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नील द्वीप का कुदरती पुल, इसे स्थानीय लोग हावडा पुल कहते है। |
अंडमान व
निकोबार की इस यात्रा में अभी तक
आपने मेरे साथ बहुत कुछ देखा, जैसे पोर्टब्लेयर का चिडिया टापू, डिगलीपुर में यहाँ
की सबसे ऊँची चोटी सैडल पीक, सेल्यूलर जेल, हैवलाक
द्वीप का राधा नगर बीच आदि। अब हैवलाक द्वीप के बाद एक अन्य सुन्दर से द्वीप नील
पर कदम रख रहे है। इस यात्रा को पहले लेख से पढना हो तो यहाँ माऊस से चटका लगाकर
सम्पूर्ण यात्रा वृतांत का आनन्द ले। इस लेख की
यात्रा दिनांक 27-06-2014 को की गयी थी।
नील द्वीप का कुदरती पुल (हावडा पुल)
व लक्ष्मणपुर का सूर्यास्त बीच
NATURAL BRIDGE (HAWRAH NATURAL BRIDGE) &
LAXMANPUR SUNSET BEACH, NEEL (NEILL) ISLAND, PORT BLAIR
हैवलाक से नील पहुँचने में घंटा भर से ज्यादा
का समय लग गया। देखने में भले ही नील द्वीप सामने दिखाई दे रहा हो। नील द्वीप की
जेट्टी किनारे से लगभग आधा किमी दूर समुन्द्र के अन्दर बनाई गयी है। पानी में इतने
अन्दर जेट्टी बनाने का रहस्य बाद में पता लगा। यहाँ के किनारों पर कोरल रीफ
बहुतायत में पाया जाता है जिस कारण किनारों पर गहराई भी बहुत ही कम है। कोरल रीफ
को कम से कम नुकसान हो व पानी के बडे जहाज आसानी से आवागमन कर सके। इसके लिये नील
जेट्टी पानी के आधा किमी अन्दर जाकर बनाई गयी है। जेट्टी तक पहुँचने के लिये
सीमेंटिड पुल बनाया गया है। इस पुल से होकर यात्रियों को जहाज तक पहुँचना होता है।
नील द्वीप के नीले समुन्द्र में शानदार फोटोग्राफी वातावरण बनाने में इस आधा किमी
लम्बे सीमेंटिड पुल का महत्वपूर्ण योगदान है।
यहाँ आने से पहले ही हैवलाक से ही, हमने एक वैन बुक कर ली थी। हैवलाक
में एक बन्दा हमें मिल गया था उसने सलाह दी थी कि आप नील जेट्टी पहुँचकर वहाँ गाडी
या आटो के लिये जितनी देर लगाओगे। उतने में आप अंधेरा होने से पहले एक स्थान भी
देख आओगे। पहले गाडी बुक करने का लाभ यह हुआ कि हम पहले होटल में सामान रखने के
चक्कर में नहीं पडे। हमारा होटल वैसे भी जेट्टी के पास में ही था जिसका नाम
हवा बील नेस्ट (hawa beel
nest)। हम चाहते तो
अपना सामान पहले होटल में रख भी सकते थे लेकिन होटल में रजिस्टर में नाम आदि लिखने
व कमरे में सामान आदि रखने तक आधा घंटा खराब होना तय था। शाम होने में केवल 2
घंटे बचे थे। यह समय हमारे लिये बहुत कीमती था।
अपना सामान वैन में डाला और कुदरती पुल देखने निकल पडे।