बरसूडी गाँव- हनुमान गढी - भैरो गढी यात्रा के सभी
लेख के लिंक यहाँ है। लेखक- SANDEEP
PANWAR
कल चाय पीने वाले शिकारी भी सुबह आँवला जूस पीकर दीवाने हुए जा रहे है। मैंने भी आंवला
जूस के तीन-चार गिलास पीये। एक दो गिलास से मेरा कुछ न होने वाला था। रात को सोचा
था कि आंवले के इस जूस को, पाँच लीटर कैन में पैक करवा साथ लेकर जाऊँगा लेकिन हम
सभी को दिन भर ट्रेकिंग भी करनी थी। आज की ट्रेकिंग के लिये तैयार हो चुके है। इसलिए
बिना जूस लिये आज की यात्रा पर चल दिये। वैसे श्याम भाई का दिया बाबा राम देव
पतंजलि में पैक हुआ एक लीटर जूस अभी भी बचा था जो आज की ट्रेकिंग में बचने वाला
नहीं था। अगर मैंने आंवले वाला जूस ले भी लिया होता तो शत-प्रतिशत सम्भावना यही
बनती कि उसे हम ट्रेकिंग में ही निपटा डालते। हलवाई अपनी दुकान की मिठाई दूसरों के
लिये रखता है। हम ठहरे दूसरे किस्म के जीब, खाने-पीने घूमने वाले। बरसूडी के जंगल
वाले घर की समुंद्र तल से जो ऊँचाई अमित भाई की घडी ने बतायी। वह 1130 मीटर थी। यहाँ से करीब दो किमी पर बरसूडी गाँव आता है जिसकी ऊँचाई 1360 मीटर है। बरसूडी से द्वारीखाल सात किमी दूर है हमें द्वारीखाल से हनुमान गढी
होकर भैरो गढी तक जाना है वहाँ से कीर्तिखाल उतरने के बाद आज की ट्रेकिंग समाप्त
हो जायेगी। कीर्ति खाल से कोटद्वार तक बस में यात्रा जारी रहेगी उसके बाद कोटद्वार
से दिल्ली तक रेल से पहुँचा जायेगा तब यह यात्रा समाप्त हो पायेगी।