ताल ही ताल-
जब हम तीनों नैनी ताल झील से नाव भ्रमण करके बाहर आये तो समय देखा, कि अभी तो पाँच बजने वाले है, मेरा अब यहाँ कुछ और देखने का मन नहीं था जिस कारण दिल्ली की ओर चलने का कार्यक्रम बनने लगा, लेकिन अपने दोनों साथी का मूड देखा लो लग रहा था कि ये दोनों अभी यहाँ से चलने वाले नहीं है, इन्होंने अभी अपनी पीने की हसरत पूरी करनी थी जिस कारण यह जाने में आना-कानी कर रहे थे। हम वहाँ खडे-खडॆ सोच ही रहे थे कि क्या करे? कि तभी एक आल्टो वाला हमारे सामने आकर रुक गया और बोला काठगोदाम जाना है क्या? वैसे हमे जाना तो था ही, जिस कारण हम उसकी कार में बैठ गये। थोडी दूर जाने पर हमने उससे किराये के बारे में जानना चाहा तो उससे बताया कि 150 रु एक सवारी के लूँगा। हमने प्रति सवारी सौ रुपये उसको बोले लेकिन सौ पर वह नहीं माना जिस कारण हम एक बार फ़िर वहीं पर उतर गये। सामने ही सरकारी बसों का अडडा था जहाँ से कई जगहों की बसे चलती है। यह बस अडडा नैनीताल झील के सबसे निचले किनारे पर बना हुआ है। यहाँ जाकर मैंने दिल्ली की बस के बारे में पता करना चाहा। लेकिन काफ़ी छानबीन के बाद भी दिल्ली की ओर जाने वाली बस के बारे में सही जानकारी ना मिल सकी। उस समय वहाँ से सिर्फ़ स्थानीय बसे ही चल रही थी।
जब हम तीनों नैनी ताल झील से नाव भ्रमण करके बाहर आये तो समय देखा, कि अभी तो पाँच बजने वाले है, मेरा अब यहाँ कुछ और देखने का मन नहीं था जिस कारण दिल्ली की ओर चलने का कार्यक्रम बनने लगा, लेकिन अपने दोनों साथी का मूड देखा लो लग रहा था कि ये दोनों अभी यहाँ से चलने वाले नहीं है, इन्होंने अभी अपनी पीने की हसरत पूरी करनी थी जिस कारण यह जाने में आना-कानी कर रहे थे। हम वहाँ खडे-खडॆ सोच ही रहे थे कि क्या करे? कि तभी एक आल्टो वाला हमारे सामने आकर रुक गया और बोला काठगोदाम जाना है क्या? वैसे हमे जाना तो था ही, जिस कारण हम उसकी कार में बैठ गये। थोडी दूर जाने पर हमने उससे किराये के बारे में जानना चाहा तो उससे बताया कि 150 रु एक सवारी के लूँगा। हमने प्रति सवारी सौ रुपये उसको बोले लेकिन सौ पर वह नहीं माना जिस कारण हम एक बार फ़िर वहीं पर उतर गये। सामने ही सरकारी बसों का अडडा था जहाँ से कई जगहों की बसे चलती है। यह बस अडडा नैनीताल झील के सबसे निचले किनारे पर बना हुआ है। यहाँ जाकर मैंने दिल्ली की बस के बारे में पता करना चाहा। लेकिन काफ़ी छानबीन के बाद भी दिल्ली की ओर जाने वाली बस के बारे में सही जानकारी ना मिल सकी। उस समय वहाँ से सिर्फ़ स्थानीय बसे ही चल रही थी।