बारिश का पानी या बर्फ इन खेतों में भरा हो तो असली सीढी दिखाई दे |
दोस्तों, इस लेख की यात्रा दिनांक 11-05-2014 को की गयी थी। वैसे तो इस लेख को लिखने का कोई मन नहीं
था क्योंकि यह मेरी पहली अधूरी यात्रा थी। अधूरी सूचना के आधार पर ही यह यात्रा करने
की कोशिश की गयी थी। अधूरी सूचना वाली बात को ही इस लेख को लिखने का कारण मान कर,
मैं यह लेख लिख रहा हूँ। आजकल सोशल मीडिया फेसबुक आदि पर कुछ लोग यात्राओं के बारे
में सूचना देते रहते है कि आज इस जगह का मार्ग बन्द हो गया है या खुल गया है। आज
इस धाम का कपाट खुल गया है। ऐसी ही एक सूचना को देख मैं घर से निकल पडा था। इस
यात्रा में मेरे साथ क्या-क्या बीती वही सब कुछ इस लेख में समाहित करने की कोशिश
की गयी है।
ऊखीमठ- मध्यमहेश्वर की अधूरी यात्रा की
कहानी UKHIMATH & Madhyamaheswar an Incomplete journey.