भानगढ-सरिस्का-पान्डुपोल-यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये गये है।
01- दिल्ली से अजबगढ होते हुए भानगढ तक की यात्रा।
02- भानगढ में भूतों के किले की रहस्मयी दुनिया का सचित्र विवरण
03- राजस्थान का लघु खजुराहो-सरिस्का का नीलकंठ महादेव मन्दिर
04- सरिस्का वन्य जीव अभ्यारण में जंगली जानवरों के मध्य की गयी यात्रा।
05- सरिस्का नेशनल पार्क में हनुमान व भीम की मिलन स्थली पाण्डु पोल
06- राजा भृतहरि समाधी मन्दिर व गुफ़ा राजा की पूरी कहानी विवरण सहित
07- नटनी का बारा, उलाहेडी गाँव के खण्डहर व पहाडी की चढाई
08- नीमराणा की 12 मंजिल गहरी ऐतिहासिक बावली दर्शन के साथ यात्रा समाप्त
BHANGARH-SARISKA-PANDUPOL-NEEMRANA-08 SANDEEP PANWAR
01- दिल्ली से अजबगढ होते हुए भानगढ तक की यात्रा।
02- भानगढ में भूतों के किले की रहस्मयी दुनिया का सचित्र विवरण
03- राजस्थान का लघु खजुराहो-सरिस्का का नीलकंठ महादेव मन्दिर
04- सरिस्का वन्य जीव अभ्यारण में जंगली जानवरों के मध्य की गयी यात्रा।
05- सरिस्का नेशनल पार्क में हनुमान व भीम की मिलन स्थली पाण्डु पोल
06- राजा भृतहरि समाधी मन्दिर व गुफ़ा राजा की पूरी कहानी विवरण सहित
07- नटनी का बारा, उलाहेडी गाँव के खण्डहर व पहाडी की चढाई
08- नीमराणा की 12 मंजिल गहरी ऐतिहासिक बावली दर्शन के साथ यात्रा समाप्त
BHANGARH-SARISKA-PANDUPOL-NEEMRANA-08 SANDEEP PANWAR
चलो भोजन तैयार
है। पहले भोजन करते है। पूरी सब्जी व खीर की महक घर से बाहर भी आ रही है। भोजन के बाद
गाँव के पास वाली पहाडी पर आरोहण करने के साथ यहाँ से प्रस्थान कर दिया जायेगा। आज
अशोक भाई के यहाँ से विदाई होनी है इसलिये आज तो और भी लजीज भोजन बनाया गया है।
भोजन में पूरी सब्जी के साथ खीर देखकर जीभ ललचाने लगी। भोजन करने से पहले भोजन
स्थल का एक फ़ोटो लिया। मेरे बैठने का आसन उस जगह था। जहाँ से रसोई सामने ही दिख
रही थी। परिवार के तीन सदस्य रसोई में लगे हुए थे। अशोक भाई ने भोजन परोसने में सहयोग
दिया।