SHRIKHAND MAHADEV YATRA श्रीखण्ड महादेव यात्रा के चार महारथी के बारे में संक्षेप में।
(1) नितिन जाट, (2) नीरज जाट, (3) विपिन गौड, (4) संदीप पवाँर,
(1) नितिन जाट,
सबसे पहले उस 27 वर्ष के महारथी के बारे में जिसने इस यात्रा के बारे में जमकर तैयारी की थी। लेकिन सारी तैयारी उसकी आशिकी भरी लापरवाही में धरी की धरी रह गयी। नितिन ने 10 दिन पहले ही जाने की हाँ कर दी थी जिस कारण उसने अपने कार्यालय से घर तक आना जाना जो कुल मिलाकर आठ-नौ किलोमीटर के आसपास है पैदल ही शुरु कर दिया था ताकि उसे इस कठिन यात्रा में कोई परेशानी न आये। सबसे बढिया तैयारी के बाद भी बंदा ये जानदार यात्रा पूरी नहीं कर पाया क्योंकि उसने पहाड में पैदल पगडन्डी पर चलते समय घोर लापरवाही बरती थी, जहाँ सावधानी से चलते हुए भी इन्सान के गिरने का भय रहता है वहाँ पर नितिन मोबाइल से बात करते हुए जा रहा था जिसका खामियाजा वो तीन बार गिर कर ऐसा भुगत चुका था जिससे कि वो दस किमी में ही आगे चलने लायक नहीं बचा था तीन बार गिरने से उसके घुटने व कुल्हे में जबरदस्त चोट आयी थी। हम चारों में सबसे हंसमुख मस्त बंदा था। बाइक व कार का तगडा चालक है। बस में यात्रा करने से बचता है।