लेह बाइक यात्रा-
आखिरकार पल्सर वाले भी हमारे साथ आ गये। इनसे पूछा गया कि रात में कहाँ थे तो इन्होंने बताया कि हम रात को बारह बजे बाल्टाल आये थे। जिस कारण सुबह जल्दी आँख नहीं खुली, रही बात मोबाइल की तो वो तो चार्ज ही नहीं था, तो मिलता कैसे, नेटवर्क भी सिर्फ़ बी.एस.एन.एल. का ही था। उनका सिम एयरटेल का था। अब हम जहाँ पर है, पटनी टाप नाम है इस जगह का, पत्नी टाप बोलते है ज्यादातर लोग, वैसे है, बडी शानदार जगह, हरियाली तो कूट-कूट कर भरी हुई लगती है। जाडॆ में यहाँ जमकर बर्फ़बारी का मजा लिया जाता है, लेकिन हम ऐसी बर्फ़बारी से होकर आये है, कि अब तो हमें बर्फ़बारी के नाम से ही ठण्ड लगने लगने लगती है। यहाँ के कई फ़ोटो खींचे, हर तरफ़ हरा-हरा नजर आता है