स्टेशन को देखने के बाद हमने इस इमारत के अन्दरुनी भाग में प्रवेश किया मैंने कहा चलो विशाल भाई बिना प्लेटफ़ार्म टिकट लिये अन्दर चलते है। विशाल ने कहा यह मुम्बई है यहाँ दिल्ली जैसी लापरवाही नहीं चल सकती है। दिल्ली में तो हम ज्यादातर बिना प्लेटफ़ार्म टिकट के ही आना-जाना कर ड़ालते है। स्टेशन के अन्दर जाते ही वहाँ का माहौल एकदम बदला-बदला दिखायी दिया।
स्टेशन के बाहर जहाँ हमें सिर्फ़ पत्थर की इमारत ही दिखायी देती है उसके विपरीत इमारत के अन्दर जाकर पता लगता है कि यह इमारत शुद्ध विक्टोरिया/इतालवी गोथिक वाली शैली में ही बनी हुई है। बीच में कही-कही भारतीय स्थापत्यकला की झलक भी दिखायी दे जाती है। बाहरी आवरण के विपरीत अन्दरुनी भाग में लकड़ी की जानदार नक्काशी, लौहे व अन्य धातुएँ मिलाकर बनायी गयी जालियाँ, आदि कई प्रकर का कार्य देखने लायक है। अगर मैं इसे बोम्बे की सबसे सुन्दर इमारत कह दूँ तो शायद गलत नहीं होगा।
दोपहर 12 बजे के आसपास हम यहाँ पहुँचे थे। बाहर की धूप के मुकाबले यहाँ आकर छाँव में कुछ देर बिताना अच्छा लग रहा था। अन्दर जाकर ही यह भी देखा कि यहाँ से आगे ट्रेन नहीं आती है यह रेलवे लाइन का अंतिम छोर है यहाँ आकर प्रत्येक ट्रेन का समाप्त होना तय है, यहाँ से लोकल व लम्बी दूरी की ढेर सारी ट्रेन आरम्भ होती है। हमने भी कई ट्रेन आती हुई व जाती हुई देखी थी। जब कोई ट्रेन यहाँ आती थी तो खाली पड़े प्लेटफ़ार्म पर लोगों की धक्का-मुक्की मच जाती थी। कुछ देर तक लोगों की भागम-भाग देखने के बाद हम वहाँ से गेटवे आफ़ इन्डिया देखने के लिये निकल लिये। (क्रमश:)
विशाखापटनम-श्रीशैल-नान्देड़-बोम्बे-माथेरान यात्रा के आंध्रप्रदेश इलाके की यात्रा के क्रमवार लिंक नीचे दिये गये है।
15. महाराष्ट्र के एक गाँव में शादी की तैयारियाँ।
04. विशाखापट्टनम का कब्रगाह, और भीम-बकासुर युद्ध स्थल।
विशाखापटनम-श्रीशैल-नान्देड़-बोम्बे-माथेरान यात्रा के महाराष्ट्र यात्रा के क्रमवार लिंक नीचे दिये गये है।
16. महाराष्ट्र की ग्रामीण शादी का आँखों देखा वर्णन।
17. महाराष्ट्र के एक गाँव के खेत-खलिहान की यात्रा।
18. महाराष्ट्र के गाँव में संतरे के बाग की यात्रा।
19. नान्देड़ का श्रीसचखन्ड़ गुरुद्धारा
20. नान्देड़ से बोम्बे/नेरल तक की रेल यात्रा।
21. नेरल से माथेरान तक छोटी रेल (जिसे टॉय ट्रेन भी कहते है) की यात्रा।
22. माथेरान का खन्ड़ाला व एलेक्जेन्ड़र पॉइन्ट।
23. माथेरान की खतरनाक वन ट्री हिल पहाड़ी पर चढ़ने का रोमांच।
24. माथेरान का पिसरनाथ मन्दिर व सेरलेक झील।
25. माथेरान का इको पॉइन्ट व वापसी यात्रा।
26. माथेरान से बोम्बे वाया वसई रोड़ मुम्बई लोकल की भीड़भरी यात्रा।
विशाखापटनम-श्रीशैल-नान्देड़-बोम्बे-माथेरान यात्रा के बोम्बे शहर की यात्रा के क्रमवार लिंक नीचे दिये गये है।
27. सिद्धी विनायक मन्दिर व हाजी अली की कब्र/दरगाह
28. महालक्ष्मी मन्दिर व धकलेश्वर मन्दिर, पाताली हनुमान।
29. मुम्बई का बाबुलनाथ मन्दिर
30. मुम्बई का सुन्दरतम हैंगिग गार्ड़न जिसे फ़िरोजशाह पार्क भी कहते है।
31. कमला नेहरु पार्क व बोम्बे की बस सेवा बेस्ट की सवारी
32. गिरगाँव चौपाटी, मरीन ड्राइव व नरीमन पॉइन्ट बीच
33. बोम्बे का महल जैसा रेलवे का छत्रपति शिवाजी टर्मिनल
34. बोम्बे का गेटवे ऑफ़ इन्डिया व ताज होटल।
35. मुम्बई लोकल ट्रेन की पूरी जानकारी सहित यात्रा।
36. बोम्बे से दिल्ली तक की यात्रा का वर्णन
बोम्बे महानगर पालिका का मुख्यालय |
3 टिप्पणियां:
badhiya
वाह आपने तो पुराने दिन याद दिला दिए. वीटी के सामने ही सड़क पार एक साउथ इंडियन जांयट है बस यही एक जगह है जहां रविवार की सुबह आपको नाश्ता मिलेगा वर्ना अधिकतर खाने की जगह बंद मिलती हैं :)
वाह, खम्भों पर नक्काशी का अन्दाज ही निराला है।
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