पेज

शनिवार, 30 जून 2012

HIMACHAL RING ROAD हिमाचल रिंग रोड


हर साल की तरह इस साल भी अपना एक धमाकेदार हिमालय यात्रा का कार्यक्रम कई महीने पहले से ही बना लिया गया था। इस साल हिमाचल प्रदेश के रिंग रोड करने का बना लिया गया है वैसे तो हर साल जुलाई में- मैं व मेरे साथी बाइक से ही यात्रा करना पसन्द करते है लेकिन इस साल बाइक के साथ एक स्कारपियो भी हमारे साथ जा रही है। सबसे पहले मैंने बाइक से यह यात्रा करने के बारे में अपने ब्लॉग के सूचना पट में लिख दिया था जिससे फ़ायदा यह होता है कि कोई पाठक भी हमारे साथ जाने का इच्छुक हो तो समय रहते वो भी अपनी तैयारी कर सकता है, 

सबसे पहले तो सिर्फ़ दो ही बाइक इस यात्रा के तैयार हुई थी एक मेरी दूसरी मनु प्रकाश त्यागी की, लेकिन जैसे जैसे समय बीतता रहा वैसे ही दिल्ली के दरियापुर गाँव के रहने वाले राजेश सहरावत ने भी फ़ोन से अपने इरादे जाहिर कर दिये कि मैं भी इस यात्रा में जाऊँगा। 

लेकिन जैसे-जैसे समय नजदीक आता गया, वैसे-वैसे राजेश भाई का कार्यक्रम बाइक की जगह कार से यात्रा करने का करने लगा। मैंने उन्हें समझाया कि भाई यह रूट कार के लायक बिल्कुल भी नहीं है, आपकी कार सडक के बडे-बडे खडडों में अटक जायेगी, तो उन्होंने कहा कि जीप ले चलूं, मुझे पता था कि उनके पास जीप नहीं है, और रही बात कोई जीप वाला ऐसी मस्तानी सुन्दर जगह पर वो भी आठ-दस दिन के लिये आसानी से क्यों जायेगा? हम जैसे तो इसलिये चले जाते है कि हमे पहाडों से दीवानगी की हद से भी ज्यादा प्यार है। श्रीखण्ड यात्रा जो हमने पिछले साल ही बाइक से की थी उसके एक साथी विपिन ने पहले से अपनी एडवांस बुकिंग मेरी बाइक पर की हुई थी। 


राजेश भाई के साथ चलने की हाँ के बाद अब हमारी तीन बाइक हो गयी थी, एक मेरी, दूसरी राजेश भाई की, तीसरी मनु त्यागी की। लेकिन जब राजेश भाई ने कहा कि मेरा एक दोस्त अपनी स्कारपियो लेकर जाने को तैयार है। राजेश भाई ने तो यहाँ तक भी कह दिया था कि गाडी का आधा खर्चा मेरा आधा तुम सब कर देना। लेकिन मैं उसी दोस्ती को ठीक मानता हूँ जिसका नियम हो, दोस्ती पक्की लेकिन खर्चा अपना-अपना। जिस भाई की गाडी नाम मुझे अभी तक मालूम नहीं है उस भाई ने एक मुश्किल और आसान कर दी है कि वह स्वयं हमारे साथ जा रहे है। उनका इतना एहसान ही बहुत रहेगा कि वह स्वयं गाडी चलायेंगे। वैसे गाडी चलाने वाले राजेश भाई के अलावा, सदीप पवाँर, मनु प्रकाश त्यागी भी है। विपिन गाडी बाइक चलाने के मामले में एकदम बेकार है। मेरे साथ बाइक पर हर की दून की यात्रा करने वाले धर्मेन्द्र सांगवान ने भी इस यात्रा में साथ निभाने की हाँ कर दी है। अत: सब कुछ साफ़ है हम कुल छ: लोग जाने को तैयार है। 

गाडी की सवारी पूरी होने के बाद एक काफ़ी पुराने बाइक वाले साथी का फ़ोन आया कि मैं भी साथ चलूँगा। अब क्या कर सकते थे, मैंने उन्हे मना कर दिया कि नहीं गाडी में हम छ: लोग से ज्यादा नहीं जायेंगे। लेकिन लेह-लद्द्धाख यात्रा बाइक पर मेरे साथ करने वाले संतोष तिडके व ढिल्लू महाराज उर्फ़ गजानंद ने कहा कि हम तो नान्देड महाराष्ट्र से ही बाइक से आयेंगे और बाइक पर ही यह यात्रा करेंगे। उनकी यह बात सुनकर अपनी खुशी दुगनी हो गयी कि चलो अब आयेगा असली मजा, जब मन किया बाइक पर बैठ लेंगे और जब मन किया गाडी में बैठ लेंगे। हमारे पास दोनों वाहनों के मजे रहेंगे। उनके साथ एक बाइक और रहेगी।

हमारी यह यात्रा दिल्ली से 7 जुलाई 2012 की आधी रात को शुरु हो जायेगी, जो अगली सुबह नैना देवी पहुँच जायेगी। उसके बाद हिमाचल के चम्बा जायेगी, वहाँ मणिमहेश के दर्शन करेगी। उसके बाद साच पास पार करके उदयपुर होते हुए, लाहौल-स्पीति, काजा, रिकांगपियो, छितकुल, किन्नौर आदि कई स्थानों से होती हुई अन्त में रोहडू, पौंटा साहिब से होते हुए रेणुका झील पर स्नान कर दिल्ली के लिये प्रस्थान करेगी। अभी के लिये इतना काफ़ी है, बाकि विस्तार से यात्रा से आने के बाद बताया जायेगा।

 मैंने दो महीनों से कोई नई पोस्ट नहीं डाली है जबकि इसी बीच मैं गुजरात व राजस्थान घूम आया हूँ। रही ढेर सारी पुरानी यात्राएँ भी अभी बाकि है क्या करुँ? मेरा मन लिखने से ज्यादा घूमने को करता है। जैसे-जैसे मन करेगा, लिखता भी रहूँगा।  

22 टिप्‍पणियां:

  1. sandip bhai,post karte rahiye,aapke saath judna achchha lagta hai,thanks.

    जवाब देंहटाएं
  2. हिमाचल की रिंग रोड यात्रा, गज़ब, एक से एक सुन्दर द्रश्य और रोमांच, मज़ा आ जाएगा, अप सब की यात्रा के लिए बहुत बहुत शुभ कामनाये..

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत दिनों बाद दिखाई दिए ..हिमाचल की सैर....?.सैर मास्टर कैसे हॊ..?

    जवाब देंहटाएं
  4. शुभकामनायें
    फोटुओं का इंतजार रहेगा

    प्रणाम

    जवाब देंहटाएं
  5. जब घूमेगें तभी तो लिखेंगे....

    घुम्मकड़ी जिंदाबाद.

    जवाब देंहटाएं
  6. यह तो रही यात्रा की भूमिका. यात्रा विवरण का प्रतीक्षा रहेगी.

    जवाब देंहटाएं
  7. हिमाचल की रिंग रोड यानि लाहौल स्पीति से चाको टाबो होते हुए किन्नौर रामपुर शिमला -- इस रूट पर जाने का अपना भी हमेशा मन रहा है . लेकिन सोचते सोचते ही बूढ़े हो गए . :)
    शुभकामनायें आपकी मित्र मंडली को .

    जवाब देंहटाएं
  8. jai ho.........is yatra ki aapko or aapke sabhi dosto ko shubhkamnayen...

    जवाब देंहटाएं
  9. चलो घुम कर आओ, फ़िर मिलते हैं। शुभ यात्रा

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत ही सुन्दर भूमिका लिखी है आपने अपनी आगामी यात्रा की.
    आपके संस्मरण चित्रों सहित लाजबाब होते हैं.

    चलते रहिये और लिखते भी रहिये.
    समय मिले तो ब्लॉग जगत की सैर करते हुए
    मेरे ब्लॉग पर भी आईएगा.

    जवाब देंहटाएं
  11. ......वापसी पर आपका स्वागत है बहुत बहुत शुभ कामनाये !

    जवाब देंहटाएं
  12. रिंग रोड यात्रा के लिए शुभ कामनाएं...यात्रा के पड़ाव और डिटेल भी पोस्ट कीजिये...

    जवाब देंहटाएं
  13. भाई संदीप, हिमाचल रिंग रोड यात्रा के लिए ढेर सारी शुभकामनायें आपको व् आपके सह यात्रिओं के लिए. लौट कर जल्दी ही सारा वर्णन विस्तार से लिखिए.

    जवाब देंहटाएं
  14. बेट्टे, सही भूमिका खेंची है:)
    तसल्ली से घूम लो, तसल्ली से लिखना हम भी तसल्ली से पढेंगे|

    जवाब देंहटाएं
  15. आपकी यात्रा के लिए आपको ढेरों शुभकामनायें. वापसी के बाद पोस्ट का इंतज़ार रहेगा.

    जवाब देंहटाएं
  16. हा हा हा हा, गये थे हिमाचल की परिक्रमा करने और चले आये कांगडा जिले की परिक्रमा करके। धिक्कार है उन साथियों को जिनकी वजह से सारा कार्यक्रम धरा रह गया। अब अगले साल फिर से सोचना पडेगा।

    जवाब देंहटाएं
  17. हा हा हा हा, गये थे हिमाचल की परिक्रमा करने और चले आये कांगडा जिले की परिक्रमा करके।
    धिक्कार है उन साथियों को जिनकी वजह से सारा कार्यक्रम धरा रह गया। अब अगले साल इसके बारे में फिर से सोचना पडेगा।

    जवाब देंहटाएं
  18. आपका लेख दिलचस्प है। लगता है मानो सब सामने ही हो रहा है।

    जवाब देंहटाएं

Thank you for giving time to read post comment on Jat Devta Ka Safar.
Your comments are the real source of motivation. If you arer require any further information about any place or this post please,
feel free to contact me by mail/phone or comment.