बीकानेर में दिन में हम करणी माता चूहों वाला मन्दिर, जूनागढ़ किला,
राजमहल, रिजार्ट, सहित कई सारे होटल देखने के बाद शाम को हमारी बारी
बीकानेर की रेत के टीलों पर एक कैम्प में रंगीन नशीली शाम बिताने की देखने
की इच्छा हो गयी थी। इस प्रकार की जगह पर लगने वाले कैम्प रात को अंधेरा
होने के बाद शुरु होते थे, जिस कारण हम भी अंधेरा होने से पहले ही वहाँ
पहुँच गये थे। चलिये आपको भी इसी शानदार मस्त स्थल की सैर करवा देता हूँ।
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बुधवार, 26 दिसंबर 2012
सोमवार, 24 दिसंबर 2012
बीकानेर के कुछ होटल। Bikaner's hotels
आपको पिछले कई लेख से बीकानेर के होटल दिखाये जा रहे है। इसी क्रम में आज आपको यहाँ के कुछ और होटल दिखाये जा रहे है, यहाँ हम लोग रायसर कैम्प की जाते हुए गये थे। बीकानेर से रायसर जाते समय यह सुन्दर-सुन्दर होटल हमारे मार्ग में आ गये थे जिस कारण हमने इन्हें भी देख ड़ाला था। होटलों को दिखाने का अभिप्राय सिर्फ़ इतना ही है कि अगर कोई पाठक इन सुन्दर होटलों में से किसी पर रुकना चाहता है तो रुक सकता है। तो दोस्तों आप होटल देखिए, मैं आपके साथ चलता हूँ।~
शनिवार, 22 दिसंबर 2012
Bikaner heritage - Beautiful Resorts एक विशाल शानदार रिजार्ट बीकानेर हेरिटेज
बीकानेर यात्रा वाले दिन हम सुबह करणी माता का मन्दिर देखकर जूनागढ़ किले को देखने पहुँचे थे, किला देखकर हम वहाँ के मुख्य होटलों की जाँच करने के दौरे पर रवाना हो चुके थे जिसमें से राजाओं के पुराने महल के होटल देख डाले गये थे, इन सबके बाद बीकानेर के रेत के टीले देखने की बारी आ गयी थी। हम अपनी उसी कार में सवार थे जिसमें चूहों वाला मन्दिर देखने गये थे। बीकानेर के रेत के टीले शहर से दूर रायसर नामक गाँव के पास मुख्य सड़क से लगभग 6-7 किमी दूरी पर थे। हम इन्ही रेत के टीलों की ओर चले जा रहे थे कि तभी हमें सीधे हाथ पर एक शानदार रिजार्ट दिखाई दिया। तुरन्त कार चालक से कार इसी ओर मुड्वायी गयी। अब हमने इस शानदार रिजार्ट में क्या-क्या देखा था, चलिये आप भी देख लीजिए। नाम मत पूछना, याद नहीं आ रहा है।
सड़क से देखने पर ऐसा दिखता है। |
गुरुवार, 20 दिसंबर 2012
बीकानेर-राजमहल जो अब होटल बना दिया गया है।
राज परिवार का वर्तमान निवास का कुछ भाग आपने पहली वाली पोस्ट में देख ही लिया था। आज इस पोस्ट में इसी महल का दूसरा हिस्सा भी दिखाया जा रहा है। जब जूनागढ़ वाला किला राजाओं को पुराना लगने लगा था तो उन्होंने अपने आराम करने के लिये एक नये महल का निर्माण कराया था। यह राजनिवास जूनागढ़ से थोड़ा सा हटकर है। इस महल के जिस हिस्से में राजपरिवार निवास कर रहा है वहाँ तक बाहरी लोगों का आवागमन वर्जित है। हमें तो गाईड़ ने यह भी बताया था कि वर्तमान में बीकानेर राजपरिवार में सिर्फ़ दो राजकुमारी है और इन दोनों में कोई सी भी यहाँ नहीं रहती है। इसलिये उन्होंने अपने महलों को होटल वालों को लीज पर दे दिया है। इस का फ़ायदा यह है कि राजपरिवार को इससे कुछ नगद नारायण भी मिलता रहता है साथ ही महल की साफ़-सफ़ाई व रख-रखाव भी इसी बहाने होता रहता है।
मंगलवार, 18 दिसंबर 2012
बीकानेर-राज परिवार के शाही निवास का संग्रहालय
जिस गाईड के साथ हम यहाँ आये थे उन्होंने हमें बताया था कि राज परिवार जूनागढ़ के किले को छोड़ कर किसी दूसरी जगह रहने के लिये आ गया था। आज आपको राज परिवार के उसी निवास स्थल के दर्शन कराये जा रहे है। राज परिवार का नये वाला घर भी किसी बड़े महल से कम नहीं था। इस निवास का आधा हिस्सा राज परिवार ने होटल वालों को किराये पर दिया हुआ है। इसी के कुछ कमरों में राजाओं की ढ़ेर सारी यादगार निशानियाँ सम्भाल कर रखी हुई है। तो दोस्तों आप देखिये इस महल को, मैं चलता हूँ आगे की ओर।
रविवार, 16 दिसंबर 2012
बीकानेर-हेरिटज होटल महाराजा गंगा सिंह पैलेस Bikaner-Heritage hotel Maharaja Ganga Singh Palace
बीकानेर यात्रा में आज आपको यहाँ के एक हेरिटेज होटल महाराजा गंगा महल की सैर करायी जा रही है। बताया गया कि यह होटल राजाओं के समय में उनके यहाँ आने वाले मेहमानों के आराम के लिये बनवाया गया था। दूसरे अर्थ में हम कह सकते है यह उस समय का अतिथि भवन था। बीकानेर का जूनागढ़ किला व उसके अन्दर वाले चित्रकारी का खजाना व शस्त्रों का विशाल जखीरा देखने के बाद मैंने अपने गाईड की बाइक सम्भाल ली, कार में बैठे-बैठे यात्रा में अपुन को कुछ स्वाद ही नहीं आ रहा था। कमल भाई व प्रेम सिंह कार से यहाँ पहुँच गये थे। हम बाइक से उनके बाद यहाँ पहुँचे थे। एक बात यहाँ याद आ रही है कि बीकानेर की अदालत के सामने से होते हुए हम यहाँ आये थे।
आओ चले गंगा महल में |
गुरुवार, 13 दिसंबर 2012
बीकानेर-जूनागढ़ किले के संग्रहालय में अनमोल चित्रकारी व शस्त्रों का जखीरा Bikaner-The great painting and old weapon in Junagarh fort
आज आपको बीकानेर के जूनागढ़ किले के अन्दरुनी हिस्से में बनाई गयी अनमोल व लाजवाब पेंटिंग दिखाई जा रही है। आप इन्हें जरा कुछ ज्यादा ही ध्यान से देखना, क्योंकि इन्हें बने हुए काफ़ी समय बीत चुका है, आज भी देखते समय यह ऐसी लगती है जैसे यह कल की बनी हुई चित्रकारी है। आपको भूमिका में ज्यादा लम्बा ना उलझाते हुए नीचे आपको ढ़ेर सारे चित्र दिखा रहा हूँ। आप चित्र देखिए।
मंगलवार, 11 दिसंबर 2012
Bikaner- Junagarh Fort बीकानेर- जूनागढ़ किला
दशनोक स्थित चूहों वाला मन्दिर देखने के उपरांत हम अपनी उसी कार में सवार होकर वापिस बीकानेर की ओर रवाना हो गये, जिस कार से चूहे वाला मन्दिर देखने गये थे। यह तो पिछले लेख में ही बता दिया गया था कि दशनोक का अपना रेलवे स्टेशन भी है। अत: जो भाई/बन्धु रेल से यहाँ जाने का इच्छुक होगा रेल से चला जायेगा। पिछले लेख में रेल की पटरी का एक फ़ोटॊ लगाया था वह फ़ोटो कार को बीच फ़ाटक में रोक कर लिया गया था। हमारे साथ प्रेम सिंह कार में सवार थे। प्रेम सिंह जी बीकानेर में होटल उद्योग से जुड़े हुए है। प्रेम सिंह जी ने बीकानेर पहुँचने से पहले ही अपने जानकार गाईड़ को फ़ोन कर पहले ही जूनागढ़ किले पर आने के लिये कह दिया था।
यह मत समझना कि मैं आपको कार बता कर बाइक से वहाँ घूम रहा था। |
शनिवार, 8 दिसंबर 2012
BIKANER- Desnok Karni Mata's Rats Temple बीकानेर- दशनोक करणी माता का चूहे वाला मन्दिर
रामदेवरा बाबा के यहाँ से जब चले तो शाम का समय हो रहा था। उस समय बीकानेर के लिये कैसी भी मतलब सवारी गाड़ी या तेजगति वाली एक्सप्रेस गाडी भी नहीं मिलने वाली थी। इस कारण हमने बीकानेर जाने के लिये बस से आगे की यात्रा करने की ठान ली। वहाँ से बीकानेर 150 किमी से ज्यादा दूरी पर है। यहाँ आते समय जिस बस अड़डे पर उतरे थे, हम वहीं पहुँच गये, वहाँ जाकर मालूम हुआ कि इस समय यहाँ से बीकानेर की बस मिलनी मुश्किल है अगर आपको बीकानेर जाने वाली बस पकड़नी है तो आपको लगभग एक किमी आगे हाईवे पर जाना होगा। हाईवे से होकर जानेवाली बसे जैसलमेर/पोखरण से सीधी बीकानेर चली जाती है। हम सीधे पैदल ही हाईवे पहुँच गये थे। जैसे ही हम हाईवे पर पहुँचे तो देखा कि तभी एक बस वहाँ आ गयी थी। हम तुरन्त उस बस में सवार हो गये।
सोमवार, 3 दिसंबर 2012
जैसलमेर- बाबा रामदेव/रामदेवरा Baba Ramadevra (Pokhran)
जैसलमेर से रामदेवरा बाबा (रामलीला मैदान व कालाधन देश में वापिस लाने वाले रामदेव बाबा नहीं) जाने के लिये पोखरण होते हुए, जाते समय पोखरण की दूरी कोई 105 किमी के आसपास रही होगी। वहाँ की सडक एकदम चकाचक थी जिस कारण हम मुश्किल से डेढ़ घन्टे में पोखरण पहुँच गये थे। पोखरण से रामदेवरा बाबा की समाधी मात्र दस किमी दूर रह जाती है। यहाँ तक तो पहले लेख में बता दिया गया था। अब आगे चलते है। इस लेख में आपको राजस्थान के भक्ति भगवान के मन्दिरों, मजार, समाधी आदि में सबसे ज्यादा मान्यता प्राप्त/मशहूर बाबा रामदेवरा के दर्शन कराये जा रहे है। अब आपको बिना यहाँ गये बाबा की समाधी के दर्शन हो रहे है तो रामदेवरा बाबा की जय तो बोलनी ही पड़ेगी। आप जय बोलो मैं आगे की यात्रा शुरु करता हूँ।
शनिवार, 1 दिसंबर 2012
जैसलमेर- आदिनाथ मन्दिर व अमर सागर Adinath temple & Amar Sagar lake
सम
रेत के टीले देखकर आते समय जब हमारे कार चालक ने बताया कि यहाँ हजारों साल पुराना
भगवान आदिनाथ का एक जैन मन्दिर है तो मैंने कहा कि चलो दिखा लाओ। पहले तो मुश्किल
से मान रहा था लेकिन आखिर में उसे यहाँ जाना ही पड़ गया था। अच्छा रहा वो
मान गया नहीं तो हम इतने शानदार मन्दिर को देखने से रह जाते। इसी मन्दिर के पीछे
एक तालाब देखा था। यह मन्दिर मुख्य सडक से अलग हट कर एक और सड़क पर स्थित है। जिस
कारण यहाँ कम लोग ही आते है।
मन्दिर का बाहरी फ़ोटो।
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