भीमताल, नौकुचियाताल, सातताल देखने के लिये यहाँ क्लिक करे।
NAINA/ CHINA PEAK से लौटने पर मैं ठीक उसी जगह पर आ बैठा जहाँ से इस जगह की ऊँचाई तीन किमी बाकि रह जाती है। अन्तर सोहिल का फ़ोन आया कि अब हम नैनीताल में झील के पास आ चुके है, इसके जवाब में मैंने कहा कि ठीक है आ जाओ अभी तुम मुझसे कई किमी दूरी पर हो, पैदल आओगे या गाडी से। अन्तर सोहिल ने कहा कि हमने एक इण्डिका नैनीताल घूमने के लिये कर ली है। कार सुनते ही अपना माथा ठनका कि यार ये कैसे मानव है जो ऐसी शानदार जगह पर भी कार में बन्द होकर रह जाना चाहते है। उन्हें एक बार अच्छी तरह समझा दिया कि जो सडक नैनी झील के साथ चलती हुई चढाई पर चढती जाती है आगे जाकर बलखाती हुई यह नैना पीक जाने वाले पैदल मार्ग व किलबरी जाने वाले की ओर चली जाती है तुम्हे उसी पर आना है एक बार कार के चलाने वाले को भी समझा दिया ताकि वो कहीं ओर ले जा कर ना पटक दे। जहाँ मैं बैठा हुआ था वहाँ चाय वाली दुकान के सामने मोड के ठीक सामने सडक पर बैठने लायक एक जुगाड पर मैंने अपना धुना रमा दिया था। मैं सोच रहा था कि ये लोग लगभग आधे घन्टे में आ जायेंगे। लेकिन जब ये पौने घन्टे तक भी ना फ़टके तो अपनी खोपडी घूमने लगी कि लगता है कि किसी और जगह जा पहुँचे है। एक बार फ़िर से फ़ोन लगाया तब जाकर पता लगा कि बस आने ही वाले है।