रविवार, 29 दिसंबर 2013

Manali to Delhi & (lahaul spiti trip end) मनाली से दिल्ली आते ही लाहौल-स्पीति यात्रा समाप्त

किन्नौर व लाहौल-स्पीति की बाइक यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये है।
11- सतलुज व स्पीति के संगम (काजिंग) से नाको गाँव की झील तल
12- नाको गाँव की झील देखकर खतरनाक मलिंग नाला पार कर खरदांगपो तक
13- खरदांगपो से सुमडो (कौरिक बार्ड़र) के पास ममी वाले गियु गाँव तक (चीन की सीमा सिर्फ़ दो किमी) 
14- गियु में लामा की 500 वर्ष पुरानी ममी देखकर टाबो की मोनेस्ट्री तक
15- ताबो मोनेस्ट्री जो 1000 वर्ष पहले बनायी गयी थी।
16- ताबो से धनकर मोनेस्ट्री पहुँचने में कुदरत के एक से एक नजारे
17- धनकर गोम्पा (मठ) से काजा
18- की गोम्पा (मठ) व सड़क से जुड़ा दुनिया का सबसे ऊँचा किब्बर गाँव (अब नहीं रहा)
20- कुन्जुम दर्रे के पास (12 km) स्थित चन्द्रताल की बाइक व ट्रेकिंग यात्रा
21- चन्द्रताल मोड बातल से ग्रामफ़ू होकर रोहतांग दर्रे तक
22- रोहतांग दर्रे पर वेद व्यास कुन्ड़ जहां से व्यास नदी का आरम्भ होता है।
23- मनाली का वशिष्ट मन्दिर व गर्म पानी का स्रोत

KINNAUR, LAHUL SPITI, BIKE TRIP-24                                       SANDEEP PANWAR

मनाली से दिल्ली तक की कहानी भी रोमांचक से भरी हुई है। मेरे साथ एक बार फ़िर वह कहावत प्रमाणित हो गयी कि जाना था चीन पहुँच गये जापान। मनाली से चलते समय हिडिम्बा मन्दिर देखने की इच्छा थी लेकिन वह व्यास नदी के उस पार था। इसलिये उधर नहीं गये। बिजली महादेव पहुँचने की जल्दी थी अंत: मनाली से सीधे कुल्लू के लिये निकल लिये। मनु हमसे आगे निकल चुका था। अब हाइवे व्यास नदी के साथ एकदम सीधा था ढलान भी थी, मनु अपनी तरह अनुभवी बाइक चालक है। अत: अब मनु का मिलना मुमकिन नहीं लग रहा था। हम दोनों कुल्लू के नजदीक पहुँचते जा रहे थे। अब तक मेरा ध्यान सिर्फ़ बिजली महादेव जाने पर केन्द्रित था। लेकिन कहते है घुमक्कड़ कब अपनी योजना बदल ले कुछ अंदाजा लगाना मुश्किल है? राकेश को साथ बह रही व्यास नदी की लहरों में नहाने की धुन सवार हो गयी।



शनिवार, 28 दिसंबर 2013

vashisht temple manali & hot spring मनाली का वशिष्ट मन्दिर व गर्म पानी का स्रोत

किन्नौर व लाहौल-स्पीति की बाइक यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये है।
11- सतलुज व स्पीति के संगम (काजिंग) से नाको गाँव की झील तल
12- नाको गाँव की झील देखकर खतरनाक मलिंग नाला पार कर खरदांगपो तक
13- खरदांगपो से सुमडो (कौरिक बार्ड़र) के पास ममी वाले गियु गाँव तक (चीन की सीमा सिर्फ़ दो किमी) 
14- गियु में लामा की 500 वर्ष पुरानी ममी देखकर टाबो की मोनेस्ट्री तक
15- ताबो मोनेस्ट्री जो 1000 वर्ष पहले बनायी गयी थी।
16- ताबो से धनकर मोनेस्ट्री पहुँचने में कुदरत के एक से एक नजारे
17- धनकर गोम्पा (मठ) से काजा
18- की गोम्पा (मठ) व सड़क से जुड़ा दुनिया का सबसे ऊँचा किब्बर गाँव (अब नहीं रहा)
20- कुन्जुम दर्रे के पास (12 km) स्थित चन्द्रताल की बाइक व ट्रेकिंग यात्रा
21- चन्द्रताल मोड बातल से ग्रामफ़ू होकर रोहतांग दर्रे तक
22- रोहतांग दर्रे पर वेद व्यास कुन्ड़ जहां से व्यास नदी का आरम्भ होता है।
23- मनाली का वशिष्ट मन्दिर व गर्म पानी का स्रोत


KINNAUR, LAHUL SPITI, BIKE TRIP-23                                       SANDEEP PANWAR

मनाली में कई दर्शनीय स्थल है जिनमें वशिष्ट मन्दिर व हिडिम्बा देवी मन्दिर प्रमुख है। आज मनाली से मात्र 3 किमी दूर स्थित वशिष्ट मन्दिर के गर्म पानी में नहाने चलते है। हाइवे पर व्यास और मनालसू नदी का संगम देखने लायक है। मुख्य हाईवे से मात्र 2 किमी ऊपर उल्टे हाथ जाने पर एक सड़क मन्दिर के सामने जाकर समाप्त होती है। मन्दिर से आधा किमी पहले एक बोर्ड दिखायी दिया, जिसमें लिखा था कि वशिष्ट मन्दिर जाने वाले वाहन यहाँ पार्क करे। मन्दिर का कही अता-पता नहीं था। हमने एक स्थानीय बन्दे से पूछा कि मन्दिर की पार्किंग कहाँ है? उसने कहा कि मन्दिर के सामने ही बाइक की पार्किंग है। हम आधा किमी आगे मन्दिर तक चले गये। मन्दिर के ठीक पहले जंजीर ड़ालकर मार्ग अवरुद किया गया था। वहाँ खडे एक कर्मचारी से जंजीर हटाने को कहा तो उसने मना कर दिया कि यहाँ बाहरी वाहन अन्दर ले जाना मना है। राकेश बोला, जाट भाई आप जाओ, मैं नहीं जा रहा मन्दिर-वन्दिर।


शुक्रवार, 27 दिसंबर 2013

Maharishi Ved Vyas temple, Rohtang Pass रोहतांग दर्रा (महर्षि व्यास गुफ़ा) से मनाली

किन्नौर व लाहौल-स्पीति की बाइक यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये है।
11- सतलुज व स्पीति के संगम (काजिंग) से नाको गाँव की झील तल
12- नाको गाँव की झील देखकर खतरनाक मलिंग नाला पार कर खरदांगपो तक
13- खरदांगपो से सुमडो (कौरिक बार्ड़र) के पास ममी वाले गियु गाँव तक (चीन की सीमा सिर्फ़ दो किमी) 
14- गियु में लामा की 500 वर्ष पुरानी ममी देखकर टाबो की मोनेस्ट्री तक
15- ताबो मोनेस्ट्री जो 1000 वर्ष पहले बनायी गयी थी।
16- ताबो से धनकर मोनेस्ट्री पहुँचने में कुदरत के एक से एक नजारे
17- धनकर गोम्पा (मठ) से काजा
18- की गोम्पा (मठ) व सड़क से जुड़ा दुनिया का सबसे ऊँचा किब्बर गाँव (अब नहीं रहा)
20- कुन्जुम दर्रे के पास (12 km) स्थित चन्द्रताल की बाइक व ट्रेकिंग यात्रा
21- चन्द्रताल मोड बातल से ग्रामफ़ू होकर रोहतांग दर्रे तक
22- रोहतांग दर्रे पर वेद व्यास कुन्ड़ जहां से व्यास नदी का आरम्भ होता है।
23- मनाली का वशिष्ट मन्दिर व गर्म पानी का स्रोत


KINNAUR, LAHUL SPITI, BIKE TRIP-22                                       SANDEEP PANWAR

अब अपनी यात्रा पर चलते है। रोहतांग दर्रा आ गया था। लेकिन मेरे साथ ऐसा पहली बार हो रहा था कि रोहतांग में जरा सी भी बर्फ़ नहीं मिली। मैं इससे पहले भी कई बार रोहतांग तक, बल्कि इससे भी आगे लेह तक गया हूँ। मुझे हर बार रोहतांग में बर्फ़ मिलती रही है। अबकी बार सितम्बर माह के आखिरी सप्ताह में यहाँ आया था हो सकता है कि इसी कारण यहाँ बर्फ़ ना मिली हो। रोहतांग की समुन्द्रतल से ऊँचाई 3978 मीटर/ 13051 फ़ुट है। यहाँ से मनाली 51 किमी दूर है। इतनी ऊँचाई पर पेड़-पौधे तक नहीं पनप पाते है। मनाली की ओर मढी व कैलांग की ओर ग्रामफ़ू जाने पर ही पेड़-पौधे दिखायी दे पाते है। आने वाले कुछ वर्षों में रोहतांग तक सिर्फ़ पर्यटक ही आया करेंगे, क्योंकि रोहतांग से उस पार लाहौल-स्पीति जाने के लिये 8.5 किमी लम्बी सुरंग बनाने का कार्य युद्द स्तर पर चल रहा है। रोहताग सुरंग बनने के बाद कैलोंग की दूरी 45 किमी कम हो जायेगी। जिस प्रकार जवाहर सुरंग बनने से कश्मीर घाटी पहुँचना आसान हो गया था उसी प्रकार यह सुरंग बनते ही लाहौल घाटी वर्ष भर जाया जा सकेगा।

व्यास मन्दिर

गुरुवार, 26 दिसंबर 2013

Batal (Chander taal) to Rohtaang Pass बातल (चन्द्रताल मोड़) से रोहतांग दर्रा

किन्नौर व लाहौल-स्पीति की बाइक यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये है।
11- सतलुज व स्पीति के संगम (काजिंग) से नाको गाँव की झील तल
12- नाको गाँव की झील देखकर खतरनाक मलिंग नाला पार कर खरदांगपो तक
13- खरदांगपो से सुमडो (कौरिक बार्ड़र) के पास ममी वाले गियु गाँव तक (चीन की सीमा सिर्फ़ दो किमी) 
14- गियु में लामा की 500 वर्ष पुरानी ममी देखकर टाबो की मोनेस्ट्री तक
15- ताबो मोनेस्ट्री जो 1000 वर्ष पहले बनायी गयी थी।
16- ताबो से धनकर मोनेस्ट्री पहुँचने में कुदरत के एक से एक नजारे
17- धनकर गोम्पा (मठ) से काजा
18- की गोम्पा (मठ) व सड़क से जुड़ा दुनिया का सबसे ऊँचा किब्बर गाँव (अब नहीं रहा)
20- कुन्जुम दर्रे के पास (12 km) स्थित चन्द्रताल की बाइक व ट्रेकिंग यात्रा
21- चन्द्रताल मोड बातल से ग्रामफ़ू होकर रोहतांग दर्रे तक
22- रोहतांग दर्रे पर वेद व्यास कुन्ड़ जहां से व्यास नदी का आरम्भ होता है।
23- मनाली का वशिष्ट मन्दिर व गर्म पानी का स्रोत


KINNAUR, LAHUL SPITI, BIKE TRIP-21                                       SANDEEP PANWAR

बातल से आज सुबह जो यात्रा शुरु हो रही है उसके बारे में हमने नहीं सोचा था कि इतना दुर्गम मार्ग हमें मिल सकता है कि सड़क की जगह पत्थरों से होकर निकलना पडेगा। कांगड़ी ढाबे वाले ने बताया था कि आप अभी तक जितना आसान मार्ग देखते हुए आये हो, रोहतांग की ओर ग्रामफ़ू तक 50 किमी उससे भी कई गुणा कठिन मार्ग आयेगा? बातल समुन्द्रतल से 3960 मीटर ऊँचाई पर है हमें ग्रामफ़ू की ओर जाना है वहाँ तक लगातार ढलान मिलने वाली है। खराब सड़क है लेकिन उतराई है यही एक बात अच्छी थी। बीच में कुछ चढाई भी आयेगी। ग्रामफ़ू समुन्द्रतल से 3320 मीटर ऊंचाई पर है। रोहतांग 3978 मीटर है। कल शाम को हम चन्द्रताल से चले थे जिसकी ऊँचाई समुन्द्रतल से 4250 मीटर के आसपास है।


बुधवार, 25 दिसंबर 2013

Chandra Taal -Lake of moon (Near Kunzum pass) चन्द्र ताल

किन्नौर व लाहौल-स्पीति की बाइक यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये है।
11- सतलुज व स्पीति के संगम (काजिंग) से नाको गाँव की झील तल
12- नाको गाँव की झील देखकर खतरनाक मलिंग नाला पार कर खरदांगपो तक
13- खरदांगपो से सुमडो (कौरिक बार्ड़र) के पास ममी वाले गियु गाँव तक (चीन की सीमा सिर्फ़ दो किमी) 
14- गियु में लामा की 500 वर्ष पुरानी ममी देखकर टाबो की मोनेस्ट्री तक
15- ताबो मोनेस्ट्री जो 1000 वर्ष पहले बनायी गयी थी।
16- ताबो से धनकर मोनेस्ट्री पहुँचने में कुदरत के एक से एक नजारे
17- धनकर गोम्पा (मठ) से काजा
18- की गोम्पा (मठ) व सड़क से जुड़ा दुनिया का सबसे ऊँचा किब्बर गाँव (अब नहीं रहा)
20- कुन्जुम दर्रे के पास (12 km) स्थित चन्द्रताल की बाइक व ट्रेकिंग यात्रा
21- चन्द्रताल मोड बातल से ग्रामफ़ू होकर रोहतांग दर्रे तक
22- रोहतांग दर्रे पर वेद व्यास कुन्ड़ जहां से व्यास नदी का आरम्भ होता है।
23- मनाली का वशिष्ट मन्दिर व गर्म पानी का स्रोत

KINNAUR, LAHUL SPITI, BIKE TRIP-20                                       SANDEEP PANWAR

कुन्जुम दर्रे से 8-10 लूप उतरने के बाद चन्द्रताल वाला मोड़ आता है। अगर मनाली की ओर यहाँ आयेंगे तो पहले बातल आयेगा। वहाँ से कुन्जुम की ओर 2 किमी चलते ही यह मोड़ आता है। यहाँ से चन्द्रताल की दूरी 14 किमी दर्शायी गयी है। इसमें 1.5 किमी पैदल भी चलना पडॆगा। मनु और राकेश आपस में तालमेल नहीं बना पाये थे जिससे दोनों एक दूसरे से कटे-कटे से रहते थे। मेरा इरादा आज की रात बातल रुकने का था मनु व राकेश के मन में क्या था नहीं मालूम? इस तिराहे पर आकर फ़ैसला हुआ कि चलो अभी दिन छिपने में घन्टे भर से ज्यादा बचा है सीधे चन्द्रताल चलते है। इस मोड़ से आगे चलते ही बेहद दुर्गम कच्चे व पथरीले मार्ग पर चलना पड़ा। हम सोच रहे थे कि मार्ग चन्द्रताल तक ठीक-ठाक मिलेगा। 


मंगलवार, 24 दिसंबर 2013

kibber (the highest village in the world) to Kunjum Pass किब्बर गाँव (काजा) से कुन्जुम पास

किन्नौर व लाहौल-स्पीति की बाइक यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये है।
11- सतलुज व स्पीति के संगम (काजिंग) से नाको गाँव की झील तल
12- नाको गाँव की झील देखकर खतरनाक मलिंग नाला पार कर खरदांगपो तक
13- खरदांगपो से सुमडो (कौरिक बार्ड़र) के पास ममी वाले गियु गाँव तक (चीन की सीमा सिर्फ़ दो किमी) 
14- गियु में लामा की 500 वर्ष पुरानी ममी देखकर टाबो की मोनेस्ट्री तक
15- ताबो मोनेस्ट्री जो 1000 वर्ष पहले बनायी गयी थी।
16- ताबो से धनकर मोनेस्ट्री पहुँचने में कुदरत के एक से एक नजारे
17- धनकर गोम्पा (मठ) से काजा
18- की गोम्पा (मठ) व सड़क से जुड़ा दुनिया का सबसे ऊँचा किब्बर गाँव (अब नहीं रहा)
20- कुन्जुम दर्रे के पास (12 km) स्थित चन्द्रताल की बाइक व ट्रेकिंग यात्रा
21- चन्द्रताल मोड बातल से ग्रामफ़ू होकर रोहतांग दर्रे तक
22- रोहतांग दर्रे पर वेद व्यास कुन्ड़ जहां से व्यास नदी का आरम्भ होता है।
23- मनाली का वशिष्ट मन्दिर व गर्म पानी का स्रोत
KINNAUR, LAHUL SPITI, BIKE TRIP-19                                       SANDEEP PANWAR

किब्बर गाँव को कई साल पहले सड़क मार्ग से जोड़ दिया गया था। यहाँ तक सड़क बनने के कारण इसे (सड़क मार्ग से जुड़ा) दुनिया का सबसे ऊँचा गाँव होने की मान्यता प्रदान की गयी थी। लेकिन वर्तमान में किब्बर दूसरे स्थान पर खिसक गया है। किब्बर गाँव की समुन्द्रतल से ऊँचाई 13796 फ़ुट अर्थात 4250 मीटर है। काजा के पास कौमिक या अन्य किसी दूसरे गाँव पहले स्थान पर बताया गया है। किब्बर में जुलाई माह में लदारचा नामक मेला लगता है। यहाँ फ़ोटो लेने के बाद वापसी चलने का समय आ गया। किब्बर से कुन्जुम पास 90-95 किमी है। कुन्जुम पास से चन्द्रताल 20-22 किमी है। कुन्जुम पास की ऊँचाई 14928 फ़ुट या 4551 मीटर है।


सोमवार, 23 दिसंबर 2013

key gompa monastery & kibber village की गोम्पा व किब्बर गाँव

किन्नौर व लाहौल-स्पीति की बाइक यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये है।
11- सतलुज व स्पीति के संगम (काजिंग) से नाको गाँव की झील तल
12- नाको गाँव की झील देखकर खतरनाक मलिंग नाला पार कर खरदांगपो तक
13- खरदांगपो से सुमडो (कौरिक बार्ड़र) के पास ममी वाले गियु गाँव तक (चीन की सीमा सिर्फ़ दो किमी) 
14- गियु में लामा की 500 वर्ष पुरानी ममी देखकर टाबो की मोनेस्ट्री तक
15- ताबो मोनेस्ट्री जो 1000 वर्ष पहले बनायी गयी थी।
16- ताबो से धनकर मोनेस्ट्री पहुँचने में कुदरत के एक से एक नजारे
17- धनकर गोम्पा (मठ) से काजा
18- की गोम्पा (मठ) व सड़क से जुड़ा दुनिया का सबसे ऊँचा किब्बर गाँव (अब नहीं रहा)
20- कुन्जुम दर्रे के पास (12 km) स्थित चन्द्रताल की बाइक व ट्रेकिंग यात्रा
21- चन्द्रताल मोड बातल से ग्रामफ़ू होकर रोहतांग दर्रे तक
22- रोहतांग दर्रे पर वेद व्यास कुन्ड़ जहां से व्यास नदी का आरम्भ होता है।
23- मनाली का वशिष्ट मन्दिर व गर्म पानी का स्रोत

KINNAUR, LAHUL SPITI, BIKE TRIP-18                                       SANDEEP PANWAR

हिमाचल के दुर्गम पहाडों के बीच काजा स्थित है। दुर्गम पहाडों के हिसाब से काजा एक अच्छा खासा शहर है। हर तरह की सुख सुविधाएँ यहाँ उपलब्ध है। काजा समुन्द्रतल से 3650 मीटर अर्थात 11980 से 12500 फ़ुट की ऊँचाई पर बसा हुआ है। हमने काजा में घुसते ही पैट्रोल पम्प के बारे में जानकारी ली। शिमला की तरफ़ से आते हुए पैट्रोल पम्प उल्टे हाथ मिलता है। बाइक में सांगला से टैंक फ़ुल कराकर चले थे। सांगला से यहाँ तक कोई पैट्रोल पम्प दिखाई नहीं दिया। हो सकता है कि बीच में आने वाले कस्बे पूह में कही रहा हो, लेकिन हमें दिखाई नहीं दिया। 


शनिवार, 21 दिसंबर 2013

Dhankar Monastery To Kaja धनकर गोम्पा (मठ) से काजा

किन्नौर व लाहौल-स्पीति की बाइक यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये है।
11- सतलुज व स्पीति के संगम (काजिंग) से नाको गाँव की झील तल
12- नाको गाँव की झील देखकर खतरनाक मलिंग नाला पार कर खरदांगपो तक
13- खरदांगपो से सुमडो (कौरिक बार्ड़र) के पास ममी वाले गियु गाँव तक (चीन की सीमा सिर्फ़ दो किमी) 
14- गियु में लामा की 500 वर्ष पुरानी ममी देखकर टाबो की मोनेस्ट्री तक
15- ताबो मोनेस्ट्री जो 1000 वर्ष पहले बनायी गयी थी।
16- ताबो से धनकर मोनेस्ट्री पहुँचने में कुदरत के एक से एक नजारे
17- धनकर गोम्पा (मठ) से काजा
18- की गोम्पा (मठ) व सड़क से जुड़ा दुनिया का सबसे ऊँचा किब्बर गाँव (अब नहीं रहा)
20- कुन्जुम दर्रे के पास (12 km) स्थित चन्द्रताल की बाइक व ट्रेकिंग यात्रा
21- चन्द्रताल मोड बातल से ग्रामफ़ू होकर रोहतांग दर्रे तक
22- रोहतांग दर्रे पर वेद व्यास कुन्ड़ जहां से व्यास नदी का आरम्भ होता है।
23- मनाली का वशिष्ट मन्दिर व गर्म पानी का स्रोत

KINNAUR, LAHUL SPITI, BIKE TRIP-17                                       SANDEEP PANWAR

धनकर गोम्पा समुन्द्र तल से 3894 मीटर ऊँचा है। गोम्पा तक पहुँचने के लिये मिट्टी की मिसाइल जैसी चट्टानों से बचते हुए निकलना पड़ता है। धनकर मठ से सिर्फ़ आठ-दस मीटर पहले तक हमारी बाइक पहुँच गयी थी जिससे पैदल चलने की नौबत नहीं आयी। बाइक से उतरते ही मठ के आसपास के फ़ोटो लेने शुरु कर दिये। इस मठ से थोड़ा हटकर एक किला भी बताया गया था। वहाँ खड़े एक बन्दे से किले के बारे में पूछा तो जवाब मिला कि किले में मरम्मत कार्य चल रहा है। किला काफ़ी जर्जर हो चुका है। मनु ऊपर की ओर चला गया जबकि राकेश और मैं मोनेस्ट्री देखने चल दिये।

शुक्रवार, 20 दिसंबर 2013

Tabo to Dhankar Monastery, Spiti ताबो से धनकर मोनेस्ट्री

किन्नौर व लाहौल-स्पीति की बाइक यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये है।
11- सतलुज व स्पीति के संगम (काजिंग) से नाको गाँव की झील तल
12- नाको गाँव की झील देखकर खतरनाक मलिंग नाला पार कर खरदांगपो तक
13- खरदांगपो से सुमडो (कौरिक बार्ड़र) के पास ममी वाले गियु गाँव तक (चीन की सीमा सिर्फ़ दो किमी) 
14- गियु में लामा की 500 वर्ष पुरानी ममी देखकर टाबो की मोनेस्ट्री तक
15- ताबो मोनेस्ट्री जो 1000 वर्ष पहले बनायी गयी थी।
16- ताबो से धनकर मोनेस्ट्री पहुँचने में कुदरत के एक से एक नजारे
17- धनकर गोम्पा (मठ) से काजा
18- की गोम्पा (मठ) व सड़क से जुड़ा दुनिया का सबसे ऊँचा किब्बर गाँव (अब नहीं रहा)
20- कुन्जुम दर्रे के पास (12 km) स्थित चन्द्रताल की बाइक व ट्रेकिंग यात्रा
21- चन्द्रताल मोड बातल से ग्रामफ़ू होकर रोहतांग दर्रे तक
22- रोहतांग दर्रे पर वेद व्यास कुन्ड़ जहां से व्यास नदी का आरम्भ होता है।
23- मनाली का वशिष्ट मन्दिर व गर्म पानी का स्रोत

KINNAUR, LAHUL SPITI, BIKE TRIP-16                                       SANDEEP PANWAR

ताबो मोनेस्ट्री सुबह के समय देखी जा सकती थी लेकिन चित्रकारी वाले कमरों में फ़ोटो लेनी पर रोक होने के कारण, हमारी रुचि ताबो मोनेस्ट्री स्थित चित्रकारी वाले कमरों को देखने में नहीं रह गयी थी। मोनेस्ट्री में चित्रकारी वाले कमरे सुबह 9 बजे के बाद बाहरी लोगों के लिये खोले जाते है। इस प्रकार ताबो से चित्रकारी देखने के बाद चलने में ही 10 बज जायेंगे। मैंने कह दिया, मुझे नहीं जाना मोनेस्ट्री देखने? स्पीति में आगे और बहुत सारी मोनेस्ट्री आयेंगी, उन्हे देख लेंगे। सामने वाले पहाड़ पर हिमालय की अजंता ऐलौरा वाली गुफ़ाएँ बतायी गयी थी। अब उन्हे भी छोड़ दिया गया। अगले साल एक बार फ़िर इस मार्ग पर अपनी यात्रा की सम्भावना है बचे कुचे स्थल उस यात्रा के लिये भी रहने चाहिए ना। यदि सब कुछ एक बार में ही देख लिया तो उसके बाद यहाँ घन्टा बजाने के लिये नहीं बचेगा। सामने वाले पहाड़ पर ऊपर की ओर तिब्बती भाषा में कुछ लिखा था, हमारे पल्ले नहीं पड़ा कि क्या लिखा था।

गुरुवार, 19 दिसंबर 2013

1000 years old Tabo Monastery ताबो की एक हजार साल पुरानी मोनेस्ट्री

किन्नौर व लाहौल-स्पीति की बाइक यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये है।
11- सतलुज व स्पीति के संगम (काजिंग) से नाको गाँव की झील तल
12- नाको गाँव की झील देखकर खतरनाक मलिंग नाला पार कर खरदांगपो तक
13- खरदांगपो से सुमडो (कौरिक बार्ड़र) के पास ममी वाले गियु गाँव तक (चीन की सीमा सिर्फ़ दो किमी) 
14- गियु में लामा की 500 वर्ष पुरानी ममी देखकर टाबो की मोनेस्ट्री तक
15- ताबो मोनेस्ट्री जो 1000 वर्ष पहले बनायी गयी थी।
16- ताबो से धनकर मोनेस्ट्री पहुँचने में कुदरत के एक से एक नजारे
17- धनकर गोम्पा (मठ) से काजा
18- की गोम्पा (मठ) व सड़क से जुड़ा दुनिया का सबसे ऊँचा किब्बर गाँव (अब नहीं रहा)
20- कुन्जुम दर्रे के पास (12 km) स्थित चन्द्रताल की बाइक व ट्रेकिंग यात्रा
21- चन्द्रताल मोड बातल से ग्रामफ़ू होकर रोहतांग दर्रे तक
22- रोहतांग दर्रे पर वेद व्यास कुन्ड़ जहां से व्यास नदी का आरम्भ होता है।
23- मनाली का वशिष्ट मन्दिर व गर्म पानी का स्रोत

KINNAUR, LAHUL SPITI, BIKE TRIP-15                                       SANDEEP PANWAR

ताबो में हाई वे के बोर्ड पर काजा की दूरी 46 किमी लिखी हुई थी। बोर्ड का फ़ोटो लेकर ताबो मोनेस्ट्री देखने के लिये मुड़ गये। ताबो में प्रवेश करने के लिये एक दरवाजे से होकर आगे जाना पड़ता है। कुछ बच्चे वहाँ खेल रहे थे उनसे ताबो मोनेस्ट्री के बारे में पता किया। इस दरवाजे को पार कर उल्टे हाथ जाने पर हैलीपेड़ आता है जबकि सीधे हाथ जाने पर ताबो की मोनेस्ट्री देखने जाते है। हमारा इरादा ताबो मोनेस्ट्री देखकर आगे काजा की ओर निकलने का था। मोनेस्ट्री के मुख्य गेट से परिसर में घुस गये। हमने अपनी बाइके एक किनारे खड़ी कर दी। सामने ही तिब्बती स्मारक रुपी निशान दिखाई दे रहा था। इसके फ़ोटो मोनेस्ट्री देखने के बाद वापसी में लिये थे जबकि आपको पहले दिखाये गये है।


बुधवार, 18 दिसंबर 2013

500 years old Gue Lama's Mummy to Tabo गियु लामा की ममी से ताबो (टाबो) तक

किन्नौर व लाहौल-स्पीति की बाइक यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये है।
11- सतलुज व स्पीति के संगम (काजिंग) से नाको गाँव की झील तल
12- नाको गाँव की झील देखकर खतरनाक मलिंग नाला पार कर खरदांगपो तक
13- खरदांगपो से सुमडो (कौरिक बार्ड़र) के पास ममी वाले गियु गाँव तक (चीन की सीमा सिर्फ़ दो किमी) 
14- गियु में लामा की 500 वर्ष पुरानी ममी देखकर टाबो की मोनेस्ट्री तक
15- ताबो मोनेस्ट्री जो 1000 वर्ष पहले बनायी गयी थी।
16- ताबो से धनकर मोनेस्ट्री पहुँचने में कुदरत के एक से एक नजारे
17- धनकर गोम्पा (मठ) से काजा
18- की गोम्पा (मठ) व सड़क से जुड़ा दुनिया का सबसे ऊँचा किब्बर गाँव (अब नहीं रहा)
20- कुन्जुम दर्रे के पास (12 km) स्थित चन्द्रताल की बाइक व ट्रेकिंग यात्रा
21- चन्द्रताल मोड बातल से ग्रामफ़ू होकर रोहतांग दर्रे तक
22- रोहतांग दर्रे पर वेद व्यास कुन्ड़ जहां से व्यास नदी का आरम्भ होता है।
23- मनाली का वशिष्ट मन्दिर व गर्म पानी का स्रोत

KINNAUR, LAHUL SPITI, BIKE TRIP-14                                                SANDEEP PANWAR

सुमडो से दो किमी आगे जाने पर गियु मोड़ आता है गियु मोड़ वाली जगह समुन्द्र तल से 3100 मीटर की ऊँचाई पर है। जबकि गियु गाँव में ममी वाला मन्दिर समुन्द्र तल से 3700 मीटर ऊँचाई पर है। हाईवे से मात्र 8 किमी आने में ही ऊँचाई 600 मीटर चढने में बाइक की कड़ी मेहनत हो जाती है। गियु गांव में घुसते ही हमें ममी का ठिकाना पता करने की जरुरत नहीं पड़ी। एक जीप ममी देखने जा रही थी। हम भी उनके पीछे-पीछे चल दिये। जीप वाले गाँव में घुसने के बाद ममी का पता ठिकाना पता करने के लिये एक दुकान पर रुक गये। दुकान वाले ने उन्हे बताया कि आप गाँव से ऊपर निकल जाओ। यह मार्ग लामा की ममी वाले मन्दिर तक ही जाता है। दुकान वाले की बाते सुनकर हम जीप से पहले चल दिये। गाँव से एक किमी आगे ऊपर की ओर जाने पर उल्टे हाथ ममी का मन्दिर आ गया।


मंगलवार, 17 दिसंबर 2013

Khurdangpo- Sumdo (kaurik Border)- Gue Village खरदांगपो से सुमडो (कौरिक बार्ड़र) होकर गियु ममी वाले गाँव तक

किन्नौर व लाहौल-स्पीति की बाइक यात्रा के सभी लेख के लिंक नीचे दिये है।
11- सतलुज व स्पीति के संगम (काजिंग) से नाको गाँव की झील तल
12- नाको गाँव की झील देखकर खतरनाक मलिंग नाला पार कर खरदांगपो तक
13- खरदांगपो से सुमडो (कौरिक बार्ड़र) के पास ममी वाले गियु गाँव तक (चीन की सीमा सिर्फ़ दो किमी) 
14- गियु में लामा की 500 वर्ष पुरानी ममी देखकर टाबो की मोनेस्ट्री तक
15- ताबो मोनेस्ट्री जो 1000 वर्ष पहले बनायी गयी थी।
16- ताबो से धनकर मोनेस्ट्री पहुँचने में कुदरत के एक से एक नजारे
17- धनकर गोम्पा (मठ) से काजा
18- की गोम्पा (मठ) व सड़क से जुड़ा दुनिया का सबसे ऊँचा किब्बर गाँव (अब नहीं रहा)
20- कुन्जुम दर्रे के पास (12 km) स्थित चन्द्रताल की बाइक व ट्रेकिंग यात्रा
21- चन्द्रताल मोड बातल से ग्रामफ़ू होकर रोहतांग दर्रे तक
22- रोहतांग दर्रे पर वेद व्यास कुन्ड़ जहां से व्यास नदी का आरम्भ होता है।
23- मनाली का वशिष्ट मन्दिर व गर्म पानी का स्रोत

KINNAUR, LAHUL SPITI, BIKE TRIP-13                                 SANDEEP PANWAR

मलिंग नाले पर ड़रावनी जगह पार करने के बाद जो उतराई आती है। वह कई किमी लम्बी चली। इस उतराई में आगे जाने पर काजिंग जैसे लूप वाली उतराई भी आयी। मनु हमारे पीछे आ रहा था। मनु का इरादा यहाँ के पहाड़ में हुई कटिंग को नजदीक से देखने का था। सुनहरे व भूरे रंग के पहाड़ की कटिंग देखकर लेह वाली यात्रा से इसकी तुलना होने लगी। कटिंग वाला पहाड़ देखने में ऐसा लगता था जैसे पहाड़ को बारिश के पानी ने घिस कर डिजाइन बनाया हो। कटिंग वाले पहाड़ के ऊपर पहुँच चुके थे। जिस पहाड़ पर हम खड़े थे उसके सामने वाली पहाडी पर भी कुदरत का नायाब नमूना दिखायी दे रहा था। अब तक मनु हमारे पास आ चुका था। मनु ने आते ही हम दोनों को जमकर सुनायी कि सामने वाले पहाड़ पर इस डिजाइन के बीच खड़े होकर फ़ोटो खिचवा सकते थे। तुम्हे तो भागने की मची रहती है। अब 1 किमी आगे निकल आये चलो। अच्छा वापिस चलते है। वापिस जाने को कोई तैयार नहीं हुआ।


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