दिल्ली नगर निगम का मुख्यालय "सिविक सेन्टर" मात्र नाम नहीं है, बल्कि एक पहचान है, जिस पर दिल्ली को इसकी शानौ-शौकत पर नाज है, ये दिल्ली की सबसे विशाल व ऊंची इमारत है। यह इमारत मात्र अठाईस मंजिल जमीन से ऊपर है, व तीन मंजिल जमीन के नीचे भी है, जिसमें जमीन के नीचे केवल पार्किंग है, 101 मी ऊँची इमारत है। यह इमारत नई दिल्ली रेलवे व मेट्रो स्टेशन के पास ही है।
सडक से लिया गया फ़ोटो है।
ये कहना तो बेकार है कि ये कहाँ-कहाँ से दिखाई दे जाती है, अगर मौसम साफ़ है तो आप दिल्ली के लगभग सौ किलोमीटर लम्बे रिंग रोड पर, बनी किसी भी ऊंची बिल्डिंग से इसे देख सकते हो, ये इमारत पूरे पाँच साल में बन कर तैयार हुई है, और इसका बजट था, केवल 600 सौ करोड रुपये बनाने का, दिल्ली नगर निगम को तीन भागों में विभाजित करने का कार्य प्रगति पर है, उसके बाद देखते है, कि यह स्थल किसका कार्यालय बना रहता है। इस इमारत पर दिल्ली सरकार की नजर लगी हुई है, और भविष्य में सम्भव भी है, कि यह दिल्ली सरकार के मुख्यालय में बदल जाये।
इस ईमारत में छोटे-छोटे कमरे ना होकर, बडॆ-बडे विशाल हॉल है, जिनमें बैंक की तरह, कार्य करने के स्थल बनाये हुए है। पूरी इमारत ही पूर्णतय: वातानुकूलित है, चाहे लिफ़्ट हो या गैलरी, हर कही मौसम की मार से बचे रहते है। दिल्ली नगर निगम में कुल सवा लाख कर्मचारी कार्य करते है, जिस कारण यह विश्व का सबसे बडा नगर निगम भी है।
इस ईमारत में छोटे-छोटे कमरे ना होकर, बडॆ-बडे विशाल हॉल है, जिनमें बैंक की तरह, कार्य करने के स्थल बनाये हुए है। पूरी इमारत ही पूर्णतय: वातानुकूलित है, चाहे लिफ़्ट हो या गैलरी, हर कही मौसम की मार से बचे रहते है। दिल्ली नगर निगम में कुल सवा लाख कर्मचारी कार्य करते है, जिस कारण यह विश्व का सबसे बडा नगर निगम भी है।
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