EAST COAST TO WEST COAST-28 SANDEEP PANWAR
महालक्ष्मी मन्दिर देखने जाते समय हमने एक टेक्सी पकड़ी। बोम्बे का यह फ़ायदा है कि यदि लम्बी दूरी तय करनी हो तो बस व लोकल रेल सेवा सस्ती व सुलभ साधन है लेकिन यदि छोटी दूरी तय करनी हो तो टैक्सी सबसे अच्छा साधन है। सड़क पर हम जहाँ टैक्सी से उतरे थे उसके ठीक सामने एक मन्दिर दिखायी दे रहा था। विशाल बोला चलो संदीप भाई पहले इसी मन्दिर से शुरुआत करते है। चल भाई मन्दिर कोई भी हो उससे अपुन को कोई फ़र्क नहीं पड़ता है। भगवान यदि कही है तो वह जरुर अपने हर मन्दिर में भी निवास करते होंगे, और यदि नहीं है तो फ़िर चाहे केदारनाथ हो या अमरनाथ फ़िर कही भगवान नहीं मिलने वाले। जिस मन्दिर में हम सबसे पहले पहुँचे उसका नाम है त्रयम्बकेश्वर महादेव मन्दिर।
महालक्ष्मी मन्दिर देखने जाते समय हमने एक टेक्सी पकड़ी। बोम्बे का यह फ़ायदा है कि यदि लम्बी दूरी तय करनी हो तो बस व लोकल रेल सेवा सस्ती व सुलभ साधन है लेकिन यदि छोटी दूरी तय करनी हो तो टैक्सी सबसे अच्छा साधन है। सड़क पर हम जहाँ टैक्सी से उतरे थे उसके ठीक सामने एक मन्दिर दिखायी दे रहा था। विशाल बोला चलो संदीप भाई पहले इसी मन्दिर से शुरुआत करते है। चल भाई मन्दिर कोई भी हो उससे अपुन को कोई फ़र्क नहीं पड़ता है। भगवान यदि कही है तो वह जरुर अपने हर मन्दिर में भी निवास करते होंगे, और यदि नहीं है तो फ़िर चाहे केदारनाथ हो या अमरनाथ फ़िर कही भगवान नहीं मिलने वाले। जिस मन्दिर में हम सबसे पहले पहुँचे उसका नाम है त्रयम्बकेश्वर महादेव मन्दिर।
इस मन्दिर में दर्शन करने के उपराँत विशाल
अपने कैमरे से मन्दिर के चारों ओर के फ़ोटो लेने लगा। मेरे पास मोबाइल वाला कैमरा
था मुझे जो फ़ोटो लेने थे मैंने मन्दिर में घुसते ही ले लिये थे। जब विशाल मन्दिर
के लगभग हर कोण हर मूर्ति के फ़ोटो ले चूका तो एक बन्दा जोर से चिल्लाया यहाँ फ़ोटो
लेना मना। लेकिन कहाँ लिखा है? कैमरा दिखाओ! विशाल ने यहाँ चतुराई व समझदारी से
काम लिया। जैसे ही मन्दिर वाला सेवक मन्दिर के लिये गये फ़ोटो देखने नजदीक आया तो
विशाल ने कल वाले माथेरान के फ़ॊटो दिखाने शुरु कर दिये। माथेरान के फ़ोटो देखने के
चक्कर में मन्दिर के फ़ोटो वाली बात पीछे रह गयी।
इस मन्दिर को देखने के बाद हम दोनों
महालक्ष्मी मन्दिर वाली गली की ओर चल दिये। अभी महालक्ष्मी कुछ दूरी पर ही रह गया
था लेकिन उससे कुछ पहले उल्टे हाथ परमरामेश्वर महादेव मन्दिर दिखायी दिया। यह
मन्दिर देखने में ही काफ़ी पुराना लग रहा था। हम दोनों ने आँखों ही आँखों में इस
मन्दिर को देखने की हाँ कर ड़ाली। यह मन्दिर बेहद ही कम जगह मे बना हुआ है। मुश्किल
से सौ गज की जगह इस मन्दिर के लिये बची होगी। इतना पुराना मन्दिर और इतनी कम जगह,
कुछ तो गड़बड़ है? इस मन्दिर का गर्भगृह सड़क के मुकाबले काफ़ी गहराई में बना हुआ है।
यहाँ दर्शन करते समय विशाल ने पुजारी महोदय से पूछा कि क्या मैं मन्दिर का फ़ोटो ले
सकता हूँ। पुजारी जी वैसे तो उस समय पूजा में वयस्त थे उन्होंने कहा कि कोई बात
नहीं, एक क्या आप जितने जी चाहे उतने फ़ोटो ले सकते है।
इस मन्दिर के फ़ोटो लेकर आगे बढ़ने के अलावा
और कोई चारा नहीं था। इस मन्दिर से जैसे ही आगे बढ़े तो महालक्ष्मी मन्दिर वाली गली
आरम्भ हो गयी। यहाँ पर इस मन्दिर की सुरक्षा में तैनात एक पुलिस वाला विशाल का
कैमरा देखकर बोला इस गली में फ़ोटो लेना मना है अपना कैमरा अन्दर रख लीजिए। जो जी
कर लो बात अब तक यह तो देखते आये थे कि मन्दिर में फ़ोटो लेने मना है, लेकिन मन्दिर
वाली गली में भी फ़ोटो लेना मना है यह पहली बार सुन रहे थे। कैमरा बन्द कर जेब में
रख लिया तो पुलिस वाले को चैन आया। हम अभी महालक्ष्मी मन्दिर से कुछ मीटर पहले ही
थे कि उल्टे हाथ एक और मन्दिर का बोर्ड़ दिखायी दिया। जिसका नाम धाकलेश्वर महादेव
मन्दिर है।
इसे देखने के लिये एक अन्य गली में कुछ
मीटर जाना पड़ता है। यहाँ मन्दिर के बाहर ही कमल के फ़ूल बिक्री के लिये उपलब्ध थे।
उत्तर भारत में कमल का फ़ूल दुर्लभ होता जा रहा है। दक्षिण भारत में आज भी कमल का
फ़ूल आसानी से मिल जाता है। मैंने यहाँ दो कमल के फ़ूल ले लिये। जिसमें से एक विशाल
के घर छोड़ दिया गया था। फ़ूल वाले की दुकान के ठीक सामने से मन्दिर में चढ़ने के
लिये सीढियाँ बनी हुई है। सीढियाँ चढ़कर हम मन्दिर में पहुँचे। यहाँ मन्दिर में
हमारे अलावा और कोई दिखायी नहीं दे रहा था। इसका कारण यही होगा कि यह मन्दिर
महालक्ष्मी मन्दिर के एकदम नजदीक है आम लोग इसे कम महत्व दे रहे है। इस मन्दिर को
देखने के बाद महालक्ष्मी मन्दिर की ही बारी थी।
महालक्ष्मी मन्दिर पहुँचने के लिये
मुश्किल से 150 कदम की दूरी तय करनी बाकि थी। जल्द ही यह दूरी भी तय हो
गयी। इस मन्दिर में पहुँचने के लिये काफ़ी सारी सीढियाँ चढ़कर मन्दिर तक पहुँचना होता
है। मन्दिर की सीढियों से पहले हमारी सुरक्षा जाँच की गयी वही हमें बता दिया गया
कि अपने कैमरे को ऊपर जाते ही जमा करा दीजिएगा। ऊपर जाते ही एक मशीन से होकर हम
गये। वहाँ हमें बोला गया कि अपना कैमरा जमा करा दीजिए, वापसी में आपको कैमरा मिल
जाएगा। मोबाइल यहाँ जमा नहीं कराया जा रहा था। यदि किसी को बम ही फ़ोड़ना होगा तो
मोबाइल क्या किसी बम से कम है?
महालक्ष्मी
मन्दिर में दर्शन करने के लिये थोड़ी सी लम्बी यही कोई दस-बारह मीटर लम्बी लाइन लगी
हुई थे। पहली और आखिरी बार इस मन्दिर में आया था तो वह लाइन झेलनी ही थी। यहाँ
लाइन आगे नहीं बढ़ रही थी, आगे देखने पर पता लगा कि मन्दिर का ट्रस्टी खुद दर्शन
करने आया हुआ है। उसी के कारण आम लोगों को रोककर रखा गया है। लाइन में लगे लोगों
ने इस पर एतराज किया तो एक किनारे से लोगों के दर्शन आरम्भ हो गये। जल्द ही हमारा
भी नम्बर आया। जय माता दी बोल हम वापसी के लिये बढ़ चले।
महालक्ष्मी मन्दिर से बाहर आते समय विशाल
ने अपना कैमरा वापिस लिया। सीढियां उतरने के बाद विशाल ने उस गली का एक फ़ोटो ले
लिया जिस पर फ़ोटो लेने की मनाही बतायी गयी थी। यहाँ से पैदल ही सड़क की ओर बढ़ चले।
अब जिस गली से हम चले जा रहे थे उसके सीधे हाथ पाताली हनुमान मन्दिर दिखायी दिया।
विशाल बोला चलो संदीप भाई इसे भी देख आते है। ना भाई मैं नहीं जा इसे देखने, तुम
फ़ोटो ले आओ, मैं उससे काम चला लूँगा। विशाल पाताली हनुमान मन्दिर के दर्शन कर आया,
साथ ही फ़ोटो भी लेकर आया। अगर विशाल इस यात्रा में अपने कैमरे के साथ विराजमान
नहीं होता तो बहुत सारे फ़ोटो आप लोग नहीं देख पाते। अब हम बाबुलनाथ मन्दिर की ओर
जा रहे थे। (क्रमश:)
विशाखापटनम-श्रीशैल-नान्देड़-बोम्बे-माथेरान यात्रा के आंध्रप्रदेश इलाके की यात्रा के क्रमवार लिंक नीचे दिये गये है।
15. महाराष्ट्र के एक गाँव में शादी की तैयारियाँ।
04. विशाखापट्टनम का कब्रगाह, और भीम-बकासुर युद्ध स्थल।
विशाखापटनम-श्रीशैल-नान्देड़-बोम्बे-माथेरान यात्रा के महाराष्ट्र यात्रा के क्रमवार लिंक नीचे दिये गये है।
16. महाराष्ट्र की ग्रामीण शादी का आँखों देखा वर्णन।
17. महाराष्ट्र के एक गाँव के खेत-खलिहान की यात्रा।
18. महाराष्ट्र के गाँव में संतरे के बाग की यात्रा।
19. नान्देड़ का श्रीसचखन्ड़ गुरुद्धारा
20. नान्देड़ से बोम्बे/नेरल तक की रेल यात्रा।
21. नेरल से माथेरान तक छोटी रेल (जिसे टॉय ट्रेन भी कहते है) की यात्रा।
22. माथेरान का खन्ड़ाला व एलेक्जेन्ड़र पॉइन्ट।
23. माथेरान की खतरनाक वन ट्री हिल पहाड़ी पर चढ़ने का रोमांच।
24. माथेरान का पिसरनाथ मन्दिर व सेरलेक झील।
25. माथेरान का इको पॉइन्ट व वापसी यात्रा।
26. माथेरान से बोम्बे वाया वसई रोड़ मुम्बई लोकल की भीड़भरी यात्रा।
विशाखापटनम-श्रीशैल-नान्देड़-बोम्बे-माथेरान यात्रा के बोम्बे शहर की यात्रा के क्रमवार लिंक नीचे दिये गये है।
27. सिद्धी विनायक मन्दिर व हाजी अली की कब्र/दरगाह
28. महालक्ष्मी मन्दिर व धकलेश्वर मन्दिर, पाताली हनुमान।
29. मुम्बई का बाबुलनाथ मन्दिर
30. मुम्बई का सुन्दरतम हैंगिग गार्ड़न जिसे फ़िरोजशाह पार्क भी कहते है।
31. कमला नेहरु पार्क व बोम्बे की बस सेवा बेस्ट की सवारी
32. गिरगाँव चौपाटी, मरीन ड्राइव व नरीमन पॉइन्ट बीच
33. बोम्बे का महल जैसा रेलवे का छत्रपति शिवाजी टर्मिनल
34. बोम्बे का गेटवे ऑफ़ इन्डिया व ताज होटल।
35. मुम्बई लोकल ट्रेन की पूरी जानकारी सहित यात्रा।
36. बोम्बे से दिल्ली तक की यात्रा का वर्णन
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you for giving time to read post comment on Jat Devta Ka Safar.
Your comments are the real source of motivation. If you arer require any further information about any place or this post please,
feel free to contact me by mail/phone or comment.